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Success Story: कॉलेज के तीन दोस्तों ने 2 लाख रुपये से शुरू किया था ऑनलाइन बिजनेस...आज 135 करोड़ पहुंचा टर्नओवर

बेकिंगो को फरवरी 2010 में ₹ 2 लाख की पूंजी के साथ लॉन्च किया गया था. बिजनेस में फायदा हुआ तो इसका विस्तार किया गया. तीन दोस्त हिमांश, श्रेय और सुमन ने मिलकर बिजनेस शुरू किया था. आज इसका टर्नओवर 135 करोड़ पहुंच गया है.

Three friends started Bakingo Three friends started Bakingo
हाइलाइट्स
  • कई जगह करता है काम

  • वेलेंटाइन डे पर मिले कई सारे ऑर्डर

Bakingo एक ऑनलाइन बेकरी जिसकी स्थापना 2016 में हुई थी. ये क्लाउड किचन के कंसेप्ट पर काम करती है. आज देशभर के 11 से अधिक स्थानों पर इसके आउटलेट्स हैं. आज इसका रेवेन्यू मल्टी-बिलियन में है. बेकिंगो के लॉन्च से छह साल पहले, नई दिल्ली में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के तीन कॉलेज स्टूडेंट्स हिमांशु चावला, श्रेय सहगल और सुमन पात्रा ने बिजनेस करना शुरू किया था.

साल 2006 और 2007 में कॉलेज पूरा करने के बाद, तीनों ने अपना पहला बिजनेस, फ्लॉवर ऑरा (2010) शुरू किया. यह एक फर्म थी जो ऑनलाइन फूल, केक, गिफ्ट्स भेजती थी. सुमन अन्य दो (हिमांशु और श्रेय) से एक साल सीनियर थे. उन्होंने 2006 में अपनी डिग्री पूरी कर ली थी जबकि हिमांशु और श्रेय ने 2007 में बीटेक पूरा किया. फर्म शुरू करने से पहले इन्होंने कुछ समय तक कॉर्पोरेट रोजगार में काम किया. सुमन ने द वीकेंड लीडर को बताया कि फ्लॉवर ऑरा की शुरुआत गुरुग्राम के एक बेसमेंट में हुई थी. सुमन के आने के एक साल पहले फरवरी 2010 में दिल्ली में 2 लाख रुपये के साथ बिजनेस की स्थापना हुई. इन दोनों कंपनियों का टर्नओवर 135 करोड़ रुपये है. आज इसमें लगभग 650 लोग काम करते हैं.

वेलेंटाइन डे पर मिले कई सारे ऑर्डर
सुमन ने बताया कि पहले उनके काम करने के लिए एक ही व्यक्ति था जो कस्टमर्स सर्विस का काम था और वही ऑपरेशन और डिलीवरी भी देखता था. उन्होंने बताया कि 2010 में वेलेंटाइन डे के मौके पर मिलने वाले ऑर्डर्स की संख्या अचानक से काफी ज्यादा बढ़ गई और सह-संस्थापक हिमांशु और श्रेय को ऑर्डर डिलीवरी की निगरानी करनी पड़ी. श्रेय ने कहा, "उस दिन हिमांशु और मैंने दिल्ली एनसीआर में कम से कम पचास प्रतिशत ऑर्डर दिए."

बिजनेस में अच्छी खासी वृद्धि हुई और मालिकों को लगा कि अब विस्तार का समय आ गया है. हिमांशु चावला, श्रेय सहगल और सुमन पात्रा ने 2016 में एक नए निगम के तहत एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में बेकिंगो की स्थापना की. इस बिजनेस का लक्ष्य एक ऐसी कंपनी की कमी को पूरा करना है जो देश भर के कई स्थानों से एक ही स्वाद के साथ एक ही ब्रांड के ताजे केक पहुंचा सके है.

कमाया मुनाफा
कारोबार ने शुरू से ही अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था और उन्होंने पहले साल 10 लाख रुपये का कारोबार किया. फ्लॉवर ऑरा आज 60 करोड़ रुपये (2021-22 में) के कारोबार और 150 के कार्यबल के साथ कई गुना बढ़ गया है. किसी अन्य बेकरी के मुकाबले जो सिर्फ जो एक टाइम पर 5 से 6 वैराएटी के केक ऑफर करती है बेकिंगो उसी समय में 500 वैराएटी के केक डिस्प्ले करती है.

हिमांशु ने कहा, "भारत में बेकरी व्यवसाय ऐतिहासिक रूप से एक अधिक स्थानीय अनुभव रहा है. लगभग एक बुटीक की तरह, जो सबसे अच्छे उत्पाद की सेवा कर सकता है, लेकिन कई साइटों के साथ पैमाने पर विफल रहता है." मतलब की एक ब्रांड के प्रोडक्ट के अंतर्गत जरूरी नहीं कि उसके हर आउटलेट पर एक ही टेस्ट की और उतनी ही फ्रेश चीजें मिलें.

कई जगह करता है काम
बेकिंगो ब्रांड न केवल हैदराबाद, बेंगलुरु और दिल्ली एनसीआर जैसे प्रमुख शहरों में काम करता है बल्कि मेरठ पानीपत, रोहतक और करनाल जैसे टियर टू शहरों में भी इसके केक डिलीवर होते हैं. बेकिंगो की लगभग 30% बिक्री उनकी वेबसाइट के माध्यम से होती है, जबकि शेष 70% स्विगी और जोमैटो जैसे अन्य फूड पोर्टलों पर होती है.