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Aadhaar Update: अभी मौत के बाद भी एक्टिव रहता है आधार! जल्द डेथ सर्टिफिकेट जारी होते ही बंद हो जाएगा कार्ड, लेकिन कैसे, यहां जानिए

किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका aadhaar डी-एक्टिवेट नहीं होता, क्योंकि अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसके कारण कुछ लोग आधार का गलत इस्तेमाल करते हैं. इस पर रोक लगाने के लिए UIDAI ने कार्य शुरू कर दिया है.

आधार कार्ड आधार कार्ड
हाइलाइट्स
  • घरवाले व्यक्ति की मौत के बाद भी आधार का इस्तेमाल कर उठा लेते हैं सरकारी योजनाओं का लाभ

  • मृतक के परिवार की सहमति के बाद आधार नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा

आधार कार्ड आज के समय में एक जरूरी डॉक्‍यूमेंट बन गया है. पैन बनवाने से लेकर इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने और सरकारी योजना का लाभ लेने तक के लिए आधार की जरूरत पड़ती है. आधार कार्ड के मल्‍टीपल इस्‍तेमाल के बीच एक सवाल यह भी है कि अगर अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसके आधार का क्या होता है. क्या वह अपने आप बंद हो जाता है या चालू रहता है. आइए इन सारे सवालों का जवाब जानते हैं.

अभी मृत्यु के बाद आधार नंबर का क्या होता है?
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका आधार डिएक्टिवेट नहीं होता, क्योंकि अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. केंद्र सरकार ने लोकसभा में कहा था कि मौजूदा समय में किसी मृत व्यक्ति के आधार नंबर को कैंसिल करने की कोई व्यवस्था नहीं है. 

घरवाले उठाते हैं फायदा
अभी कई जगहों से खबरें आती रहती हैं कि कुछ लोग घर के किसी सदस्य की मौत के बाद भी उसके आधार पर सरकारी राशन और पेंशन का लाभ उठा रहे हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा. आधार जारी करने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया इसका पक्का इंतजाम करने जा रही हैं. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया देश में जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने वाली संस्था है. दोनों संस्थाएं एक मैकेनिज्म पर काम कर रही हैं. इसमें मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होते ही आधार डिएक्टिवेट हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक इस मैकेनिज्म के तहत संबंधित एजेंसी के डेथ सर्टिफिकेट जारी करते ही मृतक के परिवार के पास इसकी जानकारी भेजी जाएगी और उनकी सहमति के बाद नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा.

आधार डी-एक्टिवेट करने की क्या होगी प्रक्रिया
1. डेथ सर्टिफिकेट जारी किए जाने के बाद मृतक के परिवार को आधार नंबर बंद करने के लिए दस्तावेज भेजा जाएगा.
2. परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट जारी किए जाने के बाद आधार नंबर दिखाना होगा.
3. परिवार की मंजूरी मिलने के बाद आधार नंबर को बंद कर दिया जाएगा.
4. यह प्रक्रिया राज्य सरकारों का लागू करनी है, इसलिए उनसे भी इस बारे में चर्चा की जा रही है.

20 राज्यों में यह सिस्टम लागू
यूआईडीएआई ने बर्थ सर्टिफिकेट जारी करते समय आधार अलॉट करने की योजना शुरू कर दी है. अब तक 20 राज्य इस सिस्टम को लागू कर चुके हैं. इसमें 5 साल तक के बच्चों का कोई बायोमेट्रिक्स नहीं लिया जाता है. उनके उनके माता-पिता जानकारियों के आधार पर जारी कर दिया जाता है. बच्चे के 5 और 15 साल के हो जाने पर उंगुलियों और चेहरे की तस्वीर बायोमेट्रिक्स लिया जाता है. दूसरे राज्यों के भी आने वाले दिनों में इस योजना की शुरू करने की संभावना है. ये सुविधाएं आधार 2.0 का हिस्सा हैं. आधार 2.0 के तहत सरकार इसकी क्रेडिबिलिटी बढ़ाने के साथ-साथ नए फीचर ला रही है.

रिकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाएगा
यूआईडीएआई ने एक महत्वाकांक्षी अपडेशन एक्सरसाइज शुरू की है. जिन लोगों को 10 साल पहले आधार कार्ड जारी किए गए हैं, उनसे अपने रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए कहा जा रहा है. सरकार एक ऐसी व्यवस्था बनाना चाहती है जिसमें आधार की डिटेल में बदलाव होने के साथ ही सारा रिकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाए. पहले चरण में ऐसे लोगों को इसमें शामिल किया जा सकता है जो अपने अहम डॉक्यूमेंट्स को रखने के लिए डिजीलॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं.