
तेलंगाना में साइबर अपराधों पर नकेल कसी जा रही है. तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो के अनुसार, राज्य में पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी से अप्रैल तक साइबर अपराध की शिकायतों में कमी आई है. तेलंगाना में पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी से अप्रैल तक पैसों से जुड़ी साइबर अपराध शिकायतों में 11% की कमी आई है, जबकि इन्हीं चार महीनों में देश भर में साइबर क्राइम के शिकायतों में 28% की बढ़ोतरी हुई है.
रिकवरी दर में बढ़ोतरी
तेलंगाना में इस साल पहले चार महीनों में ठगी गई रकम की रिकवरी भी बढ़कर 16% हुई है, जो पिछले साल के चार महीनों में 13% थी. शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई और बैंक और दूसरे प्लेटफार्म के साथ बेहतर तालमेल के कारण इस साल पहले चार महीनों में 626 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि पिछले साल 230 आरोपी गिरफ्तार हुए थे.
साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो की भूमिका
तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो ने इसका क्रेडिट साइबर फ्रॉड को लेकर बढ़ी जागरूकता, जांच में तेजी और एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल को दिया है. ब्यूरो ने साइबर क्राइम से जुड़े हॉटस्पॉट्स को पहचानने के लिए डेटा और टेक्नोलॉजी की मदद ली और राज्य के अंदर और दूसरे राज्यों में भी स्पेशल फील्ड ऑपरेशन चलाए.
तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो की डायरेक्टर शिखा गोयल ने कहा, 'हमने डेटा ड्रिवन टेक्नोलॉजी सपोर्टेड एप्रोच का उपयोग किया है. हमारा साइबर क्राइम के प्रति जीरो टॉलरेंस और कमिटमेंट है कि तेलंगाना साइबर क्रिमिनल्स के लिए हब नहीं होना चाहिए.'
साइबर क्राइम के पीड़ितों की राय
साइबर क्राइम के पीड़ितों ने भी तेलंगाना पुलिस की सराहना की है. एक पीड़ित ने कहा, 'बैंक वालों ने बहुत सपोर्ट किया और मेरा रिफंड मिल गया. तेलंगाना पुलिस बहुत अच्छा काम कर रही है.' तेलंगाना पुलिस ने अडवांस ऐनालिटिक्स, डिजिटल प्रोफाइलिंग और ओपेन सोर्स इन्टेलिजेन्स टूल्स की मदद से साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा है. ज़ाहिर है, तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो ने पूरे राज्य में डिजिटल अरेस्ट कैंप, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड और ओटीपी के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को लेकर बड़ा अभियान चलाया है.