
असम राइफल्स और नेशनल इंटिग्रेटेड एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (नीडो) ने मिलकर पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक रूप से कमजोर और प्रतिभावान बच्चों के लिए मुफ्त नीट और जेईई कोचिंग की पहल की है. यह पहल नागालैंड की राजधानी कोहिमा में चल रही है, जहां दूरदराज इलाकों के बच्चे अपने सुनहरे भविष्य की उम्मीद लेकर पहुंचे हैं.
मुफ्त कोचिंग और सुविधाएं
इस पहल के तहत बच्चों को न केवल नीट और जेईई की कोचिंग दी जाती है, बल्कि उनके रहने और खाने की भी मुफ्त व्यवस्था की जाती है. असम राइफल्स के एक अधिकारी ने कहा, "हम यह सेवा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम इन बच्चों को अपना हिस्सा महसूस करते हैं।" यह चौथा बैच है जिसे असम राइफल्स और नीडो की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है.
प्रतियोगिता और चयन प्रक्रिया
इस कोचिंग के लिए बच्चों को एक प्रतियोगिता से गुजरना होता है। जो बच्चे इस प्रतियोगिता में सफल होते हैं, उन्हें मुफ्त में नीट और जेईई की ट्रेनिंग दी जाती है. अब तक 500 से ज्यादा बच्चों को इस पहल के तहत कोचिंग दी जा चुकी है.
इस पहल के तहत अब तक 300 से ज्यादा बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन चुके हैं. एक छात्रा ने कहा, "मैं अपने गांव की पहली डॉक्टर बनना चाहती हूं." इस पहल ने बच्चों के सपनों को नई उड़ान दी है और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
असम राइफल्स और नीडो की यह पहल पूर्वोत्तर के बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह पहल बच्चों को न केवल शिक्षा बल्कि जीवन में आगे बढ़ने का अवसर भी प्रदान कर रही है.