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Unique Farewell to Woman Teacher: टीचर का हुआ ट्रांसफर तो गांववालों ने कुछ इस तरह किया विदा... हर किसी की आंखें हुई नम

स्कूल के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने पारंपरिक तरीके से शिक्षिका को विदा किया. यह पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है.

Unique farewell to a female teacher on her transfer Unique farewell to a female teacher on her transfer

बिहार के बेगूसराय जिले से एक अनोखी और भावुक कर देने वाली विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कैलाशपुर में कार्यरत शिक्षिका अमिता कुमारी को उनके तबादले के बाद स्कूल परिसर में दुल्हन की तरह पारंपरिक विदाई दी गई. यह दृश्य इतना मार्मिक था कि न सिर्फ छात्र, बल्कि वहां मौजूद शिक्षक भी भावुक हो उठे.

दुल्हन की तरह चुनरी ओढ़ाकर दी विदाई
स्कूल के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने पारंपरिक तरीके से शिक्षिका को विदा किया. यह पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है. समारोह के दौरान शिक्षिका को पहले लाल चुनरी ओढ़ाई गई, फिर उन्हें 'खोईछा' भरने की रस्म कराई गई और महिला शिक्षकों ने 'चुमावन' कर पारंपरिक अंदाज में विदाई दी. यह वही रस्में हैं, जो आमतौर पर बेटी की शादी के बाद मायके से विदाई के समय की जाती हैं.

बच्चों ने बरसाए फूल, भावुक कर देने वाला माहौल
स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे जहां शिक्षिका की विदाई पर रोते नजर आए, वहीं कई बच्चों ने उन पर फूल बरसाते हुए स्कूल गेट तक उन्हें विदा किया. आखिर में रोते-बिलखते बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति में शिक्षिका को एक गाड़ी में बैठाकर स्कूल से रवाना किया गया.

दो शिक्षकों का हुआ तबादला, स्कूल ने दी खास विदाई
गौरतलब है कि यह विदाई 2 अगस्त को आयोजित की गई थी. स्कूल में कार्यरत शिक्षक राजहंस कुमार और शिक्षिका अमिता कुमारी का प्रधान शिक्षक के रूप में चयन होने के बाद क्रमशः प्राथमिक विद्यालय खोटा टिकुल, मुंगेर और जीपीएस नारेपुर चट्टी, बछवाड़ा में ट्रांसफर किया गया.

प्रशंसा के पात्र बने स्कूल और शिक्षक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्रीकृष्ण दास ने दोनों शिक्षकों को स्कूल की ओर से अंगवस्त्र, डायरी, कलम, पुष्पगुच्छ और माला देकर सम्मानपूर्वक विदा किया. इस अनोखी विदाई को लेकर शिक्षिका अमिता कुमारी और विद्यालय प्रबंधन की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है.

प्रधानाध्यापक श्रीकृष्ण दास ने कहा, “छात्र ही शिक्षक की असली कमाई होते हैं. किसी भी शिक्षक की असली कमाई उसके छात्र होते हैं. यह विदाई न केवल हमारे स्कूल के लिए, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है.” बिहार राज्य के शिक्षा विभाग और ग्रामीण सशक्तिकरण से जुड़े अधिकारी भी इस विदाई को लेकर विद्यालय की सराहना कर रहे हैं और इसे शिक्षक-सम्मान की मिसाल बता रहे हैं.

(सौरभ कुमार की रिपोर्ट)

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