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जेल से छूटने के बाद लोगों को नौकरियां ढूढ़ने में नहीं होगी परेशानी, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पढ़ रहे हैं कैदी

कैदी एमबीए, एम.कॉम, एलएलबी समेत कई विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं और रिहाई के बाद अच्छा काम कर रहे हैं. पिछले साल जेल से 67 कैदियों को डिग्री मिली थी. फिलहाल जेल में बंद 83 कैदी 10वीं और 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं और 253 कैदी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के एग्जाम दे रहे हैं.

Indore Jail Indore Jail
हाइलाइट्स
  • खुद पढ़कर दूसरे कैदियों को भी पढ़ाने मदद कर रहे हैं सभी

  • 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की कर रहे हैं पढ़ाई 

कहते हैं शिक्षा किसी भी इंसान में सुधार ला सकती है.  इसी का महत्व समझते हुए अब कैदियों को भी शिक्षा दी जा रही है. रिहाई के बाद वे आजीविका के लिए कमा सकें, इसमें सहायता करने के लिए, इंदौर सेंट्रल जेल कैदियों को उनकी शिक्षा पूरी करने और उन्हें डिग्री दिलवाने में में मदद कर रहा है. बता दें, इस साल परीक्षा के लिए 253 उम्मीदवार उपस्थित हुए हैं, जबकि 2019 में 60 से अधिक कैदियों को डिग्री मिली है. सेंट्रल जेल में कैदियों के पढ़ने के लिए कई अलग-अलग विषयों में पढ़ाई करवाई जा रही है. 

10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की कर रहे हैं पढ़ाई 

एएनआई से बात करते हुए, जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने कहा कि माजूदा समय में जेल स्कूली शिक्षा के साथ-साथ ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज भी प्रदान कर रहा है. इसके लिए जेल डिपार्टमेंट ने एक शिक्षक मंजू वर्मा को नियुक्त किया है. अलका सोनकर ने कहा, “फिलहाल जेल में बंद 83 कैदी 10वीं और 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं और 253 कैदी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के एग्जाम दे रहे हैं.”

खुद पढ़कर दूसरे कैदियों को भी पढ़ाने मदद कर रहे हैं सभी  

वे आगे कहती हैं, "जेल में आने वाले बंदियों के बारे में हम जानते हैं कि वे कितने पढ़े-लिखे हैं और उनके जीवन में शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है. जेल विभाग साक्षरता मिशन में बहुत अच्छा काम कर रहा है. ऐसे 50 कैदी हैं जो पूरी तरह से अनपढ़ आए थे और यहां वे स्कूली शिक्षा के बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर अब दूसरे कैदियों को भी पढ़ा रहे हैं."

IGNOU से कर रहे हैं पढ़ाई 

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में 63 कोर्स हैं. इसके अलावा कैदी एमबीए, एम.कॉम, एलएलबी समेत कई विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं और रिहाई के बाद अच्छा काम कर रहे हैं. जेल अधीक्षक ने कहा, “हम ऐसे लोगों के संपर्क में भी हैं, जो जेल से निकलने के बाद अब अच्छी जिंदगी जी रहे हैं. जब एक कैदी बुढ़ापे में पढ़ना शुरू करता है तो दूसरे कैदी भी उनसे प्रेरणा लेते हैं और वे भी पढ़ना शुरू करते हैं." 

बता दें, पिछले साल जेल से 67 कैदियों को डिग्री मिली थी.