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Sahayata Wheelchair: विकलांगों को आत्मनिर्भर बनाएगी ये व्हीलचेयर, शार्क टैंक इंडिया में मिली मुंहमांगी फंडिंग

धनवंतरी बायोमेडिकल की सीईओ श्रुति बाबु ने शार्क टैंक इंडिया में अपनी बनाई हुई सहायता व्हीलचेयर का आइडिया पेश, जिसे शार्क्स ने खूब पसंद किया, और उसके लिए उन्हें मुंह मांगी कीमत दी.

शार्क टैंक इंडिया शार्क टैंक इंडिया
हाइलाइट्स
  • इसके पीछे लगी है 5 साल की मेहनत

  • मरीज को आत्मनिर्भर बनाने वाली व्हीलचेयर

शार्क टैंक इंडिया में तमाम लोग अपने ऑफर शार्क्स के सामने रखते हैं. शार्क टैंक सीजन 2 का फाइनल हफ्ता ज्यादातर पिचर्स के लिए अच्छा नहीं रहा. कई लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. इसी हफ्ते में एक पिक्चर के आइडिया ने शार्क्स का दिल जीत लिया. अपना आइडिया लेकर पहुंची Sruthi Babu को शार्क्स की खूब सराहना भी मिली. श्रुति धनवंतरी बायोमेडिकल की सीईओ हैं और उनके प्रोडक्ट का नाम है ‘सहायता’ (Sahayatha). सहायता विकलांग लोगों के लिए बनाई गई व्हीलचेयर है. इसे खासतौर पर पार्किंसन से पीड़ित मरीजों के लिए बनाया गया है. 

क्या है इस व्हीलचेयर की खासियत?
सहायता व्हीलचेयर की सबसे बड़ी खूबी है इसका मल साफ करने वाला फीचर. आमतौर पर नॉर्मल व्हीलचेयर में मरीज के लिए बाथरूम में जाकर मल त्यागने की सुविधा होती है, लेकिन साफ करने का कोई साधन नहीं होता है. इसके लिए मरीज को किसी दूसरे या फिर नर्स की मदद लेनी पड़ती है. सहायता में इसके लिए एक जेट स्प्रे जैसा यंत्र लगा है, जो एक बार में 300 मिलीलीटर पानी बाहर फेंकता है. व्हीलचेयर पूरी तरह से बैटरी ऑपरेटिड है और इसमें पानी का स्टोरेज भी इसमें लगा हुआ है. 3 लीटर पानी के स्टोरेज से आठ बार मल साफ किया जा सकता है. श्रुति ने ये भी बताया कि इसको एक बार चार्ज करने के बाद 30  दिन तक इस्तेमाल किया जा सकता है. 

सहायता व्हीलचेयर के साथ मरीज को बाथरूम तक जाने की भी जरूरत नहीं है. अगर कोई मरीज बाथरूम तक जाने में भी असमर्थ है तो अपने बिस्तर के पास भी शौच किया जा सकता है. चेयर में मल को एकत्र करने और उसको कवर करने का भी प्रबंध है. श्रुति का ये भी दावा है कि इस व्हीलचेयर की मदद से मरीज की देखभाल करने वालों की संख्या तीन से एक की जा सकती है. व्हीलचेयर पर आने के बाद अक्सर इंसान दूसरों पर निर्भर हो जाता है, जिससे उसका आत्मसम्मान भी कम होता है. लेकिन इस व्हीलचेयर से ऐसा नहीं होगा. 

इसके पीछे लगी है 5 साल की मेहनत
श्रुति ने पांच साल की मेहनत के बाद जुलाई 2022 में 'सहायता' को बाजार में उतारा है. हालांकि इसकी 40 हजार की कीमत जजों को थोड़ी ज्यादा लग रही थी. लेकिन श्रुति का कमाल का जज्बा सारे शार्क्स को प्रभावित कर गया. श्रुति के पिता का देहांत कुछ दिन पहले ही हुआ है, लेकिन उसके बाद भी वो उसी जज्बे के साथ काम कर रही हैं. अपने स्टाइल से हटकर सबसे पहले शार्क अमित जैन ने श्रुति को बिना किसी मोलभाव के एक करोड़ रुपये देने की बात कही. श्रुति ने भी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले इतना ही मांगा था.