SIP vs Mutual Fund
SIP vs Mutual Fund यदि आप पैसा निवेश करना चाह रहे हैं और यह नहीं जान पा रहे हैं कि एसआईपी (SIP) यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में क्या बेहतर है, एसआईपी और म्यूचुअल फंड दोनों में क्या अंतर है, तो हम आपको यहां बता रहे हैं. म्यूचुअल फंड में पैसे निवेश करने का एक तरीका एसआईपी है, जबकि म्यूचुअल फंड एक निवेश साधन है. SIP और Mutual Fund दोनों शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं. दोनों के फायदे जोखिम, रिटर्न और निवेश क्षमता अलग-अलग होती है.
क्या है SIP, जानें इसके फायदे
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है. म्यूचुअल फंड में जहां निवेश अधिकतर एकमुश्त होता है, वहीं एसआईपी में छोटी राशि नियमित रूप से निवेश की जाती है. निवेशक SIP में हर महीने या हर 3 महीने में रुपए निवेश कर सकते हैं. एसआईपी उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है, जो कम इनकम से भी बचत शुरू करना चाहते हैं.
100 रुपए या 500 रुपए में भी आप एसआईपी शुरू कर सकते हैं. एसआईपी में रुपए निवेश करने पर ढेर सारे फायदे मिलते हैं. SIP में रुपए निवेश करने पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. एसआईपी में नियमित निवेश से जोखिम कम हो जाता है. आपको मालूम हो कि एसआईपी कभी भी रोकी, बढ़ाई या घटाई जा सकती है. आज के समय में SIP को सबसे सुरक्षित और स्मार्ट निवेश विकल्प माना जाता है. इसमें बाजार में उतार-चढ़ाव का डर कम होता है.
क्या है म्यूचुअल फंड, जानें इसके लाभ
Mutual Fund निवेश का एक माध्यम है. इसमें बैंक और एसेट मैनेजमेंट कंपनियां जैसे ऑथराइज्ड फंड हाउस कई निवेशकों यानी इन्वेस्टर्स से पैसे एकत्र करते हैं. इसके बाद एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर इस पैसे को स्टॉक्स, बॉन्ड, गोल्ड या अन्य एसेट्स में निवेश करता है. कई जगहों पर पैसे लगाने का उद्देश्य सबसे कम रिस्क में अधिक से अधिक लाभ कमाना होता है. इससे मार्केट में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है क्योंकि पैसा अलग-अलग इन्वेस्टमेंट टाइम के लिए अलग-अलग एसेट्स में इन्वेस्ट किया जाता है.
आपको मालूम हो कि म्यूचुअल फंड में हर निवेशक को फंड की यूनिट दी जाती है. यूनिट का मूल्य बढ़ता है तो निवेश भी बढ़ता है और यूनिट का मूल्य गिरता है तो निवेश भी घटता है. म्यूचुअल फंड ऐसे लोगों के लिए सबसे अच्छा है, जो बड़े निवेश ज्ञान के बिना भी एक विविध पोर्टफोलियो चाहता है. Mutual Fund में निवेशक के पास रुपए निवेश करने के दो विकल्प होते हैं. पहला एसआईपी से निवेश और दूसरा लम्पसम (एकमुश्त) निवेश. म्यूचुअल फंड में निवेशक के पैसों को कई हिस्सों में बांटकर जोखिम कम किया जाता है. आप म्यूचुअल फंड की शुरुआत कम पैसे में भी कर सकते हैं. इसमें टैक्स में छूट भी मिलती है. LSS फंड पर धारा 80सी में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. इसमें लंबे समय में स्टॉक मार्केट से ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. आजकल म्यूचुअल फंड काफी लोकप्रिय हो गया है. इसके लोकप्रिय होने के तीन मुख्य कारण पहला जोखिम कम, दूसरा बेहतर रिटर्न और तीसरा टैक्स बचत हैं. ईएलएसएस फंड से इनकम टैक्स में भारी राहत मिल सकती है.
SIP या म्यूचुअल फंड, पैसे निवेश करने के लिए कौन बेहतर
1. SIP में जहां नियमित अंतराल पर तय राशि का निवेश किया जाता है, वहीं म्यूचुअल फंड में एकमुश्त या एसआईपी दोनों तरीके से निवेश किया जा सकता है.
2. SIP जहां बाजार टाइमिंग के जोखिम को कम करता है, वहीं म्यूचुअल फंड में जोखिम फंड के प्रकार पर निर्भर करता है.
3. SIP में यदि आप निवेश करते हैं तो लंबे समय में स्थिर और बेहतर औसत रिटर्न मिलता है. म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करने से से बंपर रिटर्न मिल सकता है, हालांकि इसमें जोखिम अधिक रहता है.
4. SIP को किसी भी समय शुरू या बंद किया जा सकता है जबकि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त पैसा जमा करने पर निकासी के लिए कुछ फंडों में लॉक-इन नियम लागू किए जाते हैं.
5. SIP में थोड़े पैसों से भी निवेश कर सकते हैं जबकि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश के लिए अधिक राशि की जरूरत पड़ती है.
6. SIP में समय के साथ निवेश फैलने से उतार-चढ़ाव का जोखिम कम रहता है जबकि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त गलत समय में निवेश करना भारी नुकसान दे सकता है.