
ITR Filing: टैक्सपेयर्स आपको मालूम हो कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 या असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन 15 सितंबर 2025 है. इस तारीख के बाद ITR दाखिल करने पर आपको लेट फाइन देना होगा. ऐसे में आप जरूरी डॉक्यूमेंट्स जुटाकर अंतिम तिथि से पहले आईटीआर जरूर दाखिल कर दें. यदि आप जॉब करते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि इनकम टैक्स बचाने के लिए आप कैसे एचआरए (HRA) क्लेम कर सकते हैं और इसके लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट्स चाहिए?
सबसे पहले जानिए क्या है HRA
हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) को ही HRA कहा जाता है. यह जॉब करने वाले सभी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर का एक प्रमुख हिस्सा होता है. इसे नियोक्ता (Employer) या कंपनी (Company) अपने कर्मचारियों को घर का किराए भुगतान करने के लिए देती है. हाउस रेंट अलाउंस के तहत जब रकम मिलती है तब यह टैक्सेबल होती है यानी इस पर कर लगता है. लेकिन आयकर अधिनियम की धारा 10 (13A) के तहत एचआरए के एक हिस्से पर टैक्स कटौती की जा सकती है. इसका लाभ लेने के लिए यह जरूरी होता है कि कर्मचारी किराए के मकान में रहता हो. आपको मालूम हो कि यदि आप खुद का कोई रोजगार कर रहे हैं तो आपको HRA पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी.
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ही कर सकते हैं HRA क्लेम का दावा
आपको मालूम हो कि HRA क्लेम का दावा सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ही आप कर सकते हैं. यदि आपने नए टैक्स रिजीम का चुनाव किया है तो आपको इसका लाभ नहीं मिलेगा. यदि आपने पुरानी कर व्यवस्था को चुना है तभी मकान के किराए पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं.
कैसे होती है HRA की गणना
1. नौकरी करने वाला अपने हाउस रेंट अलाउंस पर कितना टैक्स बचा सकता है, इसकी भी एक लिमिट है. यह तीन चीजों पर निर्भर करता है.
2. सबसे पहला आप जो सालाना किराया चुकाते हैं, उसमें सालाना सैलरी का 10 फीसदी घटाने के बाद कितनी रकम बचती है.
3. दूसरा आपकी सैलरी में कितना हिस्सा HRA का है.
4. तीसरा यदि आप मेट्रो सिटी यानी दिल्ली, मुंबई या कोलकाता जैसे शहरों में रहते हैं तो बेसिक सैलरी का 50 फीसदी HRA होगा जबकि अन्य शहरों के लिए 40 फीसदी.
HRA क्लेम करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
1. मकान मालिक का पैन नंबर.
2. सैलरी स्लिप.
3. फॉर्म 16.
4. रेंट एग्रीमेंट.
5. किराए की रसीद.
6. ऑनलाइन रेंट भुगतान स्टेटमेंट
मकान मालिक का पैन नंबर जरूरी
यदि आप सालाना में एक लाख रुपए से अधिक मकान का किराया चुकाते हैं तो आपको HRA क्लेम करने के लिए मकान मालिक का PAN नंबर देना जरूरी है. पैन नंबर नहीं देने पर आपको टैक्स छूट नहीं मिलेगी. सालाना एक लाख रुपए कम किराया का भुगतान करते हैं तो पैन नंबर जरूरी नहीं है. यदि आप मकान का किराया हर महीने 50 हजार से अधिक चुकाते हैं तो आपको न सिर्फ मकान मालिक का पैन नंबर देना होगा बल्कि किराए पर टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) भी काटना होगा. मकान मालिक का गलत पैन नंबर देने पर न सिर्फ आपका HRA क्लेम रिजेक्ट हो सकता है, बल्कि आयकर विभाग से आपके पास नोटिस भी आ सकता है.
मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं हो तो क्या करें?
यदि मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है तो आपको आयकर विभाग को एक डिक्लेरेशन लेटर लिखकर देना होगा. इसमें मकान मालिक का पूरा नाम, पता, किराए की डिटेल्स देनी होगी. इसके साथ ही यह भी डिक्लेरेशन देना होगा कि मकान मालिक के पास पैन नहीं है. इसके बाद इसे आयकर विभाग में जमा करना होगा. यदि PAN होने के बावजूद मकान मालिक नहीं दे रहा है तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में शिकायत कर सकते हैं. आप आयकर विभाग को एक लेटर लिख सकते हैं. इसके बाद इनकम टैक्स अधिकारी इसकी जांच करके खुद PAN वेरिफाई कर सकते हैं.
HRA क्लेम करते समय इन बातों का भी रखें ध्यान
1. यदि आप अपने घर-परिवार के किसी सदस्य को मकान का किराया देते हैं तो भी HRA पर टैक्स छूट पा सकते हैं. बस आपको आईटीआर दाखिल करते समय परिवार के सदस्य को आप से मिलने वाले किराए की जानकारी देनी होगी.
2. यदि आप जहां जॉब करते हैं, उस शहर में आपका खुद का घर है, लेकिन आप किराए के मकान में रहते हैं तो भी HRA क्लेम कर सकते हैं.
3. आप HRA पर टैक्स छूट का लाभ अन्य टैक्स रियायतों के साथ ले सकते हैं जैसे होम लोन पर दिए ब्याज पर टैक्स छूट (सेक्शन 24बी) और हाउसिंग लोन के रीपेमेंट पर सेक्शन 80सी के तहत छूट.