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सरदार जी का अनोखा इनोवेशन, चंद मिनटों में साइकिल को बना देगा इलेक्ट्रिक, शार्क टैंक में पैसे की बजाय मांगी 100 घंटों की फंडिंग

शार्क टैंक इंडिया मे हाल ही में एक शख्स ने सभी शार्क्स को चौंका दिया. इस शख्स ने अपने बिजनेस में 0.5 प्रतिशत इक्विटी के बदले शार्क्स से उनके समय के 100 घंटे मांगे.

Dhruv electric got 100 hours funding Dhruv electric got 100 hours funding
हाइलाइट्स
  • DVECK एक इलेक्ट्रिक कनवर्ज़न किट है

  • DVECK एयरक्राफ्ट-ग्रेड एल्यूमीनियम से बना है

शार्क टैंक इंडिया में पिचर्स आमतौर पर फंडिंग के लिए आते हैं. लेकिन उद्यमी गुरसौरभ सिंह ने शार्क टैंक इंडिया में अपने बिजनेस की इक्विटी के बदले पैसे नहीं बल्कि उससे भी कुछ ज्यादा कीमती मांग लिया. और यह बेहद कीमती चीज थी शार्क्स का समय. जी हां, शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 के 30वें एपिसोड में गुरसौरभ सिंह ने अपने आविष्कार DVECK - ध्रुव विद्युत इलेक्ट्रिक कनवर्ज़न किट को पेश किया. 

क्या है DVECK
DVECK एक इलेक्ट्रिक कनवर्ज़न किट है जिसे किसी भी साइकिल पर फिट करके उसे मोटर और बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक साइकिल में बदला जा सकता है. ध्रुव विद्युत दिल्ली स्थित एक स्टार्टअप है जिसने अभी तक अपना उत्पाद बाजार में लॉन्च नहीं किया है. शो में सिंह ने कहा कि हमने 2G से 5G में अपग्रेड किया है. फूड डिलीवरी का समय 30 मिनट से 20 हुआ और अब सिर्फ 10 मिनट. साइकिल में एक समान क्रांति लाने के लिए, उन्होंने DVECK का आविष्कार किया. 

उन्होंने कहा कि इस क्रांति के लिए, उन्हें 0.5% इक्विटी के लिए शार्क्स के 100 घंटे के समय की जरूरत है. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, शो में सिंह के आने से पहले, लेन्सकार्ट के को-फाउंडर, पीयूष बंसल ने DVECK पर सिंह की एक वीडियो को देखने के बाद उन्हें मैसेज किया था. वहीं, सिंह ने बताया कि उन्हें अपने वीडियो के बाद न केवल बंसल, बल्कि अमन गुप्ता और अनुपम मित्तल ने भी मैसेज किया था. 

बाइक्स के पैशन ने कराया इनोवेशन 
मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले सिंह ने साहित्य में डिग्री के साथ स्नातक किया. हालांकि, उनका पैशन बाइक्स में था. ध्रुव विद्युत पर काम शुरू करने से पहले उन्होंने लगभग 16 साल तक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में काम किया. सिंह कहते हैं कि अगर कोई पैदल है तो वह पांच किमी का दायरा कवर करेगा, साइकिल पर 10 किमी का और अगर इसी दायरे को 5 किमी और बढ़ा दिया जाए तो उसके लिए सब कुछ सुलभ हो जाएगा - शिक्षा, बैंक, जीवन, मनोरंजन, सब कुछ.

इस बात में ध्यान रखकर उन्होंने DVECK पर काम करना शुरू किया. हालांकि, जब मित्तल ने उनसे पूछा कि वह 100 घंटों के आंकड़े पर कैसे पहुंचे, तो सिंह ने कहा कि वह मैन्यूफैक्चरिंग, रिसर्च और डेनलपमेंट में एक्सपर्ट हैं लेकिन उन्हें मार्केटिंग का कोई ज्ञान नहीं है, जो कि स्टार्टअप के लिए अगला कदम है. 

कैसे काम करता है DVECK
DVECK एयरक्राफ्ट-ग्रेड एल्यूमीनियम से बना है. इसे केवल 20 मिनट में साइकिल पर लगाया जा सकता है और इसे पानी, धूल, मिट्टी या यहां तक ​​कि आग से भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. मौजूदा बेस मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट 9,000 रुपये है. सिंह के अनुसार, किट की अद्भूत बात इसकी पैडल चार्जिंग क्षमता है. दरअसल, इसकी बैटरी पैडलिंग करने से चार्ज होती है. 

आप साइकिल में पैडल मारते रहेंगे तो यह चार्ज होता रहेगा और साइकिल चलती रहेगी. सिंह ने बताया कि वह अप्रैल 2023 तक बाजार में DVECK लॉन्च करने की उम्मीद करते हैं. उन्होंने अपना पहला प्रोटोटाइप फरवरी 2022 में तैयार किया था. 

ये शार्क देंगे 100 घंटे
शुगर कॉस्मेटिक्स की को-फाउंडर विनीता सिंह ने इस 100 घंटे की डील से बैक आउट किया और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की कार्यकारी निदेशक नमिता थापर ने भी यह ऑफर नहीं स्वीकारा. वहीं, अनुपम मित्तल ने कहा कि यह शो फंडिंग के लिए है. उन्हें पैसे मांगने चाहिए थे. 

मित्तल ने 100 घंटे की डील एक शर्त के साथ स्वीकारी. उन्होंने सिंह के सामने शर्त रखी कि उन्हें 1 करोड़ रुपए की फंडिंग जुटानी होगी. अगर वह ऐसा कर लेते हैं तो मित्तल उन्हें अपनी समय देंगे. पीयूष बंसल और अमन गुप्ता ने भी एक शर्त के साथ ऑफर दिया कि एक बार उत्पाद तैयार हो जाने के बाद, वे दोनों स्टार्टअप में पहले निवेशक होंगे. 

साथ ही, बंसल ने भिवाड़ी में अपने कारखाने में उन्हें DVECK पर काम करने की सलाह दी और कहा कि वह उनसे किराया नहीं लेंगे. आखिर में, तीनों शार्क 0.5% इक्विटी के लिए 100 घंटे देने के लिए सहमत हुईं, लेकिन दो शर्तों पर - सिंह ने ₹1 करोड़ जुटाए और एक बार उत्पाद लॉन्च के लिए तैयार हो जाने के बाद, बंसल और गुप्ता सबसे पहले इसमें निवेश करेंगे.