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Shivaji Maharaj Unique Museum: शिवाजी के जीवन पर आधारित अनोखा म्यूजियम, 3D तकनीक से किया गया है तैयार

दिल्ली में तकनीक और इतिहास का संगम हुआ है. छत्रपति शिवाजी महाराज इमर्सिव मल्टी-डायमेंशनल म्यूज़ियम को 13D तकनीक से तैयार किया जा रहा है. शिवाजी महाराज पर आधारित ये अनोखा संग्रहालय छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को दिखाएगा. जल्द ही इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा.

Shivaji Maharaj Unique Museum Shivaji Maharaj Unique Museum

राजधानी दिल्ली में 'छत्रपति शिवाजी महाराज इमर्सिव मल्टी-डायमेंशनल म्यूज़ियम' का निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है. पर्यटकों को यह संग्रहालय इतिहास को अनूठे तरीके से दिखाने के लिए तैयार है. संग्रहालय देश के युवाओं को इस महान योद्धा के जीवन, दर्शन और उपलब्धियों से जोड़ने की एक अभूतपूर्व पहल है. यह संग्रहालय अत्याधुनिक 13D तकनीक पर आधारित होगा.

पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने की थी कमेटी की स्थापना-
वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमेटी की स्थापना वर्ष 1981 में उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कीथी, जब उन्होंने रायगढ़ में शिवाजी महाराज की 300वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी. उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने महसूस किया कि शिवाजी महाराज की महानता और उनके विचार आज भी समाज में जीवित हैं. इसी प्रेरणा से इस समिति का गठन किया गया, ताकि छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों को देश के तमाम राज्य के कोने-कोने तक, विशेष रूप से युवाओं तक, पहुँचाया जा सके.

कहां है यह संग्रहालय?
यह संग्रहालय दिल्ली के कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया में स्थित 'छत्रपति शिवाजी भवन' में 27,000 वर्गफुट के क्षेत्र में बनकर तैयार है, जिसका निर्माण बिना किसी सरकारी सहायता के समिति के निजी संसाधनों और दान से हुआ है. संग्रहालय में एक 'डार्क राइड' अनुभाग होगा, जहां स्वचालित कारों के जरिए आगंतुकों को शिवाजी महाराज के जीवन की प्रमुख घटनाओं जैसे अफज़ल खान वध, आगरा से भाग निकलना, सिंहगढ़ युद्ध और दक्षिण विजय यात्रा के रोमांचक अनुभव कराए जाएंगे.

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क्या खास है इस संग्रहालय में?
छत्रपति शिवाजी महाराज इमर्सिव मल्टी डाइमेंशनल म्यूजियम में हथियारों की गैलरी, प्राचीन चित्रों की प्रदर्शनी, रैगड़ दुर्ग का इलेक्ट्रॉनिक मॉडल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ हुए नौसैनिक युद्ध को भी 13D फॉर्मेट में दर्शाया जाएगा. इसमें शिवाजी की राष्ट्रवादी भावना, महिला सम्मान, पर्यावरण संरक्षण और समानता के सिद्धांतों को उजागर किया जाएगा.

संग्रहालय बनाने का मकसद-
इस संग्रहालय का उद्देश्य न केवल देश में पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि यह एक ऐसा ज्ञान केंद्र बनाना है, जो आने वाली पीढ़ियों को शिवाजी महाराज की प्रेरणादायक गाथा से अवगत कराए. यह संग्रहालय भारत के गौरवशाली इतिहास को आधुनिक तकनीक के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास है.

पर्यटकों के लिए कब खुलेगा यह संग्रहालय-
छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय का उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा. संग्रहालय के अधिकारियों का कहना है कि इसका उद्घाटन 6 जून किया जाना था, हालांकि देश में युद्ध जैसी परिस्थितियों उत्पन्न होने के बाद इस संग्रहालय का उद्घाटन नहीं किया गया. अधिकारियों का कहना है कि संग्रहालय उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही पर्यटकों के लिए यह संग्रहालय शुरू कर दिया जाएगा.

कितने रुपए की होगी संग्रहालय की टिकट-
संग्रहालय के जनरल सेक्रेटरी ने बताया कि अभी जल्द ही इसके टिकट काउंटर को खोल दिया जाएगा और टिकटों को चार श्रेणियां में बांटा जाएगा. सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए किफायती दाम रखे जाएंगे तो वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए शुल्क थोड़ा अधिक लिया जाएगा. अभी टिकट के रेट निर्धारित नहीं किए गए हैं. जैसे ही संग्रहालय का उद्घाटन होगा, इस दौरान टिकट के रेट घोषित किए जायेंगे.

(अमरदीप कुमार की रिपोर्ट)

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