
केंद्रीय कैबिनेट ने देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (KVs) खोलने की मंजूरी दे दी है. इन स्कूलों को अगले नौ साल (2026-27 से) के भीतर खोला जाएगा. इसके लिए सरकार ने कुल 5,862.55 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है.
क्या होगा खर्च?
खास बात यह है कि पहली बार सभी नए केंद्रीय विद्यालयों में बालवाटिका (प्रि-प्राइमरी कक्षाएं) भी होंगी. ये कदम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार है.
कहां खुलेंगे नए स्कूल?
बच्चों और युवाओं को क्या फायदा?
केंद्रीय विद्यालयों की पृष्ठभूमि
केंद्रीय विद्यालय (KV) की शुरुआत 1962 में हुई थी ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को एक समान और अच्छी शिक्षा मिल सके. अभी देश में 1,288 KV चल रहे हैं, जिनमें तीन विदेशों (मॉस्को, काठमांडू और तेहरान) में हैं. जून 2025 तक इनमें करीब 13.62 लाख छात्र पढ़ रहे हैं.
कई KV अब पीएम श्री स्कूल भी बने हैं, जहाँ नई शिक्षा नीति के तहत आधुनिक पढ़ाई, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और नई तकनीक का उपयोग हो रहा है. सरकार का यह कदम न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा देगा बल्कि नए रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी मजबूती भी लाएगा.
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