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एजुकेशन

Teacher's Day 2023: मिलिए इन Techerpreneurs से, शिक्षक से बने उद्यमी और बदली लाखों छात्रों की जिंदगी

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हर साल 5 सितंबर को भारत भर में Teacher's Day मनाया जाता है. यह दिन हमारे सभी गुरुओं और शिक्षकों को समर्पित है जो हमारे जीवन को सही दिशा देने में योगदान देते हैं. हालांकि, गुरु सिर्फ स्कूल-कॉलेज तक सीमित नहीं होते हैं बल्कि आपको अपने जीवन की हर एक राह में कोई न कोई मिलता है जो आपको कुछ न कुछ सिखाता है.

Teachers
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आज हम आपको मिलवा रहे हैं ऐसे कुछ उद्यमियों से जिन्होंने हम सबको सिखाया है कि एक शिक्षक अगर ठान ले तो वह अपने जीवन में लगातार तरक्की करते हुए लाखों की जिंदगी में बदलाव ला सकता है. हम आपको बता रहे हैं Teacherpreneurs के बारे में यानी कि ऐसे उद्यमी जो कभी टीचर हुआ करते थे लेकिन आद अपने उद्यमों के जरिए सिर्फ एक क्लास, एक स्कूल नहीं बल्कि देशभर के बच्चों तक पहुंच रहे हैं. 

byju
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इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है बायजू रवींद्रन, Byju's के फाउंडर. केरल में जन्मे बायजू शिक्षा को लेकर बहुत जुनूनी रहे और इसलिए शिपिंग में करियर छोड़कर साल 2003 में स्कूल टीचर बन गए. साल 2007 में उन्होंने Byju's की शुरुआत की जो एक ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म है और CAT, IIT और JEE Mains जैसी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल्स और कंटेट उपलब्ध कराता है. 

alakh
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अलख पांडे को फिजिक्स वाला के नाम से भी जाना जाता है. अलख ने अपनी यात्रा 2014 में शुरू की जब उन्होंने चौथे साल में बीटेक की पढ़ाई छोड़ दी. उसी साल उन्होंने एक यूट्यूब चैनल, फिजिक्स वाला, शुरू किया. उनके यूट्यूब चैनल को शुरू करने के पीछे का विचार सरल था - एक ऐसा मंच बनाना जहां वह छात्रों को आसान भाषा में फिजिक्स पढ़ाएंगे. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन आज उनका यूट्यूब चैनल कंपनी में तब्दील हो गया है और उनकी कमाई करोड़ों में है. साथ ही, उन्होंने लाखों बच्चों का भविष्य संवारा है. 

dr vikas
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डॉ. विकास दिव्यकीर्ति अपने टिप्स और ट्रिक्स से यूपीएससी उम्मीदवारों की मदद करने के लिए जाने जाते हैं. दिव्यकीर्ति ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में की. 1996 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी. दिव्यकीर्ति ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय में एक साल तक काम किया. इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और फिर से पढ़ाना शुरू कर दिया. विकास दिव्यकीर्ति ने 1999 में 'दृष्टि आईएएस' की स्थापना की. आज, 'दृष्टि आईएएस' भारत के प्रमुख यूपीएससी कोचिंग संस्थानों और ऑनलाइन स्टडी वेब पोर्टलों में से एक बन गया है. 

dr gaurav
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डॉ गौरव गर्ग ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद डेंटिस्ट की डिग्री ली और इसके बाद MBA किया. वह मुंबई में जॉब भी कर रहे थे लेकिन वह कुछ अलग करना चाहते थे. इसलिए वह मुंबई से गुरुग्राम लौट आए और एक ऑफलाइन इंस्टिट्यूट में पढ़ाने लगे. इसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर StudyIQ की शुरूआत की जो एक अनोख प्लेटफॉर्म था. यहां पर अलग-अलग टीचर्स अपनी नॉलेज शेयर कर सकते थे. उनके पेन-ड्राइव कोर्स को काफी पॉपुलैरिटी मिली और इसके बद उन्होंने अपनी वेबसाइट और एप पर काम किया.