Savitri Jindal (Photo: Twitter)
Savitri Jindal (Photo: Twitter) सावित्री जिंदल भारत की सबसे अमीर महिला हैं और उनकी कुल संपत्ति केवल दो वर्षों में लगभग 12 बिलियन डॉलर बढ़ गई है. सावित्री, जिंदल ग्रुप ऑफ कंपनी की चेयरपर्सन हैं. आपको बता दें कि अरबपतियों की सूची में जिंदल समूह 91वें स्थान पर है. पिछले दो सालों में उनके बिजनेस में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, उससे ठीक एक साल पहले, 2019 और 2020 के बीच, उसकी कुल संपत्ति 5.9 बिलियन से डॉलर से घटकर 4.8 बिलियन डॉलर हो गई थी.
दिलचस्प बात यह है कि सफल बिजनेसवुमन होने से पहले सावित्री एक हाउसवाइफ थीं. उन्होंने एक बार साक्षात्कार में बताया भी कि उनके परिवार में महिलाएं घर संभालती हैं और पुरुष बाहर के काम. लेकिन सावित्री को अपने पति ओ.पी जिंदल के देहांत के बाद घर के साथ-साथ बिजनेस और फिर राजनीतिक करियर भी संभालना पड़ा.
कभी कॉलेज नहीं गईं सावित्री
सावित्री जिंदल के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह कभी कॉलेज नहीं गईं. Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सावित्री जिंदल के पिता ने उनकी शादी बहुत कम उम्र में उद्योगपति ओम प्रकाश जिंदल से तय कर दी थी. यह सावित्री की बड़ी बहन, विद्या देवी के देहांत के बाद हुआ, जो ओपी की पहली पत्नी थी.
ओ.पी., सावित्री से 20 साल बड़े थे. जब तक ओ.पी थे, तब तक सावित्री का जीवन घर तक ही सीमित था. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद सावित्री जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन बन गईं. आज वह राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं.
पति की मौत के बाद संभाला बिजनेस
आपको बता दें कि ओ. पी जिंदल ने साल 1952 में जिंदल ग्रुप को शुरू किया था. इस ग्रुप का काम इस्पात, खनन और बिजली के क्षेत्र में फैला हुआ है. नई दिल्ली स्थित यह कंपनी स्टील, खनन और बिजली कंपनियों का संचालन करती है और सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, जिंदल सॉ, जिंदल स्टेनलेस और निवेश कंपनी जेएसडब्ल्यू होल्डिंग्स में हिस्सेदारी रखती है.
ओ.पी जिंदल की 2005 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई. जिसके बाद सावित्री जिंदल को ओपी जिंदल समूह में हिस्सेदारी विरासत में मिली. साथ ही, उनके बेटे पृथ्वी, सज्जन, रतन और नवीन पारिवारिक बिजनेस को मैनेज करते हैं. साल 2005 में अपने पिता की मृत्यु से पहले ही उन्होंने व्यवसाय संभाल लिया था.
राजनीति में भी खेला दांव
बिजनेस के बाद, सावित्री जिंदल ने अपने पति के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में प्रवेश किया और कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. जहां से उन्होंने 2005 और 2009 में दो बार जीत हासिल की. वह दो बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में मंत्री बनीं.
अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 2006 में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास और आवास राज्य मंत्री और 2013 में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री के विभागों को संभाला. केवल व्यापार और राजनीति में ही नहीं, सावित्री जिंदल व्यक्तिगत रूप से जरूरतमंदों के लिए भी काम करने में सक्रिय रहती हैं. आज जिंदल ग्रुप कई स्कूल, चिकित्सा संस्थान आदि चला रहा है.