 Maitri Pandya Chaurasia
 Maitri Pandya Chaurasia  Maitri Pandya Chaurasia
 Maitri Pandya Chaurasia यह कहानी है एक ऐसी महिला की जो न सिर्फ खुद उद्यमी बनी बल्कि दूसरी महिलाओं को भी ट्रेनिंग देकर आगे बढ़ा रही है. आज हम आपको बता रहे हैं मैत्री पंड्या चौरसिया के बारे में जो हैंडमेड ज्वेलरी बना रही हैं. IT इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद, 32 वर्षीय मैत्री पंड्या चौरसिया ने लगभग एक दशक तक वडोदरा में आईटी कंपनियों के साथ काम किया. लेकिन ढाई साल पहले, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर अपना बिजनेस शुरू किया. खुद एक बिजनेसवुमन बनने के साथ-साथ उन्होंने देश भर की कम से कम 500 महिलाओं को अपना छोटा ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने में भी मदद की है.
मैत्री मूल रूप से कच्छ से हैं. उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र में अपनी नौकरी के दौरान, उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग सीखी थी. जिसका उपयोग उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभियान चलाकर देश भर की महिलाओं तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर किया है. मैत्री की बतौर उद्यमी यात्रा उनके उद्यम - 'EthnicKapada' से शुरू हुई.
दूसरी महिलाओं को बनाया उद्यमी 
मैत्री का स्टार्टअप टेक्सटाइल वेस्ट को रिसायकल करके हैंडमेंड ज्वेलरी बनाता है. मैत्री का कहना है कि नौकरी में उन्हें अच्छी सैलरी मिल रही थी लेकिन इस काम ने उनके मन को संतुष्टि दी है. मैत्री उद्यम के माध्यम से, वह हैंडमेड ज्वेलरी, पर्स, जूते, पर्यावरण-अनुकूल हैंडप्रिंट आदि बना रही हैं. जब उन्होंने हाथ से बने ज्वेलरी बेचना शुरू ही किया था, तो कई गरीब तबके की महिलाओं ने उनके पूछा कि क्या वे भी पैसे कमा सकती हैं. 
मैत्री ने उन्हें सस्ते दाम पर कुछ चीजें उपलब्ध कराईं और उन्होंने उन्हें बेचना शुरू कर दिया. इन महिलाओं को उन्होंने प्रशिक्षण भी दिया. उन्होंने कहा, "मेरा जोर इस बात पर है कि वे भी कहीं से भी कम से कम निवेश के साथ छोटे व्यवसाय शुरू कर सकती हैं." उन्होंने कहा कि सभी 500 महिलाओं ने एक साल से भी कम समय में 1,800 रुपये या उससे कम निवेश करके कम से कम 3,000 रुपये कमाए हैं.
महिलाओं को दे रही हैं फ्री में ट्रेनिंग 
वडोदरा में मैत्री नेगरीब परिवारों की लगभग 25 महिलाओं की एक टीम बनाई है. इन महिलाओं कोआभूषण बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. मैत्री ने का कहना है कि साल 2027 तक वह इस टीम को 150 महिलाओं तक बढ़ाना चाहती हैं. अपने काम के लिए वह रॉ मेटेरियल अहमदाबाद और लोकल दर्जी से कपड़ों का वेस्ट खरदती हैं.