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Haryana Biggest Lado Library: सरसोद में खुली हरियाणा की सबसे बड़ी लाडो लाइब्रेरी, लैपटॉप से लेकर रखी गई हैं सभी तरह की प्रतियोगी किताबें 

Lado Library Haryana: लाडो पुस्तकालय में लैपटॉप से लेकर सभी तरह की प्रतियोगिता की किताबें रखी गई हैं. इसमें एसएससी, एचटेट, सीटेट, बैंक पीओ, महिला पुलिस कांस्टेबल, नेट, यूजीसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं.

लाडो पुस्तकालय लाडो पुस्तकालय
हाइलाइट्स
  • मुख्य अतिथि के लिए आए थे 500 बेटियों के नाम

  • लड़कियों के लिए है क्रन्तिकारी कदम 

हरियाणा के हिसार जिले में सूबे की सबसे बड़ी लाडो लाइब्रेरी खोली गई है. बीबीपुर मॉडल पर बने गांव सरसोद में हरियाणा का पहला सबसे बड़ा और अत्याधुनिक लाडो पुस्तकालय खोला गया है. इस पुस्तकालय का उद्घाटन लाडो हिमाचल प्रदेश की आर्टिस्ट और मॉडल रिशिधा कटना ने किया है. लाइब्रेरी का उद्घाटन समारोह भी ग्राम पंचायत सरसोद में रखा गया था. 

मुख्य अतिथि के लिए आए थे 500 बेटियों के नाम

लाइब्रेरी का शुभारंभ कराने के लिए ड्रा निकाले गए थे, जिसमें से मुख्य अतिथि का नाम चुना गया था. इनमें 500 से अधिक बेटियों के नाम देशभर से शामिल किए गए थे. बीबीपुर मॉडल के संयोजक प्रोफेसर सुनील जागलान ने बताया कि इस पुस्तकालय को सफल मॉडल बनाएंगे और दूसरे गांवों की लड़कियां भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगी. सुनील जागलान कहते हैं, 'मैंने साल 2013 में पहला लाडो पुस्तकालय गांव बीबीपुर में तैयार किया था और अब तक 142 गांवों में यह पुस्तकालय बनवाने में भूमिका निभा चुके हैं. भारत सरकार को भी इस मॉडल को अपनाकर देशभर के गांवों में लागू करना चाहिए.”

लड़कियों के लिए है क्रांतिकारी कदम 

वहीं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की ट्विंकल ने कहा कि ने कहा कि सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के बीबीपुर मॉडल की सरसोद ग्राम पंचायत में जो हरियाणा का पहला लाडो पुस्तकालय बनाया है, यह एक मॉडल लाइब्रेरी है. यह सभी गांवों में बननी चाहिए. यह लड़कियों के लिए क्रांतिकारी कदम है.

सरपंच सुनीता भ्याण ने कहा कि सरपंच बनने के कारण सिर्फ इस गांव का विकास करना है और बीबीपुर मॉडल द्वारा गांव का संपूर्ण विकास करवा रहे हैं. लाडो पुस्तकालय से गांव में लड़कियों और महिलाओं के लिए बेहतरी के दरवाजे खोले जा सकेंगे. लाडो पुस्तकालय का उद्घाटन करने वाली रिशिधा ने कहा कि यह सही में 'बेटी पढ़ाओ' मुहिम को फलीभूत करेगा.

सभी तरह की किताबें रखी गई हैं 

लाडो पुस्तकालय में लैपटॉप से लेकर सभी तरह की प्रतियोगिता की किताबें रखी गई हैं. इसमें एसएससी, एचटेट, सीटेट, बैंक पीओ, महिला पुलिस कांस्टेबल, नेट, यूजीसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं. समाजसेवी प्रदीप भ्याण ने कहा कि हम सब महिला सशक्तिकरण के जरिए ग्रामीण विकास के मॉडल पर काम करके गांव को आगे बढ़ाएंगे. 

कार्यक्रम के संयोजक सुनील जागलान ने बताया कि महिला सशक्तिकरण माध्यम से ग्रामीण विकास का मेरा सपना लाडो पुस्तकालय पूरा करेगा. इस लाइब्रेरी में कंप्यूटरऔर वाईफाई की सुविधा है. प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों के अलावा ऑनलाइन भी जानकारी हासिल कर सकेंगी. वहीं इस पुस्तकालय में 300 लड़कियों के बैठने की व्यवस्था की गई है. 

(प्रवीण कुमार की रिपोर्ट)