रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हर कोई अपना पैसा सिक्योर करने, अच्छा और तय रिटर्न पाने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करता है. अगर आप भी फिक्स्ड डिपॉजिट शुरू करना चाहते हैं या पहले से आपने एफडी में पैसा डाला हुआ है तो आरबीआई (RBI) द्वारा जारी नए नियमों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. आरबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. बता दें कि नए नियम आने के बाद से कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरें बढ़ाई हैं. इसलिए आपके लिए यह अहम हो जाता है कि आप इन नए नियमों के बारे में पहले से जान लें ताकि किसी तरह के आर्थिक नुकसान से आप बच पाएं.
क्या होता है फिक्स्ड डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट बैंकों की एक ऐसी स्कीम है, जिसमें तय रिटर्न मिलता है और पैसा ज्यादा सुरक्षित रहता है. चूंकि एफडी मार्केट लिंक्ड स्कीम नहीं होते इसलिए बाजार चढ रहा हो या उतर रहा हो इसपर कोई असर नहीं होता.
FD मैच्योर होने पर राशि का क्लेम नहीं करते हैं तो मिलेगा कम ब्याज
RBI ने कहा है कि फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योर होने के बाद किसी कारण से राशि का भुगतान नहीं हो पाता है या राशि का दावा एफडी करवाने वाले के द्वारा नहीं किया जाता है तो उस पर ब्याज दर कम मिलेगा. यानी मैच्योर्ड FD पर पहले से जो भी निर्धारित ब्याज दर है उससे कम या ब्याज दर सेविंग्स अकाउंट के हिसाब से दी जाएगी. इसको आसान भाषा में समझना चाहते हैं तो ऐसे समझिए कि मान लीजिए आपने 3 साल की मैच्योरिटी वाला कोई FD करवाया था, जो आज मैच्योर हो गया, लेकिन आप ये पैसा नहीं निकालना चाहते हैं तो यहां दो बातें हो सकती है. पहला- FD पर जो ब्याज तय किया गया है वह उस बैंक के सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से कम है, तो आपको FD वाला ब्याज ही मिलता रहेगा. दुसरा- अगर FD पर मिल रहा ब्याज आपके सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से ज्यादा है, तो आपको सेविंग अकाउंट पर मिल रहा ब्याज मैच्योरिटी के बाद मिलेगा. बता दें कि ये नया नियम सभी सहकारी, स्मॉल फाइनेंस, क्षेत्रीय और कमर्शियल बैंकों पर लागू हो गईं हैं. इसलिए FD मैच्योर होते ही आप अपना पैसा निकाल लें.
मैच्योरिटी पर ये हैं नए नियम
RBI ने FD के नियम में एक बड़ा बदलाव करते हुए कहा था कि मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी अगर आप राशि को क्लेम नहीं करते हैं तो आपको इस पर अब कम ब्याज मिलेगा और ये ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के बराबर होगा. बता दें कि पहले ऐसा नहीं था.