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स्कूल के समय से पढ़ाया ट्यूशन, फिर नौकरी छोड़ YouTube चैनल किया शुरू, अब 777 करोड़ रुपए की कंपनी का मालिक है यह Physicswallah

Physicswallah अब सिर्फ एक YouTube Channel ही नहीं बल्कि एक कंपनी और एप्लीकेशन के तौर पर भी मौजूद है. इसके कई अलग-अलग चानल भी अलख ने लॉन्च किए हैं- जिनमें जेईई वाला, कॉम्पिटिशन वाला, पीडब्लू - इंग्लिश और पीडब्लू बांग्ला शामिल हैं.

Alakh Pandey (Photo: Twitter) Alakh Pandey (Photo: Twitter)
हाइलाइट्स
  • फिजिक्सवाला कंपनी में वेस्टव्रिज और जाएसवी वेंचर्स ने 7.77 अरब रुपए का निवेश किया है

  • अलख ने 2013 में फिजिक्सवाला नाम से एक YouTube चैनल शुरू किया था

कई बार हम जीवन में अपनी जरूरत के लिए कोई काम शुरू करते हैं. लेकिन इस काम को सिर्फ जरूरत के लिए न करके अगर पूरे पैशन के साथ किया जाए तो हो सकता है कि यह आपकी किस्मत बदल दे. जैसा कि उत्तर प्रदेश के इस युवा के साथ हुआ. यह कहानी है प्रयागराज के अलख पांडेय और उनके स्टार्टअप, PhysicsWallah की. 

अलख की कंपनी फिजिक्सवाला आज देश की 101वीं यूनिकॉर्न बन चुकी है. यूनिकॉर्न ऐसे स्टार्टअप्स को कहा जाता है जिनका मुल्यांकन एक अरब डॉलर तक पहुंच गया हो. जी हां, इसका मतलब है कि अलख की कंपनी का मुल्यांकन इससे ज्यादा है. हाल ही में, फिजिक्सवाला कंपनी में वेस्टव्रिज और जाएसवी वेंचर्स ने 7.77 अरब रुपए का निवेश किया है. 

महज 30 साल की उम्र में अलख ने यह कामयाबी हासिल की है और इसके पीछे उनकी सालों की कड़ी मेहनत है. फिजिक्सवाला एक एडुटेक स्टार्टअप है जो छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कराता है. आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर कैसे अलख ने यह मुकाम हासिल किया. 

परिवार को सपोर्ट करने के लिए शुरू किए ट्यूशन 

अलख पांडेय एक सामान्य परिवार से आते हैं. अपने घर में उन्होंने आर्थिक समस्याएं देखीं और इसलिए कम उम्र से ही परिवार को सपोर्ट करने की ठानी. मनी कंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में अलख ने बताया है कि जब वह आठवीं कक्षा में थे, तब कक्षा चार और कक्षा छह के छात्रों को पढ़ाते थे. 

फिर जब 11वीं में आए तो 9वीं के छात्रों को पढ़ाया और जब इंजीनियरिंग करने लगे तो 12वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने लगे. इस तरह से ट्यूशन पढ़ाना हमेशा से उनके जीवन में शामिल रहा. अलख को उस समय किसी संस्थान से कोचिंग नहीं मिली क्योंकि वह फीस अफोर्ड नहीं कर सकते थे और इसलिए उन्होंने IITs की बजाय एक सामान्य कॉलेज से पढ़ाई की. कुछ अलग करने की चाहत में अलख ने इंजीन‍ियर‍िंग की पढ़ाई तीसरे साल में ही छोड़ दी.    

इंजीन‍ियर‍ि‍ंंग की पढ़ाई छोड़ देने के बाद अलख ने प्रयागराज में एक लोकल कोचिंग संस्थान में पढ़ाया और उनके पढ़ाने का तरीका देखकर किसी ने अलख को सलाह दी कि वह यूट्यूब पर अपना चैनल बनाएं. 

YouTube चैनल से कंपनी तक का सफर 

अलख ने 2017 में फिजिक्सवाला नाम से एक YouTube चैनल शुरू किया था. उनके पढ़ाने के तरीके के कारण छात्र उनके चैनल की तरफ आकर्षित हुए. अपने यूट्यूब चैनल पर नीट और जेईई के छात्रों के लिए वीडियो अपलोड करना शुरू किया था, लेकिन तब वह ऑफलाइन पढ़ाने पर फोकस कर रहे थे.

इसी कारण कई सालों तक उन्होंने चैनल को मॉनेटाइज भी नहीं किया. चैनल शुरू होने को पहले साल में लगभग 10,000 लोग उनसे जुड़े. फिलहाल, उनके चैनल पर सात मिलियन के करीब सब्सक्राइबर हैं. उनके चैनल की पॉप्यूलैरिटी देखकर Unacademy ने अलख को 4 करोड़ रुपए सालाना की नौकरी का प्रस्ताव दिया था. लेकिन अलख ने मना कर दिया क्योंकि वह अपने चैनल को ही आगे बढ़ाना चाहते थे.

साल 2020 में उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल को अपने साथी, प्रतीक माहेश्वरी के साथ मिलकर फिजिक्सवाला प्राइवेट लिमिटेड के रूप में बतौर कंपनी रजिस्टर कर लिया. प्रतीक माहेश्वरी ने आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग किया है और वह अलख के साथ मिलकर काम करते हैं. प्रतीक पूरा बिजनेस संभालते है. 

पढ़ाने के दिलचस्प तरीके और कम फीस ने दिलाई सफलता

अलख का कहना है कि उनके लिए पढ़ाना बिजनेस नहीं रहा. बल्कि यह उनकी आदत ज्यादा बन गया. इसलिए जब उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया तो इसे बच्चों के लिए किफायती रखा. उनके क्रैश कोर्स 1000 रुपए की फीस से शुरू होते हैं और अधिकतम फीस 4000 रुपए है. इसी तरह अन्य कोर्स भी हर तबके के बच्चों को ध्यान में रखकर तय की गई है. 

दूसरी तरफ, छात्रों को अलख के पढ़ाने का अंदाज बहुत पसंद है. वह ऐसे पढ़ाते हैं मानो कहानियां या किस्से सुना रहे हैं. इससे छात्रों को हर टॉपिक अच्छे से समझ आता है. इसलिए उनका रिजल्ट बहुत अच्छा रहता है. अलख के पढ़ाए गरीब छात्र भी आज मेडिकल कॉलेज और IITs के छात्र हैं. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, आज अलख की कंपनी से 1900 लोग बतौर स्टाफ जुड़े हुए हैं. बंगाली, मराठी, तमिल, मलयालम समेत 9 भाषाओं में पढ़ा रहे हैं. साल 2021 में उनकी कमाई 29 करोड़ थी जो 2022 में बढ़कर 270 करोड़ रुपए हो गई. और अब वह देश के यूनिकॉर्न्स की लिस्ट में शामिल हो गए हैं. 

(Input from Pankaj Srivastav)