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Bibipur Village: CBSE के कोर्स में शामिल हुआ हरियाणा का यह गांव... जानिए क्यों है खास... कैसे एक सरपंच ने बदली तस्वीर

साल 2010 में बीबीपुर गांव के सरपंच बने सुनील जागलान ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए.

Bibipur Village in CBSE Syllabus Bibipur Village in CBSE Syllabus

हरियाणा के जींद जिले का बीबीपुर गांव अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है. CBSE बोर्ड ने कक्षा 8वीं के कोर्स में इस गांव की विकास यात्रा और सामाजिक बदलावों को शामिल करने का निर्णय लिया है. यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिससे देश के बच्चे जान सकेंगे कि कैसे एक सरपंच के प्रयासों से एक साधारण गांव समाज में मिसाल बन गयाय

2010 से पहले क्या थी स्थिति

  • बीबीपुर गांव की महिलाओं को 2010 से पहले सामाजिक मंचों पर बोलने तक की अनुमति नहीं थी.
  • महिलाएं घर की चारदीवारी से बाहर नहीं निकलती थीं.
  • पंचायत और चौपाल जैसे सार्वजनिक स्थलों पर उनका आना वर्जित था.
  • वे अपने अधिकारों के बारे में न जानती थीं, न बोल पाती थीं.

परिवर्तन की शुरुआत: सरपंच सुनील जागलान की पहल
साल 2010 में बीबीपुर गांव के सरपंच बने सुनील जागलान ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए. उनके नेतृत्व में गांव में अनेक सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान शुरू हुए, जिनमें शामिल हैं:

  • भ्रूण हत्या पर रोक
  • ओहला प्रथा (घूंघट प्रथा) का विरोध
  • बाल विवाह पर नियंत्रण
  • बेटियों के लिए सम्मान बढ़ाने की दिशा में जागरूकता

महिलाओं के नाम पर शुरू हुए अनूठे अभियान
सुनील जागलान ने महिलाओं और बेटियों के नाम से गांव में कई विशेष स्थानों और योजनाओं की शुरुआत की:

  • लाडो मार्ग (सड़क का नाम महिलाओं के नाम पर)
  • लाडो सरोवर (जलाशय का नाम)
  • महिला चबूतरा (जहां महिलाएं खुलकर चर्चा कर सकें)
  • घर के दरवाजे पर बेटियों की नेम प्लेट
  • सेल्फी विद डॉटर (बेटियों के साथ गर्व से तस्वीर खिंचवाने का अभियान)

इन प्रयासों से न केवल महिलाएं बाहर आने लगीं, बल्कि समाज में उनकी भागीदारी भी बढ़ी.

महिलाओं को मिली नई पहचान और आवाज
इन अभियानों से बीबीपुर गांव की महिलाएं खुलकर अपनी बात कहने लगीं, पंचायत बैठकों में हिस्सा लेने लगीं, अपने अधिकारों को जानने लगीं और घरेलू हिंसा और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने लगीं. बीबीपुर गांव और इसके पूर्व सरपंच सुनील जागलान के प्रयासों को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा. 'मन की बात' कार्यक्रम में उन्होंने 10 बार से ज्यादा बीबीपुर और ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान का ज़िक्र किया, जिससे गांव को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली.

CBSE कोर्स में शामिल होना गांव के लिए गर्व की बात
बीबीपुर गांव की इस परिवर्तन यात्रा को अब CBSE की कक्षा 8वीं की पुस्तक में जगह दी जा रही है. बच्चे जानेंगे कि कैसे एक गांव ने महिलाओं के जीवन को बदला. उन्हें प्रेरणा मिलेगी कि छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं. इस गांव की यह गाथा अब पूरे देश के बच्चों तक पहुंचेगी. यह बीबीपुर और देश दोनों के लिए गर्व का विषय है.

(सुनील कुमार की रिपोर्ट)