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Dairy Business Success Story: 15 लाख रुपए सालाना की नौकरी छोड़कर शुरू किया दूध का बिजनेस, आज करोड़ों में है टर्नओवर

हरियाणा के पटौदी में स्थित Dairy Farm- Barosi एक सफल मिल्क बिजनेस ब्रांड है, जिससे आज एक मैकेनिकल इंजीनियर करोड़ों की कमाई कर रहा है. जानिए कैसे दुर्लभ ने लाखों की नौकरी छोड़ करोड़ों का बिजनेस बनाया.

Durlabh Rawat, Founder of Barosi Durlabh Rawat, Founder of Barosi

यह कहानी है एक ऐसे मैकेनिकल इंजीनियर की जिन्होंने बचपन में आर्थिक तंगी देखी, फिर पढ़-लिख अच्छी नौकरी की ताकि अपने परिवार को अच्छी जिंदगी दे सकें. लेकिन जब एक मुकाम पर पहुंचे तो अपने उद्यमी बनने के सपने को पूरा करने के लिए बार फिर जीरो से शुरुआत की. यह उनकी रिस्क और मेहनत थी जिसके दम पर आज वह करोड़ों का सफल डेयरी बिजनेस चला रहे हैं. 

आज हम आपको बता रहे हैं Barosi मिल्क ब्रांड के फाउंडर दुर्लभ रावत के बारे में. उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव दायवंतपुर में पले-बढ़े दुर्लभ बचपन में अपने पिता का खेतों में हाथ बंटाते थे. और अक्सर सोचते थे कि कैसे परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारें. हालांकि, अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने अपनी राह चुनी. दुर्लभ ने दिल्ली के प्रतिष्ठित पूसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में सफलतापूर्वक डिप्लोमा प्राप्त किया. 

15 लाख रुपए तक पहुंच गई थी सैलरी 
पढ़ाई के बाद उन्होंने ऑटो सेक्टर में आइसर, महिंद्रा जैसी कंपनियों में 12 साल तक काम किया और 6,500 रुपये मासिक से शुरुआत करके 15 लाख रुपये प्रति वर्ष का वेतन हासिल किया. इससे उनके परिवार की स्थिति काफी बेहतर हो गई. उन्होंने अपने परिवार को नोएडा शिफ्ट करा लिया और वे वहीं रहने लगे. लेकिन समय के साथ-साथ दुर्लभ को लगने लगा कि जॉब करना काफी नहीं है. उन्हें अपनी आगे की जिंदगी कोऔर दिलचस्प बनाना था. वह प्रकृति के करीब एक अलग जीवन जीना चाहते थे और उन्होंने इस क्षेत्र में कुछ करने का तय किया. 

बहुत सोच-विचार करने के बाद दुर्लभ ने डेयरी व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया. हालांकि, शुरुआत में उन्हें अपने परिवार से खास सपोर्ट नहीं मिला. लेकिन उन्हें खुद पर विश्वास था और इसलिए उन्होंने आगे बढ़ने की ठानी. साल 2016 में अपनी कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर शुरुआत की. डेयरी फार्म के लिए उन्होंने हरियाणा के पटौदी को अपनी बेस बनाया. 

कमा रहे हैं करोड़ों में 
दुर्लभ ने अपनी सेविंग्स से अपना काम शुरू किया. शुरुआत में, उनके फार्म में 50 गायें थीं. हालांकि, उनका कहना है कि यह सब बिल्कुल भी आसान नहीं था. लेकिन दुर्लभ ने ग्रामीण भारत में दूध गर्म करने की पारंपरिक विधि से प्रेरित एक ब्रांड बरोसी स्थापित करने का संकल्प लिया. "बरोसी" नाम की उत्पत्ति हिंदी शब्द से हुई है, जिसमें लकड़ी और गाय के गोबर के उपलों से भरे एक छोटे से गड्ढे में मिट्टी के बर्तन में दूध को धीरे-धीरे गर्म करने के लिए धीमी आंच पर रखा जाता है. 

दुर्लभ का कहना है कि उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि वे प्रबंधन अच्छे से नहीं कर पा रहे थे. साथ ही उनकी 12 साल की बचत भी ख़त्म होने लगी थी. आख़िरकार, उन्होंने गुड़गांव में ग्राहकों से व्यक्तिगत रूप से मिलना शुरू कर दिया और ग्राहकों को दूध बेचना शुरू कर दिया. भारत में ई-कॉमर्स के चलन को देखते हुए, दुर्लभ रावत ने तुरंत इसे अपनाया और बरोसी को ई-कॉमर्स का पहला ब्रांड बना दिया. 

उन्होंने अपने दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स को विभिन्न लिस्टिंग प्लेटफार्मों पर सूचीबद्ध किया और उन्हें ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया. पिछले कुछ सालों में, बरोसी सफलतापूर्वक विकसित हुआ है. पटौदी से, यह भारत के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्राहकों की मांग पूरी कर रहा है. जोश टॉक्स में उनके भाषण के अनुसार, दुर्लभ रावत बरोसी से 8 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर कमा रहे हैं. 
पिछले साल, वह शार्क टैंक इंडिया सीज़न 2 में दिखाई दिए थे.