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 Representational Image  सरकार आम जनता को भारत के पारंपरिक ज्ञान और संस्कृति से संबंधित विषयों पर जानकारी प्रदान करने के लिए जल्द ही IKS Wiki नामक एक ऑनलाइन रिपॉजिटरी बनाएगी, जिसमें योगदान देने और शामिल होने के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से छात्रों को भी जोड़ा जाएगा.
शिक्षा मंत्रालय के भारतीय ज्ञान प्रणाली प्रभाग के राष्ट्रीय समन्वयक, गंती एस मूर्ति ने कहा, "यह भारतीय ज्ञान परंपरा या भारतीय ज्ञान प्रणालियों के लिए एक प्रामाणिक पुस्तकालय होगा, जो दुनिया में हर किसी के लिए सुलभ होगा." इस इरादे से, डिवीजन ने छात्रों के लिए IKS Wiki (Indian Knowledge System Wiki) के विकास में योगदान देने और शामिल होने के लिए एक इंटर्नशिप कार्यक्रम भी शुरू किया है.
साल 2020 में शुरू हुआ IKS डिविजन
IKS डिवीजन की स्थापना मंत्रालय ने स्वदेशी ज्ञान के पहलुओं पर अंतःविषय अनुसंधान (इंटर-डिसिप्लिनरी रिसर्च) को बढ़ावा देने के लिए 2020 में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद में एक नवाचार सेल के रूप में की थी. अब आईकेएस विकी शुरू करने के पीछे का विचार सरल भाषा में जानकारी प्रदान करना है जिसे आम लोग समझ सकें. मूर्ति ने कहा, इसमें कई भारतीय भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेजी में भी लेख होंगे. 
निश्चित रूप से, विकिपीडिया, दुनिया का सबसे बड़ा मुफ़्त ऑनलाइन विश्वकोश है. जिसमें भारतीय सभ्यता, धर्म, दर्शन और संस्कृति पर व्यापक जानकारी है. ऐसे अन्य रिपॉजिटरी भी हैं, जैसे कि भारतपीडिया, जिसे एक निजी फाउंडेशन ने क्यूरेट किया है. हालांकि, IKS विकी इस तरह की पहली स्टेट-स्पॉन्सर्ड पहल होगी. इंटर्नशिप के दौरान, छात्र IKS समुदाय और बड़े पैमाने पर आम पाठकों के उपयोग के लिए चित्र, स्केच, मल्टीमीडिया, कार्टून, ग्राफिक्स सहित कलाकृति के रूप में भी योगदान दे सकते हैं. जिससे "भारत की मौखिक परंपराओं" को प्राथमिकता मिलेगी.
इंटर्नशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं छात्र
IKS इंटर्नशिप कार्यक्रम युवाओं को आईकेएस से संबंधित विभिन्न विषयों, विशेषकर भारतीय भाषाओं में गहन अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित और उत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. आईकेएस विकी इसके लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होना चाहिए. इसलिए, इस इंटर्नशिप कार्यक्रम का फोकस छात्रों के लिए समर ब्रेक के दौरान या वर्ष के दौरान किसी भी समय आईकेएस विकी के विकास में योगदान करने और शामिल होने के अवसर देना है. 
हर एक प्रशिक्षु को उनके आर्टिकल स्वीकार करने पर प्रति लेख ₹1,000 का भुगतान किया जाएगा. इस परियोजना के तहत, सिर्फ व्यवस्थित ज्ञान से संबंधित विषय ही स्वीकार किए जाएंगे जो सहस्राब्दियों से भारतीय उपमहाद्वीप में भारतीयों द्वारा बनाया गया है और मौखिक परंपराओं, पांडुलिपियों, ग्रंथों और पारंपरिक प्रथाओं के माध्यम से प्रसारित किया गया है. सिर्फ आधुनिक ज्ञान प्रणालियों और आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों और विश्लेषण पर आधारित लेखों को आईकेएस प्रोजेक्ट के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी.
छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 25 दिसंबर है. चयनित लोगों के नामों की घोषणा 5 जनवरी को की जाएगी.