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1 जनवरी से बैंक डिपॉजिट लॉकर के लिए लागू हो रहे नए नियम...अब कैसे रहेंगे पैसे सेफ?

RBI New Bank Locker Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लॉकर प्रबंधन के संबंध में सभी बैंकों के लिए संशोधित निर्देश जारी किए हैं. संशोधित निर्देश 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होंगे. ग्राहकों को सूचित विकल्प चुनने की सुविधा के लिए, बैंकों को लॉकरों के आवंटन के उद्देश्य से आरबीआई द्वारा जारी साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुरूप खाली लॉकरों की एक शाखा-वार सूची के साथ-साथ कोर बैंकिंग सिस्टम या किसी अन्य कम्प्यूटरीकृत प्रणाली में प्रतीक्षा-सूची बनाए रखनी चाहिए.

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हाइलाइट्स
  • खाली लॉकरों की तैयार हो एक सूची

  • कानून का पालन किए बना लॉकर खोलना लापरवाही

Bank Locker Rules Changed: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लॉकर प्रबंधन के संबंध में सभी बैंकों के लिए संशोधित निर्देश जारी किए हैं. संशोधित निर्देश 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होंगे. आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी कि वे संशोधित निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति/परिचालन दिशानिर्देश तैयार करें.

आरबीआई ने कहा,"संशोधित निर्देश 1 जनवरी, 2022 से लागू होंगे  और बैंकों के साथ नए और मौजूदा सुरक्षित जमा लॉकर और बैंक में रखी चीजों की सेफ कस्टडी दोनों पर लागू होंगे."

खाली लॉकरों की तैयार हो एक सूची
ग्राहकों को सूचित विकल्प चुनने की सुविधा के लिए, बैंकों को लॉकरों के आवंटन के उद्देश्य से आरबीआई द्वारा जारी साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुरूप खाली लॉकरों की एक शाखा-वार सूची के साथ-साथ कोर बैंकिंग सिस्टम या किसी अन्य कम्प्यूटरीकृत प्रणाली में प्रतीक्षा-सूची बनाए रखनी चाहिए. इसके अलावा लॉकरों को बांटने में पारदर्शिता बरतनी चाहिए. 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंकों को लॉकर के आवंटन के लिए सभी आवेदनों की प्राप्ति स्वीकार करनी चाहिए और अगर उस समय लॉकर आवंटन के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो ग्राहकों को एक वेटिंग लिस्ट संख्या दी जानी चाहिए.

कानून का पालन किए बना लॉकर खोलना लापरवाही
फरवरी में जस्टिस मोहन एम शतनगौदर और विनीत सरन की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आरबीआई को छह महीने के भीतर लॉकर प्रबंधन के संबंध में सभी बैंकों के लिए एक समान नियम बनाने को कहा था. शीर्ष अदालत ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना लॉकर खोलना बैंक की ओर से घोर लापरवाही माना जाएगा. शीर्ष अदालत ने कहा था कि बैंकों को उपभोक्ताओं पर एकतरफा और अनुचित शर्तें लगाने की स्वतंत्रता नहीं होनी चाहिए.

इसके अलावा आरबीआई लॉकरों की सामग्री को किसी भी नुकसान या क्षति के लिए बैंकों द्वारा देय जिम्मेदारी के संबंध में उपयुक्त नियम भी जारी कर सकता है. अदालत ने कहा था,“हमें ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान नियम अपर्याप्त और उलझे हुए हैं. अभी प्रत्येक बैंक अपनी प्रक्रियाओं का अपनी तरह से पालन कर रहा है.”