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Unique Onion Farming: केंद्रीय मंत्री गडकरी की पत्नी ने उगाया एक किलो वजन का प्याज, नीदरलैंड से लाए गये थे खास बीज

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पत्नी कांचन गडकरी ने खास तकनीक से प्याज की खेती की. उन्होंने करीब एक किलोग्राम वजन तक के प्याज उगाए. कांचन ने पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती की. उन्होंने प्याज की खेती के लिए मल्चिंग पेपर तकनीक का इस्तेमाल किया.

Nitin Gadkari's wife Kanchan Gadkari did organic farming Nitin Gadkari's wife Kanchan Gadkari did organic farming

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की पत्नी कांचन गडकरी ने खेती में अनोखा प्रयोग किया है. कांचन ने एक खास तकनीक का इस्तेमाल करके प्याज की खेती की है. उन्होंने अपने भक्ति फार्म में एक किलोग्राम वजन तक के प्याज उगाए हैं. इस खेती में विदेश से लाए गए प्याज के बीज का इस्तेमाल किया गया है.

एक किग्रा वजन वाले प्याज उगाएं-
केंद्रीय मंत्री गडकरी की पत्नी कांचन गडकरी ने नागपुर के धापेवाड़ा गांव में ऑर्गेनिक खेती कर रही हैं. उन्होंने इसमें एक किलोग्राम वजन तक के प्याज उगाए हैं. उन्होंने इसमें एक खास टेक्निक का इस्तेमाल किया है. कांचन ने नीदरलैंड से खास प्याज के बीज मंगवाएं. उन्होंने एक एकड़ में 2.5 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल किया.

कैसे की गई खेती-
कांचन गडकरी ने पहले विदेश से बीज मंगवाएं और उनकी नर्सरी तैयार की गई. नर्सरी तैयार करने में 45 दिन का समय लगा. इसके बाद पौधों को खेतों में लगाया गया. इसमें मल्चिंग पेपर नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया गया. प्याज की सिंचाई के लिए डबल ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल किया गया. इससे पानी सीधे पौधों की जड़ों को मिलता है. पौधों के जरूरी पोषक तत्व समय-समय पर दिए गए.

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क्या है मल्चिंग विधि-
कांचन गडकरी ने इस खेती में मल्चिंग विधि का इस्तेमाल किया. इस टेक्निक में जमीन पर एक पतली प्लास्टिक फिल्म बिछाई जाती है. इसके बाद उसमें छेद करके पौधे लगाए जाते हैं. इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और तापमान मेंटेन रहता है. इसके एक और फायदा होता है कि खेत में खरपतवार नहीं उगते हैं.

मल्चिंग पेपर तकनीक का इस्तेमाल मुख्य तौर पर सब्जियों को उगाने में किया जाता है. इसमें टमाटर, बैंगन, गोभी, फूलगोभी, मिर्च जैसी सब्जियां शामिल हैं.

कितना हुआ प्रोडक्शन-
गडकरी ने एक एकड़ में इस तकनीक प्याज की खेती की. उन्होंने 2.5 किलोग्राम बीज लगाए थे. इससे उनको 12 से 13 टन प्याज का उत्पादन हुआ. हर प्याज का वजन 400 से 800 ग्राम रहा.

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