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Graduation के Students ध्यान दें! अब घटा और बढ़ा सकेंगे Degree Courses की अवधि... UGC Chairman ने कही ये बड़ी बात... यहां जान लीजिए यूजीसी का नया नियम 

UGC New Rule: यूजीसी के नए नियम के तहत ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई की क्षमताओं के आधार पर अपने अध्ययन की अवधि को छोटा करने या बढ़ाने के लिए त्वरित डिग्री कार्यक्रम और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम में से किसी एक विकल्प का उपयोग कर सकते हैं.

Students (Photo Credit: Meta AI) Students (Photo Credit: Meta AI)
हाइलाइट्स
  • विद्यार्थियों के पास पहले या दूसरे सेमेस्टर के अंत में एडीपी चुनने का होगा विकल्प 

  • ईडीपी चुनने वाले स्टूडेंट्स हर सेमेस्टर में ले सकते हैं कम क्रेडिट 

ग्रेजुएशन (Graduation) कर रहे स्टूडेंट्स (Students) के लिए एक जरूरी खबर है. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने एक नया नियम बनाया है, जिसके तहत अब स्टूडेंट अपनी डिग्री कोर्सेज की अवधि को घटा और बढ़ा सकते हैं.

यह जानकारी यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ( UGC Chairman Jagadesh Kumar) ने दी है. यूजीसी के इस नियम से विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि अब उन्हें अपनी पढ़ाई को अपनी सुविधा के अनुसार पूरा करने का मौका मिल सकेगा. 

क्या कहा यूजीसी अध्यक्ष ने  
यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया कि हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट जल्द ही ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स को उनके डिग्री प्रोग्राम की मानक अवधि के बजाय अवधि को छोटा या बढ़ाने का ऑप्शन दे सकते हैं. यूजीसी ने इस सप्ताह एक बैठक में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के लिए त्वरित डिग्री कार्यक्रम (Accelerated Degree Programme) या ADP और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम (Extended Degree Programme) या EDP की पेशकश करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दे दी है. यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि ड्राफ्ट मानदंड अब स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखे जाएंगे.

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एडीपी और ईडीपी चुनने का मिलेगा विकल्प
यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया कि विद्यार्थी अपनी पढ़ाई की क्षमताओं के आधार पर अपने अध्ययन की अवधि को छोटा करने या बढ़ाने के लिए एडीपी और ईडीपी विकल्प का उपयोग कर सकते हैं.

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने पीटीआई को बताया कि एडीपी स्टूडेंट को प्रति सेमेस्टर अतिरिक्त क्रेडिट अर्जित करके 3 साल या 4 साल की डिग्री पूरी करने की अनुमति देता है, जबकि ईडीपी में प्रति सेमेस्टर कम क्रेडिट के साथ पाठ्यक्रम की अवधि बढ़ाने का विकल्प मिलेगा. जगदीश कुमार ने कहा कि डिग्री में यह लिखा होगा कि छात्र ने डिग्री को कम या ज्यादा समय में पूरा किया है. हालांकि चाहे छात्र डिग्री को कम समय में या ज्यादा समय में पूरा करें, सभी डिग्रियां बराबर मानी जाएंगी. यह फैसला छात्रों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. 

कर सकते हैं समिति का गठन 
एडीपी के लिए संस्थान अप्रूव्ड एडमिशन का 10 प्रतिशत तक निर्धारित कर सकते हैं. हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट ईडीपी और एडीपी के तहत पहले या दूसरे सेमेस्टर के अंत में प्राप्त आवेदनों की जांच करने और उसके अनुसार छात्र-छात्राओं का चयन करने के लिए एक समिति का गठन कर सकते हैं. एडीपी में जो स्टूडेंट्स अपनी डिग्री जल्दी पूरा करना चाहते हैं, वे हर सेमेस्टर में ज्यादा क्रेडिट ले सकते हैं. इस तरह कम समय में अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं. मानक अवधि के लिए कार्यक्रम के लिए निर्धारित समान सिलेबस मैटेरियल और कुल क्रेडिट का पालन करेंगे. 

केवल प्रोग्राम की अवधि में होगा बदलाव 
यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने बताया कि सिर्फ प्रोग्राम की अवधि में बदलाव होगा. विद्यार्थियों के पास पहले सेमेस्टर या दूसरे सेमेस्टर के अंत में एडीपी चुनने का विकल्प होगा, उसके बाद नहीं.

एडीपी चुनने वाले छात्र दूसरे या तीसरे सेमेस्टर से शुरू होने वाले प्रति सेमेस्टर अतिरिक्त क्रेडिट ले सकेंगे. हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे एडीपी कब चुनते हैं. उन्होंने बताया कि यदि छात्र पहले सेमेस्टर के बाद ADP में शामिल होते हैं तो वे दूसरे सेमेस्टर से अतिरिक्त क्रेडिट अर्जित करना शुरू कर देंगे. इसी तरह यदि वे दूसरे सेमेस्टर के बाद एडीपी में शामिल होते हैं, तो अतिरिक्त क्रेडिट लोड तीसरे सेमेस्टर से शुरू होगा.

विस्तारित डिग्री कार्यक्रम में चाहिए ज्यादा समय 
यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार के मुताबिक विस्तारित डिग्री कार्यक्रम में जिस स्टूडेंट्स को थोड़ा ज्यादा समय चाहिए, वे हर सेमेस्टर में कम क्रेडिट ले सकते हैं और इस तरह ज्यादा समय में अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं.

तीन साल या चार साल के ग्रेजुएशन के प्रोग्राम में, अवधि को ज्यादा से ज्यादा दो सेमेस्टर तक बढ़ाया जा सकता है. ग्रेजुएशन के कार्यक्रमों के लिए सिलेबस और क्रेडिट फ्रेमवर्क में क्रेडिट सिस्टम के आधार पर समिति यह तय करेगी कि ईडीपी में एक सेमेस्टर में छात्र को कम से कम कितने क्रेडिट अर्जित करने चाहिए. 

इसलिए लिया गया यह फैसला 
आपको मालूम हो कि हर विद्यार्थी की पढ़ने की क्षमता अलग-अलग होती है. कुछ छात्र जल्दी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं, तो कुछ को थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है. यह सुविधा विद्यार्थियों को अपनी गति से पढ़ने की अनुमति देती है.

यह सुविधा स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी शामिल होने की अनुमति देती है. छात्र अपनी क्षमताओं के अनुसार अपनी पढ़ाई को चुन सकते हैं. यूजीसी के इस नए नियम से छात्रों को समय की पाबंदी के तनाव से मुक्त होकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा.