scorecardresearch

चीन को बड़ा झटका! भारत से ब्रह्मोस खरीदेगा फिलीपींस, 375 मिलियन डॉलर डील की मंजूरी

पिछले साल 31 दिसंबर को लोरेंजाना की तरफ से साइन किए "नोटिस ऑफ अवार्ड" के मुताबिक 374.962 मिलियन डॉलर में ब्रह्मोस की डील हुई है. पिछले महीने फिलीपींस की सरकार ने इसके लिए 2.8 बिलियन पेसो(55 मिलियन डॉलर) आवंटित किया था.

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
हाइलाइट्स
  • चीन और फिलीपींस के बीच चल रहा है विवाद

  • South China Sea की वजह से है विवाद

  • ब्रह्मोस का उपयोग एंटी शिप मिसाइल के तौर पर करेगा फिलीपींस

शुक्रवार को भारत और फिलीपींस के बीच हुए समझौतों से चीन को बड़ा झटका लगा है. शुक्रवार को फिलीपींस ने 375 मिलियन डॉलर के सौदे में भारत और रूस की तरफ से संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को खरीदने की पुष्टि की है. रक्षा उपकरणों के सौदे में भारत की यह बड़ी उपलब्धि है और आने वाले वक्त में एक बड़े एक्सपोर्टर के रूप में भारत को स्थापित करने की तरफ बड़ा कदम है.

दक्षिण-चीन सागर(South China Sea) सागर को लेकर चीन के आक्रामक रुख की वजह से फिलीपींस और चीन के बीच विवाद है. फिलीपींस का इरादा ब्रह्मोस का उपयोग तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल(anti-ship missile) के रूप में करना है.

2020 में फिलीपींस ने दी थी मंजूरी
फिलीपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना ने कहा कि उन्होंने हाल ही में फिलीपींस नौसेना के तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल अधिग्रहण परियोजना के लिए "नोटिस फॉर अवार्ड"-मिसाइल की आपूर्ति के लिए भारत के प्रस्ताव की स्वीकृति पर हस्ताक्षर किए थे. लोरेंजाना ने अपने फेसबुक पेज पर एक संक्षिप्त पोस्ट में कहा, "भारत सरकार के साथ बातचीत में, ब्रह्मोस की तीन बैटरी की डिलीवरी, ऑपरेटरों और अनुरक्षकों के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ लॉजिस्टिक सपोर्ट (ILS) पैकेज शामिल हैं." उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस के लिए डील 2017 की शुरुआत में की गई थी. फिलीपींस के प्रेसिडेंट ऑफिस ने 2020 में इसे प्राथमिक प्रोजेक्ट के रूप में मंजूरी दी.

फिलीपींस सरकार ने आवंटित किए 55 मिलियन डॉलर
पिछले साल 31 दिसंबर को लोरेंजाना की तरफ से साइन किए "नोटिस ऑफ अवार्ड" के मुताबिक 374.962 मिलियन डॉलर में ब्रह्मोस की डील हुई है. पिछले महीने फिलीपींस की सरकार ने इसके लिए 2.8 बिलियन पेसो(55 मिलियन डॉलर) आवंटित किया था. फिलीपींस नौसेना की एक टीम ने अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत दिसंबर में हैदराबाद में ब्रह्मोस एयरोस्पेस की उत्पादन इकाई का दौरा किया था.

भारत सरकार के अनुसार, नीतिगत परिवर्तनों के परिणाम स्वरूप पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्यात में 325% से अधिक की वृद्धि हुई है. भारत ने 2024 तक 5 अरब डॉलर का रक्षा निर्यात हासिल करने का लक्ष्य रखा है. भारत ने 2020-21 के दौरान 8,434.84 करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है. ब्रह्मोस सौदे को गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि भारत ने अब तक एवियोनिक्स(avionics), तटीय निगरानी प्रणाली(coastal surveillance systems), पर्सनल प्रोटेक्टिव(personal protective items) जैसे उपकरणों का निर्यात किया है.