Putin and PM Modi
Putin and PM Modi रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज यानी 4 दिसंबर को 30 घंटे के भारत दौर पर आने वाले हैं. इस दौरान वो रूस-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो23वां द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन होगा. इस दौरान कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी और कई बड़े समझौते हो सकते हैं. रूस और भारत के बीच कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है. दोनों देश द्विपक्षीय कारोबार को और आगे बढ़ाना चाहते हैं और साल 2030 तक इसे 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं.
5 साल में 8 गुना बढ़ा कारोबार-
भारत और रूस के बीच कारोबार पिछले 5 सालों में 8 गुना बढ़ गया है. साल 2021-22 में दोनों देशों के बीच कारोबार 13.1 अरब डॉलर का होता था. लेकिन साल 2024-25 में ये बढ़कर 68.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. दोनों देशों के बीच कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि भारत एक्सपोर्ट के मुकाबले 13 गुना ज्यादा इंपोर्ट करता है. भारत रूस से 63.8 अरब डॉलर का सामान मंगवाता है. जबकि रूस भारत से 4.8 अरब डॉलर का सामान खरीदता है.
5 साल में 100 अरब डॉलर करने का प्लान-
भारत और रूस के बीच लगातार कारोबार बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों के बीच संबंध इतने मजबूत हो रहे हैं कि आने वाले 5 साल यानी साल 3030 तक इसे 100 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. पिछले कुछ सालों से भारत रूस से बहुत ज्यादा तेल खरीद रहा है. इसकी वजह से ये कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन अगर तेल कारोबार में कमी आती है तो ये टारगेट हासिल करने में दिक्कत आ सकती है.
भारत पर क्यों फोकस कर रहा रूस?
रूस अगर भारत के साथ अपने रिश्तों को जितना मजबूत करेगा, उतना उसके लिए फायदेमंद होगा. रूस को एशिया में एक अहम स्ट्रैटजिक साझेदार मिल जाएगा. पश्चिमी देशों की पॉलिसी ने रूस को चीन के करीब किया. यूक्रेन से युद्ध ने चीन पर रूस की निर्भरता बढ़ी है. हालांकि भारत के साथ भी संबंध मजबूत हुए हैं. रूस का ये दौरा ये दिखाना चाहता है कि रूस के पास चीन के अलावा भी विकल्प है. भारत से नजदीकी बढ़ाकर रूस चीन को बैलेंस करना चाहता है. क्योंकि रूस कभी नहीं चाहेगा कि उसके बॉर्डर पर चीन जैसी आर्थिक और सामरिक ताकत उभरे.
ये भी पढ़ें: