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बहुत ही अनोखा है बेंगलुरू के सरकारी स्कूल का प्लेग्राउंड, खेल-खेल में बढ़ रही है बच्चों की अलग सोचने की क्षमता

इस स्कूल के प्लेग्राउंड को ऐसे बनाया गया है कि यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में मददगार है. इस प्लेग्राउंड में बच्चों के लीक से हटकर सोचनें में मदद मिलती है.

Using Tyres to make playground (Photo: Syam G/Google Maps) Using Tyres to make playground (Photo: Syam G/Google Maps)
हाइलाइट्स
  • पुराने टायरों को किया अपसायकल  

  • सरकारी स्कूल में बनाया सस्टेनेबल प्लेग्राउंड

स्कूल का प्लेग्राउंड किसी भी बच्चे के लिए सबसे पसंदीदा जगह होती है. इसलिए बेंगलुरू के एक सरकारी स्कूल ने अपने प्लेग्राउंड को बच्चों के लिए खास बनाया है. संजय नगर, मराठाहल्ली में युवा विकास मंडल हाई स्कूल के परिसर में एक नया, अनोखा और रंगीन खेल का मैदान विकसित किया गया है जो अन्य सरकारी स्कूलों के लिए एक मॉडल बन रहा है. 

इस प्लेग्राउंड को तैयार किया है Anthill Creations ने, जो पुराने टायर आदि का इस्तेमाल करके बच्चों के लिए पार्क, स्कूलों के प्लेग्राउंड आदि तैयार करते हैं. इन जगहों को सस्टेनेबल तरीकों से तैयार किया जाता है ताकि ये बच्चे के विकास में योगदान दे सकें. 

पुराने टायरों को किया अपसायकल  

इस स्कूल के प्लेग्राउंड में भी टायरों को अपसायकल करके अलग-अलग रूप दिया गया है. छात्रों के खेलने के लिए तरह-तरह के झूले बनाए गए हैं. सब चीजों को इस तरह से लगाया गया है कि छात्र खेल-खेल में कुछ न कुछ सीखते भी रहेंगे. टायरों के आलावा पुराने मेटल, ऑइल ड्रम, चेन आदि का इस्तेमाल किया गया है. 

सबसे अच्छी बात है कि यह पूरा प्रोजेक्ट मात्र 3 दिनों में पूरा किया गया है. और इसकी लागत सिर्फ दो लाख रुपए रही. इस प्लेग्राउंड से बच्चे बहुत खुश हैं और लगातार स्कूल आ रहे हैं. 

दो साल बाद खुले स्कूल 

स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि बच्चे पिछले दो सालों से घरों में थे. बाहर खेलने न जाने के कारण उन्हें मोबाइल की लत हो गई. क्योंकि घर पर मोबाइल ही खेलने का सहारा बना. इसलिए उनके स्कूल वापस आने पर उन्हें एक बार फिर शारीरिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए स्कूल ने यह पहल की.