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Girish Mathrubootham Success Story: उधार लेकर MBA की पढ़ाई, बिजनेस में कई बार मिली असफलता, दोस्त के साथ मिलकर शुरू की Freshworks कंपनी... हजारों करोड़ के मालिक गिरिश मातृभूतम की कहानी जानिए

फ्रेशवर्क्स इंक कंपनी (Freshworks Inc) के फाउंडर और सीईओ गिरिश मातृभूतम ने जीवन में बहुत संघर्ष किया. उनका बचपन चुनौतियों से भरा था. पैसे उधार लेकर उन्होंने MBA की पढ़ाई पूरी की. शुरुआत में कई स्टार्टअप शुरू किए, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने कई कंपनियों में काम किया और अनुभव हासिल किया. इसके बाद साल 2010 में फ्रेशवर्क्स की शुरुआत की.

Girish Mathrubootham Girish Mathrubootham

अगर आप चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं तो सफलता जरूर मिलेगी. साधारण परिवार से आने वाले एक शख्स ने मेहनत और लगन के बल पर हजारों करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. एक वक्त ऐसा था, जब गिरीश मातृभूतम को MBA की पढ़ाई के लिए उधार लेना पड़ा था. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. जब बिजनेस करने की ठानी तो कई बार असफलता मिली. लेकिन हौसला बनाए रखा. आखिरकार वो दिन आ ही गया, जब उन्होंने एक ऐसी कंपनी की नींव रखी, जो आज हजारों करोड़ का कारोबार कर रही है. चलिए आपको फ्रेशवर्क्स (Freshworks) के संस्थापक और सीईओ गिरीश मातृभूतम (Girish Mathrubootham) की कहानी बताते हैं.

उधार लेकर की MBA की पढ़ाई-
गिरीश मातृभूतम का जन्म तमिलनाडु के त्रिची शहर में एक साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता एक सरकारी बैंक में कर्मचारी थे. गिरीश बचपन में एक साधारण छात्र थे. स्कूली पढ़ाई के बाद वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते थे. इसके लिए वो चेन्नई गए. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एमबीए करने का फैसला किया. लेकिन उनके घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि एमबीए की पढ़ाई पूरी कर सकें. लेकिन गिरीश को पिता का पूरा साथ मिला. गिरीश की पढ़ाई के लिए पिता ने रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए और उनका एडमिशन एमबीए में कराया.

असफलताओं से मिली सीख-
एमबीए करने के बाद गिरीश ने बिजनेस करने की कोशिश की. उन्होंने कई स्टार्टअप शुरू किए. लेकिन हर बार नाकामी हाथ लगी. इसके बाद उन्होंने पहले नौकरी और फिर अनुभव हासिल करने के बाद बिजनेस में उतरने की प्लान बनाया. उन्होंने अमेरिका में एचसीएल समेत कई कंपनियों में काम किया. जब गिरिश को लगा कि अब इतना अनुभव हो गया है कि अपना कारोबार शुरू किया जा सकता है, उसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और अपना काम शुरू करने का फैसला किया.

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साल 2010 में फ्रेशवर्क्स की शुरुआत-
गिरिश मातृभूतम ने अपने दोस्त शान कृष्णासामी के साथ मिलकर साल 2010 में चेन्नई में फ्रेशवर्क्स की शुरुआत की. इन दोनों ने क्लाउड बेस्ड कस्टमर सर्विस सॉफ्टवेयर का काम शुरू किया था. फ्रेशवर्क्स को साल 2011 में Accel की तरफ से 10 लाख डॉलर की फंडिंग मिली. इसी साल कंपनी को अपना पहला कस्टमर भी मिला. इसके बाद कंपनी ने अपना विस्तार करना शुरू किया. कंपनी ने सेल्स और सीआरएम को भी इसमें जोड़ा. गिरिश ने अपनी मेहनत से कंपनी को सफलता दिलाई.

कंपनी ने तेजी से किया ग्रोथ-
फ्रेशवर्क्स इंक कंपनी ने तेजी से ग्रोथ किया और साल 2021 में इसका एनुअल रिकरिंग रेवेन्यू 30 करोड़ डॉलर को पार कर गया. आज 95 हजार करोड़ से अधिक की कंपनी बन गई है. कंपनी के पास 50 हजार से अधिक कस्टमर हैं. फ्रेशवर्क्स का दफ्तर दुनियाभर में है. इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया में है. इसके अलावा भारत, फ्रांस, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में इसके दफ्तर हैं.

सॉफ्टवेयर कंपनी का बिजनेस मॉडल सेल्स और उसके प्रोडक्ट पर बेस्ड है. ये कंपनी 'रेडी टू गो' सॉफ्टवेयर बनाती है, जिसे इस्तेमाल करना आसान है. कंपनी ने कस्टमर केयर नंबर भी दिया है, जिसपर कोई भी जानकारी हासिल की जा सकती है.

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