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Success Story: ना जोमेटो…न मार्केटिंग, सिर्फ बटर चिकन और गलौटी कबाब बेचकर खड़ा किया 100 करोड़ का एम्पायर, जानिए दिल्ली के इस ढाबे की कहानी

दिल्ली के सफदरगंज इलाके में फेमस राजिन्दर द ढाबा है. राजिन्दर द ढाबा लगभग 40 साल पहले 500 रुपए से शुरू हुआ था. बड़ी संख्या में लोग यहां के स्वाद के लिए आते हैं. सिर्फ बटर चिकन और गलौटी कबाब बेचकर राजिन्दर द ढाबा ने 100 करोड़ का एम्पायर खड़ा किया.

Rajinder the Dhaba Delhi (Photo Credit: Social Media/Instagram) Rajinder the Dhaba Delhi (Photo Credit: Social Media/Instagram)
हाइलाइट्स
  • 1968 में शुरू हुआ था राजिन्दर द ढाबा

  • दिल्ली के सफदरगंज में है राजिन्दर द ढाबा

न ही जोमेटो और न ही बड़ी मार्केटिंग, फिर भी दिल्ली के ये ढाबा साल भर में 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई करता है. दिल्ली के राजिन्दर द ढाबा में हर रोज बड़ी संख्या में लोग खाना खाने आते हैं. बिना किसी भारी भरकम एडवारटाइडजिंग के राजिन्दर द ढाबा में खाने वालों की लाइन लग रहती है. सिर्फ यहां के स्वाद के लिए लोग राजिन्दर द ढाबा चले आते हैं. लगभग 50 साल से ज्यादा पुराने राजिन्दर द ढाबा की कहानी क्या है? आइए इस बारे में जानते हैं.

कैसे शुरू हुआ द राजिन्दर दा ढाबा?

राजिन्दर द ढाबा दिल्ली के सफदरगंज इलाके में है. दिल्ली का ये ढाबा अपनी चिकन करी और गलौटी कबाब के लिए जाना जाता है. दशकों पुराना दिल्ली का ये ढाबा एक फेमस लैंडमार्क बन गया है. इस फेमस ढाबे की शुरूआत से छोटे से फूड स्टॉल से हुई थी. साल 1968 में राजिन्दर द ढाबा की शुरूआत फिश फ्राई बेचने से हुई थी.

लगभग 50 साल पहले राजिन्दर ने दिल्ली के सफदरगंज मार्केट में एक छोटा-सा फूड स्टॉल खोला था. राजिन्दर ने 500 रुपए से इस फूड वेंचर की शुरूआत की थी. शुरूआत में राजिन्दर ने फिश फ्राई और अंडे बेचे. उस समय न कोई निवेशक थे और न ही उन्होंने बड़े विज्ञापन किए. धीरे-धीरे कस्टमर्स को राजिन्दर के खाने के स्वाद अच्छा लगने लगा. कस्टमर्स वापस राजिन्दर के यहां आने लगे. धीरे-धीरे फूड से राजिन्दर ने ढाबा खोल लिया.

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कैसे खड़ा किया करोड़ों का एम्पायर?

हाल ही में कंटेंट क्रिएटर रॉकी सग्गू कैपिटल ने राजिन्दर द ढाबा की बिजनेस स्टोरी को शेयर किया है. वीडियो में कंटेंट क्रिएटर ने बताया कि कैसे छोटा-सा स्टॉल करोड़ों का बिजनेस बन गया? रॉकी ने वीडियो में कहा, ना इंवेस्टर, ना जोमेटो और न ही कोई एड. सिर्फ बटर चिकन और गलौटी कबाब बेचकर करोड़ों का एम्पायर खड़ा कर दिया.

रॉकी ने वीडियो में बताया कि समय के साथ राजिन्दर द ढाबा ने दिल्ली के लोगों की पल्स को समझा. राजिन्दर द ढाबा की डिमांड धीरे-धीरे बढ़ी. इससे नई चुनौतियां भी आने लगीं. गरीब से लेकर अमीर तक ढाबे पर लंबी-लंबी लाइनें लगने लगीं. काफी देर इंतजार करने की वजह से कस्टमर परेशान होने लगे. तब राजिन्दर द ढाबा कस्टमर्स के लिए एक सिस्टम तैयार किया. रॉकी ने वीडियो में बताया कि कस्टमर ने बोला ज्यादा चाहिए तो मेन्यू बढ़ा दिया. टाइम ज्यादा लगा तो उसे भी बचाया.

कैसे बना लैंडमार्क?

राजिन्दर द ढाबा को अब राजिन्दर के बेटे भूषण कुमार चलाते हैं. एक फूड स्टॉल से शुरू हुआ राजिन्दर द ढाबा के अब ब्रान्ड्स हैं. राजिन्दर द ढाबा के अलावा राजिन्दर एक्सप्रेस और RDX रेस्टो एंड बार भी शुरू किया है. कंटेंट क्रिएटर रॉकी सग्गू कैपिटल ने राजिन्दर द ढाबे को लेकर कहा कि आज ये सिर्फ एक ढाबा नहीं, दिल्ली का कल्चरल लैंडमार्क है.

राजिन्दर द ढाबा कस्टमर का समय बचाने के लिए ग्रेवी को एडवांस में तैयार रखते हैं. इससे अब कस्टमर का ऑर्डर 2-3 मिनट में पूरा हो जाता है. राजिन्दर द ढाबा के किचन तेजी से काम करते हैं लेकिन उन्होंने रेसिपी का स्वाद नहीं बदला. इससे कस्टम बार-बार यहां आना पसंद करते हैं. राजिन्दर द ढाबा बटर चिकन और गलौटी रोल्स के साथ शुरू हुआ था. धीरे-धीरे फूड को बढ़ाते गए. साथ में हर फूड के स्वाद को परफेक्ट करते गए.

दिल्ली के सफदरगंज इलाके में राजिन्दर द ढाबा एक लैंडमार्क बन गया है. यहां पर कस्टमर्स की भीड़ लगी रहती है. वीक डे में शाम के समय और वीकेंड में रात में ये जगह लोगों से हमेशा भरी रहती है. एक फूड स्टॉल से शुरू हुआ राजिन्दर द ढाबा करोड़ों का एम्पायर बन गया है. राजिन्दर द ढाबा ने इस जगह को ही अपने नाम कर लिया है.