Pumpkin Farming
Pumpkin Farming देश में खेती का तरीका बदल रहा है. अब किसान मुनाफे की खेती की तरफ रूख कर रहे हैं. कई किसान सब्जियां उगा रहे हैं और अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में भी एक ऐसे ही किसान हैं, जो कद्दू की खेती कर रहे हैं. वो 56 कद्दू क बीज बोते हैं. इससे उनकी लाखों की आमदनी हो रही है. चलिए उनके बारे में बताते हैं.
56 कद्दू की खेती-
किसान सगीर अहमद करीब 2 बीघे में 56 कद्दू की खेती करते हैं. इससे उनको अच्छी-खासी कमाई होती है. सगीर अहमद को एक बीघे खेत में कद्दू लगाने में 10 से 12 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं. मार्केट में कद्दू की अच्छी-खासी डिमांड है. इसलिए रेट भी अच्छा मिलता है. सगीर को एक बीघे खेत से 80 से 90 हजार रुपए का मुनाफा होता है. इस तरह से 2 बीघे जमीन पर 56 कद्दू की खेती से डेढ़ लाख से ज्यादा का फायदा होता है.
पारंपरिक खेती की जगह कद्दू की खेती-
हिंदी न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक किसान सगीर अहमद बाराबंकी के मसौली ब्लॉक क्षेत्र के पलहरी गांव के रहने वाले हैं. सगीर अहमद की फैमिली पहले पारंपरिक खेती करती थी. धान, गेहूं और सरसों उगाते थे. लेकिन उससे ज्यादा फायदा नहीं होता था. इसके बाद उन्होंने सब्जियों की खेती करने की सोची. उन्होंने बैंगन, गोभी और मटर की खेती करने लगे. इससे उनको काफी मुनाफा होने लगा. अब सगीर अहमद 56 कद्दू की खेती कर रहे हैं और खूब मुनाफा कमा रहे हैं.
56 कद्दू की खेती का तरीका-
कद्दू की अच्छी पैदावार दोमट या बलुई दोमट मिट्टी में होती है. कद्दू की खेती नदी किनारे वाले दियारा इलाके में बहुत अच्छी होती है. 56 कद्दू की बिजाई के लिए सबसे अनुकूल समय जनवरी से मार्च और अक्टूबर से नवंबर तक का होता है. बीजों को खेत में बनाए गए मेड़ों पर लगााना चाहिए. इनके बीच डेढ़ से 2 फुट की दूरी होनी चाहिए. बीजों को 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में लगाना चाहिए.
बीज होने के फौरन बाद इसकी सिंचाई भी करनी चाहिए. मौसम के हिसाब से 6-7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए. 56 कद्दू की फसल को तैयार होने में 9-10 सिंचाइयां करनी पड़ती है. फसल को तैयार होने में 45-55 दिन लगते हैं.
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