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Surat Diamond Bourse: PM Modi करेंगे दुनिया के सबसे बड़े कॉरपोरेट ऑफिस का उद्घाटन, सूरत डायमंड बोर्स के आगे Pentagon भी छोटा, जानें खासियत

सूरत डायमंड बोर्स में 175 देशों के व्यापारियों को पॉलिश्ड डायमंड खरीदने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया जाएगा. डायमंड बोर्स विश्व की सबसे बड़ी इंटरकनेक्ट बिल्डिंग है. गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 15 फरवरी 2015 को सूरत के खजोद में इस ड्रीम प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था.

पीएम मोदी सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन करेंगे
हाइलाइट्स
  • गुजरात के सूरत का नाम विश्व फलक पर होगा रोशन

  • डायमंड बायर्स को मिलेगा ग्लोबल प्लेटफॉर्म

गुजरात का सूरत डायमंड और टेक्सटाइल क्षेत्र में विकास के नए आयाम छू रहा है. अब इस राज्य के नाम पर एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (17 दिसंबर 2023) को दुनिया के सबसे बड़े कॉरपोरेट ऑफिस हब सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन करेंगे. 3400 करोड़ रुपए की लागत से 35.54 एकड़ जमीन पर निर्मित सूरत डायमंड बोर्स (SDB) कच्चे और पॉलिश किए गए हीरे के कारोबार का एक वैश्विक केंद्र बनेगा. इस मौके पर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल समेत केंद्र और राज्य के मंत्री एवं डायमंड जगत से जुड़े बड़े व्यापारी उपस्थित रहेंगे.

सूरत अब डायमंड ट्रेडिंग का हब बनकर उभरेगा
सूरत डायमंड मैन्युफैक्चरिंग में पहले से ही अपनी वैश्विक पहचान बना चुका है. अब यह डायमंड ट्रेडिंग का भी हब बनकर उभरेगा. बोर्स का मुख्य आशय भारत में हीरा, जेम्स और ज्वेलरी की आयत निकास एवं व्यापार को प्रोत्साहन देना और साथ में डायमंड प्रोडक्शन और बिजनेस के साथ जुड़ी छोटी-बड़ी कंपनियां, एमएसएमई को अत्यधिक इंफ्रास्ट्रक्चर और डायमंड ट्रेडिंग को ग्लोबल प्लेटफॉर्म देना है. 175 देशों के व्यापारियों को सूरत में पॉलिश्ड डायमंड खरीदने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया जाएगा. यहां विशेष बात यह है कि यहां किसी एक व्यक्ति या कंपनी ने नहीं लेकिन 4200 व्यापारियों ने एक साथ SDB का वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट साकार किया है.

अमेरिका का पेंटागन भी पड़ा छोटा
इससे पहले विश्व की सबसे बड़ी ऑफिस अमेरिका की पेंटागन थी, जो 65 लाख स्क्वायर फीट में बनी है. लेकिन अब दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग में गुजरात के सूरत को स्थान हासिल होने जा रहा है क्योंकि सूरत में नवनिर्मित डायमंड बोर्स 67 लाख स्क्वायर फिट में निर्मित है. जिसमें 9 टॉवर बनाए गए हैं. डायमंड बोर्स विश्व की सबसे बड़ी इंटरकनेक्ट बिल्डिंग है. बोर्स में 4500 से ज्यादा ऑफिस एक साथ जुड़ी हुई है. 

सरकार को होगा बड़ा आर्थिक लाभ 
दुनिया भर के डायमंड रॉ मटेरियल की बोली, रफ, कट एंड पॉलिश डायमंड, स्टडेड ज्वेलरी, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर, प्लेटटिनम ज्वेलरी समेत हाई वैल्यू गुड्स बड़ी मात्रा में यहां खरीदे और बेच जा सकेंगे. इस डायमंड बोर्स में 27 इंटरनेशनल ज्वेलरी शोरूम का निर्माण होगा, जिसमें देश-विदेश से आने वाले व्यापारी एवं परिवार डायमंड ज्वेलरी खरीद सकेंगे. सूरत का हीरा उद्योग अब तक 2 लाख करोड़ का व्यापार करता है. डायमंड बोर्स के माध्यम से यह व्यापार 4 लाख करोड़ होने की संभावना है. यानी कि सिर्फ SDB के माध्यम से दो लाख करोड़ के व्यापार होंगे, जिससे राज्य और केंद्र सरकार को टैक्स के तौर पर बड़ा आर्थिक लाभ होगा.

हाई स्पीड लिफ्ट 
बोर्स में 131 हाई स्पीड लिफ्ट का इंस्टालेशन किया गया है. जिसकी स्पीड प्रति सेकेंड तीन मीटर की है. लिफ्ट का मैनेजमेंट अत्यधिक डेस्टिनेशन कंट्रोल सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा. जिससे कोई भी व्यक्ति को 16वें फ़्लोर तक पहुंचने में 3 मिनट का वक्त लगेगा. 35.54 एकड़ के समग्र बोर्स परिसर के 15 एकड़ में पंचतत्व थीम आधारित सिर्फ गार्डन एरिया है. इस बगीचे को वास्तु शास्त्र के मुताबिक नवग्रह के अधीन बनाया गया है. आदर्श आर्किटेक्चर के मुताबिक दो टावर के बीच अंतर रखा गया है, जिसकी वजह से तमाम ऑफिस में हवा और सूर्य की रोशनी मिल पाएगी. कोई भी व्यक्ति, व्यापारी या विजिटर बोर्स के किसी भी टावर में प्रवेश करके किसी भी ऑफिस में सिर्फ तीन मिनट में पहुंच सकेंगे. 

1.5 लाख लोगों को रोजगारी के अवसर होंगे प्राप्त
बता दे की गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 15 फरवरी 2015 को सूरत के खजोद में इस ड्रीम प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. अब इस बोर्स में सूरत, मुंबई समेत विदेश के हीरा व्यापारियों ने ऑफिस खरीदी है, जिसकी वजह से एक ही जगह पर रफ डायमंड का ट्रेडिंग और पॉलिश डायमंड का ट्रेडिंग होगा. यहां 1.5 लाख लोगों को रोजगारी के अवसर प्राप्त होंगे.

अलग-अलग साइज की ऑफिस का किया गया है निर्माण
65 लाख स्क्वायर फीट में तैयार हुए नवनिर्मित डायमंड बोर्स में विशाल एंट्री गेट और रिसेप्शन समेत सिक्योरिटी सर्विलेंस कंट्रोल रूम, ट्रेडिंग हॉल, सेफ डिपॉजिट वोल्ट, म्यूजियम फूड जोन, बैंक, कस्टम ऑफिस, ऐम्फ़ी थियेटर, मनी ट्रांसफर डेस्क, ट्रैवल डेस्क, रिटेल जॉन, ऑक्शन हाउस, सिक्योरिटी कंट्रोल रूम, डायमंड क्लब जैसी सुविधा उपलब्ध कराई गई है. यहां 300 स्क्वायर फीट से 1 लाख स्क्वायर फीट तक अलग-अलग साइज की ऑफिस का निर्माण किया गया है. 

इतने वाहन पार्किंग में हो सकते हैं खड़े
बोर्स में 9 टावर, ग्राउंड फ्लोर समेत 15 फ्लोर और 2 बेसमेंट बनाए गए हैं. बोर्स के विशाल कैंपस में 11,000 टू व्हीलर और 5,100 फोर व्हीलर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. पॉलिश्ड और रफ डायमंड ऑक्शन के लिए ओक्शन हाउस की सुविधा, इजरायल की c4i टेक्नोलॉजी युक्त सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से संचालित और 4000 से अधिक सीसीटीवी कैमरा के साथ हाईटेक एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम द्वारा इस बिल्डिंग में अभेद सुरक्षा कवच उपलब्ध करवाया गया है.

सूरत डायमंड बोर्स की प्रमुख  विशेषताएं  
1. सूरत के इस डायमंड बोर्स में 67,000 व्यापारी और विजिटर को आने-जाने की क्षमता.
2. हाई सिक्योरिटी चेक प्वांइट्स, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, एंट्री गेट पर कार स्कैनर.
3. 67 लाख स्क्वायर फीट में 4500 से ज्यादा डायमंड ट्रेडिंग के लिए ऑफिस.
4. बिल्डिंग यूटिलिटी सर्विसेज को मॉनिटरिंग और कंट्रोल करने के लिए बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम.
5. 300 स्क्वायर फीट से 1 लाख स्क्वायर फीट तक अलग-अलग साइज की ऑफिस.
6. हर टॉवर को हर एक फ्लोर से कनेक्ट करने वाला स्ट्रक्चर, स्पाइन की लंबाई 1407 फीट और चौड़ाई कम से कम 24 फीट
इंपोर्ट एक्सपोर्ट के लिए कस्टम क्लीयरेंस हाउस की सुविधा.
7. स्पाइन में चार अलग-अलग लॉकर की सुविधा हर ऑफिस से गार्डन व्यू.
8. स्पाइन पैसेज को ठंडा रखने के लिए रेडिएंट कूलिंग सिस्टम.
9. ग्राउंड फ्लोर पर मेंबरों के लिए बैंक, रेस्टोरेंट, डायमंड लैब की सुविधा.
10. संपूर्ण एलिवेशन के तौर पर चारों तरफ से ग्रेनाइट और कांच का कवर.
11. इलेक्ट्रिकल सिस्टम में केवल के स्थान पर BBT का इस्तेमाल.
12. यूटिलिटी सर्विस के लिए बिल्डिंग की व्यवस्था और सेंट्रलाइज्ड स्कूलिंग सिस्टम.
13. हर दो टॉवर के बीच 6,000 स्क्वायर फीट जितना गार्डन.
14. टचलेस और कॉर्डलेस एक्सेस कंट्रोल सिस्टम. 
15. पांच एंट्री, पांच एग्जिट और सात पेडेस्ट्रियन गेट.

(अतुल तिवारी की रिपोर्ट)