
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले निमित सिंह ने मधुमक्खी पालन को एक ऐसे बिजनेस के रूप में स्थापित कर लिया है, जिसकी मदद से वह न सिर्फ खुद को बल्कि कई अन्यों को भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं. 32 साल के बी.टेक ग्रेजुएट निमित सिंह ने अपने ब्रांड को ‘मधुमक्खीवाला’ के नाम से पेश किया, जिसका अर्थ है ‘मधुमक्खियों को पालने वाला.’ आइए जानते हैं कैसा रहा है निमित का सफर.
12 साल पहले शुरू किया बिज़नेस
निमित ने मधुमक्खी पालन के बिज़नेस की शुरुआत 2013 में की थी. उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना के तहत बागवानी विभाग से मिले सहयोग से और बिना किसी कॉर्पोरेट सहायता के अपना व्यवसाय खड़ा किया है. उन्होंने ब्रांड का निर्माण भी खुद ही किया है और मार्केटिंग चैनल भी खुद ही बनाया है. उन्होंने शहद की प्रोसेसिंग के लिए बाराबंकी और लखनऊ में कई यूनिट स्थापित किए हैं.
निमित अपने बिजनेस के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई से खास बातचीत में कहते हैं, "अच्छा लगता है जब एक उद्यमी सफलता के मुकाम पर धीरे-धीरे आगे जाते हैं. मेहनत करते हैं. मैं सन 2013 से ये काम कर रहा हूं. मधुमक्खी पालन एक ऐसा काम है जिसमें रात दिन एक करना पड़ता है. हमारे परिवार में यह काम कोई और नहीं करता था. हमें मधुमक्खी पालन करने के लिए जंगलों में जाकर रिफ्यूजी की तरह कैंप्स लगाकर शहद उत्पादन करना पड़ता है. हम इस शहद को बेचने के लिए लोगों तक, कंज्यूमर तक सीधे पहुंचते हैं."
2000 महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
निमित के बिज़नेस मॉडल में कोई बिचौलिया नहीं है. यानी उनकी कोशिश रहती है कि वह सीधे कंज्यूमर तक पहुंचें. जब उनका बिज़नेस फैलने लगा तो उन्होंने इसमें महिलाओं को जोड़ने का फैसला किया. मधुमक्खीवाला की इस शानदार कोशिश का फल 2,000 से ज्यादा महिलाओं को भी मिल रहा है. निमित ने इन महिलाओं को रोज़दार देकर उन्हें आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखाया है. उनकी कामयाबी को देखते हुए हाल ही में एक मैनेजमेंट स्कूल ने उनके बिजनेस मॉडल को बतौर केस स्टडी लिया है.
निमित की पत्नी पूजा सिंह कहती हैं, "मेरे पति की स्टोरी को पहचान मिलने से हमारे परिवार को बहुत खुशी है. यह इनकी मेहनत का फल है. मेरी शादी को तीन साल हो गए हैं. मैंने देखा है यह 24 घंटे अपने इस काम के पीछे लगे रहते हैं. आज इसी मेहनत का इनको फल मिला है. मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि देश के कई छात्रों को इसके बारे में जानकारी मिलेगी."
बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी भी निमित की इस सक्सेस स्टोरी के कायल हैं. शशांक ने निमित के बारे में कहा, "निमित सिंह ने बड़ा अच्छा इनिशिएटिव लिया है. बहुत उच्च स्तर की उपलब्धियां प्राप्त कर के, बड़ी अच्छी पढ़ाई कर के, वह वापस बाराबंकी जनपथ में आए और उन्होंने कुछ यहां पर नया करने का सोचा था. यहां जो समूह की महिलाएं हैं, स्वंय सहायता समूह की महिलाएं हैं. उनके साथ सहयोग लेते हुए उन्होंने मधुमक्खीवाला नाम से एक ब्रांड डेवलप किया. इससे समूह की महिलाओं को भी लाभ होता है और उनका ब्रांड भी अच्छा चल रहा है."