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Rasna Success Story: जानिए कैसे एक जमाने में देश की 'नेशनल समर ड्रिंक' था रसना... इसके बिना अधूरी थीं गर्मियां

रसना का नाम सुनते ही बचपन की याद आ जाती है. पांच रुपये का पैकेट... और 32 गिलास रसना ड्रिंक... बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए रसना खास हुआ करता था.

Story of Rasna Story of Rasna

इंस्टेंट बेवरेज मेकर सेक्टर में मशहूर कंपनी रसना ने हर्षीज इंडिया से जंपिन ब्रांड का अधिग्रहण किया है. रसना के चेयरमैन पिरुज खंबाटा ने बताया कि कंपनी ने हर्षीज से केवल ब्रांड का अधिग्रहण किया है, न कि मैन्युफैक्चरिंग एसेट्स का. भविष्य में भी वही मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी उपयोग में ली जाएगी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जंपिन ब्रांड की शुरुआत मूल रूप से गोदरेज ग्रुप ने की थी, और बाद में इसका संचालन हर्षीज इंडिया द्वारा किया गया. 

आपको बता दें कि इस अधिग्रहण के साथ रसना कंपनी रेडी-टू-ड्रिंक सेगमेंट में अपना विस्तार कर रही है. बताया जा रहा है कि जंपिन रेंज को पीईटी बोतलों और टेट्रापैक्स में लॉन्च किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 125 मिली से होगी, और इसकी कीमतें ₹10 से शुरू होंगी. शुरुआती फ्लेवर्स में नींबू, लीची, अमरूद और आम शामिल हैं. रसना इस ब्रांड से दो वर्षों के भीतर ₹1,000 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने का अनुमान लगा रही है. 

रसना ने किया जंपिन ब्रांड का अधिग्रहण

'नेशनल समर ड्रिंक' रसना 
रसना का नाम सुनते ही बचपन की याद आ जाती है. पांच रुपये का पैकेट... और 32 गिलास रसना ड्रिंक... बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए रसना खास हुआ करता था. अरीज पिरोजशॉ खंबाटा वह शख्स हैं जिन्होंने लोकप्रिय भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक रसना को एक मशहूर ब्रांड में बदल दिया. यह उनकी क्रिएटिव सोच ही थी जिसने रसना को न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम बना दिया. अरीज खंबाटा को यह कंपनी अपने पिता फिरोज खंबाटा से विरासत में मिली थी और उन्होंने रसना को 60 से ज्यादा देशों तक फैला दिया.

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1970 के दशक में अरीज ने रसना सॉफ्ट ड्रिंक पैक्स पेश किए, जो उस समय के महंगे सॉफ्ट ड्रिंक्स की तुलना में काफी सस्ते थे. रसना की सबसे खास बात थी उसकी किफायती कीमत- सिर्फ ₹5 में मिलने वाला एक पैक 32 गिलास रसना बना सकता था. यही अरीज खंबाटा का विचार था जिसने रसना को ङर-ङर में पहुंचाया, खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों में, जहां रसना बहुत फेमस हो गया. 

'द रसना गर्ल'- सही मार्केटिंग का कमाल 
लेकिन दशकों से भारतीयों के ज़ेहन में रसना ड्रिंक से भी ज़्यादा गहराई से बसी है इसकी टैगलाइन- "आई लव यू, रसना." इस लाइन को बेहद प्यारे और मासूम अंदाज़ में बाल कलाकार अंकिता झावेरी ने बोला था, जो अब साउथ इंडियन सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री हैं. अंकिता ने दूरदर्शन पर प्रसारित रसना के शुरुआती विज्ञापनों में “रसना गर्ल” की भूमिका निभाई थी. पिरुज खंबाटा ने एक इंटरव्यू में बताया था, "अक्सर लोग हमसे पूछते हैं कि हमने ब्रांड का मैस्कॉट एक छोटी लड़की को क्यों बनाया, कोई लड़का क्यों नहीं. सच तो यह है कि 'रसना' नाम सुनने में ही एक लड़की का नाम लगता है, इसलिए यह हमें उपयुक्त लगा."

ब्रांड का नाम शुरुआत में 'Jaffe' था, लेकिन 1979 में पूरे भारत में लॉन्च के लिए इसे 'रसना' कर दिया गया. पहला नाम बहुत यूरोपीय लग रहा था. उस समय कंपनी की ऐड एजेंसी O&M ने सुझाव दिया कि कंपनी को भारतीय नाम रखना चाहिए. अंकिता झावेरी वाले विज्ञापनों ने कंपनी की सफलता में काफी योगदान दिया. बाद में, कंपनी ने और कहानियों को शामिल करना शुरू किया और प्रोडक्ट के अलग-अलग पहलुओं को दिखाना शुरू किया- जैसे कि एक पैक से 32 गिलास बनने वाला 'वैल्यू फॉर मनी' पहलू.

बाद के विज्ञापनों में भले ही बाल कलाकार तरुणी सचदेव रसना गर्ल के रूप में दिखाई दीं और उनके साथ अभिनेत्री करिश्मा कपूर भी नज़र आईं, लेकिन अंकिता झावेरी ही असली रसना गर्ल थीं. दरअसल, रसना ऐसा पहला ब्रांड था जिसने बच्चों को मार्केट के प्रमुख उपभोक्ता (market drivers) के रूप में पहचाना. 

हालांकि, जैसे-जैसे कोका कोला, पेप्सी जैसे ब्रांड्स ने मार्केट में आना शुरू किया तो रसना की पॉपुलैरिटी कम होती चली गई. लेकिन बाजार में आए बदलावों के बावजूद, रसना भारतीय पेय उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना हुआ है. अपनी खूबियों- किफ़ायतीपन, पुरानी यादें और व्यापक पहुंच- पर खरा उतरते हुए यह कई घरों में आज भी फेवरेट समर ड्रिंक है.