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Delhi University: डीयू में लगेगी खुशी की क्लास...पाठ्यक्रमों में शामिल होगा साइंस ऑफ हैप्पीनेस का कोर्स, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश सिंह की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार डा. विकास गुप्ता ने जबकि रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस की ओर से डॉ सतिंदर सिंह रेखी की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.अब डीयू के छात्र साइंस ऑफ हैप्पीनेस की पढ़ाई करेंगे.

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दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अब खुशी का विज्ञान सीखेंगेइसके लिए गुरुवार,7 मार्च को रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस और दिल्ली विश्वविद्यालय और इसके 5 कॉलेजों के बीच समझौता हुआ है. इसके तहत डीयू और इन कॉलेजों में रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के साथ मिलकर “रेखी सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स फॉर द साइंस ऑफ हैप्पीनेस' स्थापित किए जाएंगे. इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.योगेश सिंह की उपस्थिती में विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार डॉ.विकास गुप्ता ने प्रतिनिधत्व किया जबकि रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस का प्रतिनिधित्व डॉ. सतिंदर सिंह रेखी द्वारा किया गया.

खुशी सबसे जरूरी- कुलपति
कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो.योगेश सिंह ने कहा कि जीवन में खुशी सबसे जरूरी है.साइंस ऑफ हैप्पीनेस के विचार और इसकी आवश्यकता को समझते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने विभागों/कॉलेजों में चलने वाले कार्यक्रमों के पाठ्यक्रम में साइंस ऑफ हैप्पीनेस के कोर्स को शामिल करने का निर्णय लिया है. इस अवसर पर दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो.प्रकाश सिंह और पीआरओ अनूप लाठर सहित पांचों कॉलेजों की प्रिंसिपल भी उपस्थित रही.कुलपति ने बताया कि इसे अगले शैक्षणिक स्तर से शुरू किया जाएगा.

अभी वैकल्पिक विषय रहेगा
रेखी फाउंडेशन हैप्पीनेस का पाठ्यक्रम विकसित करेगा और उसे डीयू के साथ साझा करेगा.यह एक दिशानिर्देश के प्रयोजनों के लिए होगा और डीयू अपने पाठ्यक्रम और क्रेडिट संरचना के अनुरूप इसे संशोधित कर सकता है.पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने के बाद डीयू इसे अधिसूचित करेगा और इससे जुड़े कॉलेज साइंस ऑफ हैप्पीनेस के पाठ्यक्रम की पेशकश के लिए आवश्यक व्यवस्था कर सकते हैं.फिलहाल डीयू अपने विद्यार्थियों के लिए साइंस ऑफ हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को वैकल्पिक विषयों के रूप में अपनाएगा और धीरे-धीरे उन्हें मेजर/माइनर विषयों में भी शामिल किया जा सकता है.
 
डॉ. सतिंदर सिंह रेखी और रेखी फाउंडेशन के अन्य फैकल्टी को विश्वविद्यालय/कॉलेजों में मानद विशेषज्ञ फैकल्टी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. रेखी फाउंडेशन डीयू के उन संकाय सदस्यों के लिए प्रशिक्षण/क्षमता निर्माण का आयोजन करेगा जो इसे पढ़ाने की इच्छा रखते हैं. ये प्रशिक्षित संकाय सदस्य विभागों/कॉलेजों में ये पाठ्यक्रम पढ़ाएंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय के घटक/संबद्ध कॉलेज,जो रेखी सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स फॉर द साइंस ऑफ हैप्पीनेस स्थापित करने के इच्छुक हैं वो ऐसे केंद्र के नामकरण,स्थापना और प्रबंधन के साथ-साथ परियोजना समन्वय,विद्यार्थी प्रबंधन, स्थान आवंटन, बुनियादी ढांचा और वित्त आदि के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ हुए इस एमओयू के तहत रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस का प्रतिनिधित्व डॉ. सतिंदर सिंह रेखी या उनके प्रतिनिधि द्वारा किया जाएगा जबकि डीयू का प्रतिनिधित्व दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता करेंगे और रेखी फाउंडेशन के साथ पत्राचार और संचार के लिए समन्वयक और संपर्क के एकल बिंदु (एसपीओसी) के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन, अकैडमिक अफेयर्स को अधिकृत किया है.

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हैप्पीनेस के लिए इन कॉलेजों ने किया एमओयू 
गुरुवार को डीयू के साथ ही इसके 5 महिला कॉलेजों ने भी रेखी फाउंडेशन के साथ एमओयू किए. इनमें लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वुमेन का प्रतिनिधित्व इसकी प्रिंसिपल प्रोफेसर सुमन शर्मा द्वारा किया गया. गार्गी कॉलेज का प्रतिनिधित्व इसकी प्रिंसिपल प्रोफेसर संगीता भाटिया ने किया और इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज का प्रतिनिधित्व इसकी प्रिंसिपल प्रोफेसर पूनम कुमरिया ने किया. मिरांडा हाउस का प्रतिनिधित्व इसकी प्रिंसिपल प्रोफेसर बिजयालक्ष्मी नंदा ने किया व दौलत राम कॉलेज का प्रतिनिधित्व इसकी प्राचार्य प्रोफेसर सविता रॉय ने किया. इन सबके साथ रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस का प्रतिनिधित्व डॉ. सतिंदर सिंह रेखी द्वारा किया गया.