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Raja Rani Coaching: मां को देखकर शुरू किया सिलाई करना, फिर आया ऐसा इंटरेस्ट कि शुरू कर दी ऑनलाइन कोचिंग, खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस

हाल ही में, Shark Tank India Season 3 में नजर आए Raja Rani Coaching के फाउंडर्स, प्रिया गढ़िया और मोहित गढ़िया लोगों को ऑनलाइन व ऑफलाइन Tailoring and Designing ट्रेनिंग दे रहे हैं. अब तक वे एक लाख से ज्यादा लोगों को सिलाई सिखा चुके हैं.

Raja Rani Coaching Success Story Raja Rani Coaching Success Story
हाइलाइट्स
  • Shark Tank India में आए नजर

  • करोड़ों में है सालाना टर्नओवर

अगर कोई हमारी मां, या दादी-नानी से कहेगा कि वे सिलाई करना सिखाकर करोड़ों कमा सकती हैं तो उन्हें यह बात मजाक लगेगी. क्योंकि उनके जमाने में सिलाई सिखाना कोई काम नहीं होता था बल्कि लड़कियों के लिए यह एक गुण की तरह था जो वे शादी से पहले अपनी मां या किसी और से सीख ही लेती थीं. हम सबने बचपन में अपने खुद के घरों में सिले हुए कपड़े ही पहने होंगे. लेकिन पिछले कुछ सालों में हमारे फोन और इंटरनेट की स्पीड की तरह सिलाई, कढ़ाई और डिजाइनिंग की इंडस्ट्री भी एकदम बदल गई है. 

आज सिलाई करना एक स्किल है जिसके जरिए आप अपना बिजनेस खड़ा कर सकते हैं. अब लड़कियों के लिए यह कम्पलसरी कोर्स नहीं बल्कि एक्सट्राकर्रिकुलर है, जिसमें उसकी दिलचस्पी हो तभी वह सीखती है. और अब यह काम सिर्फ लड़कियों तक सीमित नहीं है बल्कि लड़के भी इसमें आगे बढ़ रहे हैं. अब आप घरों में नहीं बल्कि इंस्टिट्यूट्स पर जाकर सिलाई का कोर्स कर सकते हैं. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे कपल के बारे में जिन्होंने सिलाई कोर्स को एक लेवल अप करके करोड़ों का बिजनेस खड़ा कर दिया है. 

यह कहानी है सूरत के रहने वाले दंपत्ति, प्रिया और मोहित गढ़िया की, जो आज देश की तेजी से आगे बढ़ रही टेलरिंग एकेडमी, राजा-रानी कोचिंग चला रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि उनकी कोचिंग क्लास ऑफलाइन नहीं बल्कि ऑनलाइन है. जी हां, ऑनलाइन क्लासेज के जरिए देशभर से लोगों को सिलाई करना सिखाया जा रहा है. 

कैस हुई कोचिंग की शुरुआत
GNT Digital से बात करते हुए प्रिया और मोहित ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही अपने घरों में अपनी मांओं को सिलाई करते देखा था. प्रिया को हमेशा से सिलाई में दिलचस्पी थी और वह इसमें एकदम परफेक्शन चाहती थीं. वहीं, मोहित स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी भाभी के साथ एक बूटीक चला रहे थे. बूटीक में उन्हें कपड़ों की सिलाई की फिनिशिंग में काफी परेशानी आती थी. इसे हल करने के लिए मोहित ने खुद सिलाई के गुर सीखने का फैसला किया. वह सिलाई सीखने के लिए एक इंस्टिट्यूट जाने लगे. यहीं पर उनकी मुलाकात प्रिया से हुई. 

सिलाई के काम के लिए दोनों के पैशन ने उन्हें एक साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. प्रिया और मोहित ने NIFT सुरत से भी कोर्स किया लेकिन यहां सिलाई पर ज्यादा फोकस नहीं था. इस बीच प्रिया भी मेहित के बूटीक से जुड़ गई. लेकिन समस्या अभी भी वही थी सिलाई में अच्छी फिनिशिंग. प्रिया ने बताया, "मैंने सिलाई में परफेक्शन लाने के लिए अलग-अलग जगह से सीखा लेकिन मन को संतुष्टि नहीं हुई. क्योंकि हर बार नए डिजाइन पर काम करो या किसी हेल्दी बॉडी वाले इंसान के लिए कुछ सिलो तो फिनिशिंग में परेशानी आती ही थी. ऐसे में, मैंने खुद कुछ चीजों के लिए जैसे ब्लाउज, कुरती आदि के लिए एक स्टैंडर्ड सिलाई का तरीका तैयार किया और फरमा भी बनाए. ताकि किसी भी साइज के इंसान के लिए कपड़े सिलने हों तो फिनिशिंग में कोई दिक्कत न आए." 

जब प्रिया को खुद पर कॉन्फिडेंस आने लगा तो उन्होंने टेलरिंग की क्लासेज करने का फैसला किया. साल 2021 में उन्होंने Raja Rani Coaching की ऑफलाइन शुरुआत की. प्रिया बताती हैं कि शुरुआत में उनके पास दो-चार लोग ही आए सीखने लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी पीछ मुड़कर नहीं देखी. लगभग आठ महीने तक उन्होंने लोगों को ऑफलाइन टेलरिंग सिखाई. लेकिन उनका तरीका ऐसा था कि दूसरे शहरों से उनके पास कॉल आने लगे. तब उन्हें लगा कि वे ऑनलाइन कोचिंग कर सकते हैं. सबसे पहले उन्होंने अहमदाबाद की एक लेडी को ऑनलाइन कोचिंग दी और इसके बाद उनकी कोचिंग ऑनलाइन बढ़ने लगी. 

अपने सिलाई कोर्सेज किए तैयार 
मोहित बताते हैं कि जब उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा तो उन्होंने इसी फील्ड में और मेहनत की. प्रिया और उन्होंने मिलकर अलग-अलग सिलाई कोर्सेज तैयार किए. आज वह छात्रों को अलग-अलग पैकेज पर कोर्स ऑफर करते हैं. जैसे अगर किसी को टेलरिंग का पूरा कोर्स करना है तो यह चार से छह महीने के बीच होता है और इसकी फीस 37,500 रुपये है. इस कोर्स में छात्रों को सिलाई और फिनिशिंग के अलग-अलग पहलुओं पर ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा, उनके पास कुछ अलग-अलग कोर्स हैं जैसे ब्लाउज स्पेशन, बॉटम स्पेशल, गाउन स्पेशल कोर्स आदि. ऑनलाइन कोचिंग के साथ-साथ वे वीकेंड्स पर ऑफलाइन वर्कशॉप्स भी करते हैं. इन ऑफलाइन वर्कशॉप्स की फीस मात्र 99 रुपए से शुरू होती है जिसमें प्रिया लोगों को किसी एक कपड़े पर जैसे ब्लाउज, सलवार या लंहगा-चोली आदि पर मास्टरक्लास कराती हैं. 

प्रिया और मेहित का कहना है कि उन्हें अपनी ऑनलाइन कोचिंग के लिए स्टूडेंट्स इन वर्कशॉप्स से भी मिलते हैं. उनके पास स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर 55 की उम्र तक के लोग सिलाई सीख रहे हैं. अब तक वे एक लाख से ज्यादा लोगों को सिलाई सिखा चुके हैं और इनमें लगभग 10% स्टूडेंट्स विदेशों से हैं. मोहित का कहना है कि उनसे सिलाई सीखने के बाद बहुत से लोग अपना काम शुरू कर चुके हैं. सबसे ज्यादा उन्हें गृहिणियों से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है क्योंकि वे अपने घर को संभालते हुए कुछ सीख पा रही हैं और घर से ही अपना काम कर पा रही हैं. 

बनाया करोड़ों का बिजनेस 
आपको बता दें कि हाल ही में, मोहित और प्रिया को Shark Tank India Season 3 के एक एपिसोड में देखा गया था. शार्क टैंक में हर कोई उनके बिजनेस के बारे में और उनकी कमाई के बारे में जानकर हैरान था. किसी को भी यकीन नहीं हुआ कि सिलाई जैसी चीज सिखाकर करोड़ों का बिजनेस खड़ा किया जा सकता है. प्रिया और मोहित को भले ही शार्क टैंक से डील नहीं मिली लेकिन उनकी अच्छी मार्केटिंग हुई है.

मोहित कहते हैं कि वह आगे चलकर इस ऑनलाइन कोचिंग को एक इंस्टिट्यूट में बदलना चाहेंगे. वह चाहते हैं कि भविष्य में वे स्टूडेंट्स को फुल बूटीक मैनेजमेंट कोर्स लॉन्च करें. आगे वह फैशन इंडस्ट्री से जुड़े अलग-अलग और कोर्सेज लाना चाहेंगे. प्रिया कहती हैं कि वह लोगों को स्किल सिखाकर आत्म-निर्भर बनाना चाहती हैं. उनका लक्ष्य खुद आगे बढ़ते हुए महिला सशक्तिकरण पर काम करना है. और वे अपनी स्किल के जरिए ही ऐसा कर सकते हैं.