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Hindi Diwas: दिल्ली की इस शिक्षिका ने हिंदी भाषा में रचा है इतिहास, हिंदी में दूसरी भाषा को अलग करने की बनाई नायब तकनीक

Hindi Diwas 2022: कहते है हिंदी दिवस पर ही हमें हिंदी याद आती है, लेकिन कुछ लोग पूरे साल इसे जिंदा रखते हैं. उनका प्रयास है, हिंदी सिर्फ भाषा का रूप न हो, बल्कि जीवन का हिस्सा हो. कुछ ऐसी ही कहानी है दिल्ली में स्थित सरकारी स्कूल की शिक्षिका अर्चना दुआ की.

Delhi Government School teacher Archana Dua Delhi Government School teacher Archana Dua
हाइलाइट्स
  • हिंदी भाषा में दूसरी भाषा को अलग करने की बनाई नायब तकनीक

  • 25 साल से हिंदी वाली दीदी के रूप में अर्चना कर रहीं काम

दिल्ली में सरकारी स्कूल की अध्यापिका अर्चना दुआ ने बाल साहित्य में हिंदी को जीवंत कर दिया. उनकी लिखी कविताएं और साहित्य आज भी स्कूल के छात्रों में हिंदी की लौ जला रही हैं. अर्चना की जिंदगी का मकसद है कि वो हिंदी के आलेख को जन-जन तक पहुंचाएं. अर्चना दुआ 25 सालों से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं. वो हिंदी के माध्यम से गणित, हिस्ट्री और ना जाने कितने सब्जेक्ट हिंदी से जोड़ कर पढ़ा रही हैं.

हिंदी साहित्य पर लिखी हजारों कविताएं

अर्चना दुआ ने अब तक 3 से ज्य़ादा किताबें और हजारों की संख्या में कविताएं हिंदी साहित्य पर लिख दी है. वो कहती हैं बड़ा मुश्किल होता है, जब आप विषय को साहित्य के साथ जोड़ दें. कई बार लगता है, मानो ये हमारे लिए चुनौती है. लेकिन जब छात्र इस हिंदी साहित्य से जुड़ते हैं, तो आनंद आता है.

हिंदी के प्रसार के लिए व्याकरण पर देना होगा जोर

वो कहती हैं, मेरी कविताओं में प्राइमरी एजुकेशन पर ज्यादा जोर है. गणित में त्रिकोण, त्रिभुज, सर्किल सभी विषय कविता के माध्यम से बच्चे सीखते और याद करते हैं. अर्चना मानती हैं कि हिंदी के प्रसार के लिए व्याकरण पर जोर देना होना. अगर सही हिंदी बोलना और लिखना है, तो व्याकरण को याद करने के इस तरीके को अमल करें वो भी कविताओं के माध्यम से.

25 साल से लगीं हैं इस काम में

अर्चना कहती हैं, उनके जीवन में बस एक ही लक्ष्य है कि हिंदी भाषा का सही रूप लोग समझें. राष्ट्रीय भाषा बोलना और हिंदी दिवस पर याद रखना ही एक मात्र विषय नहीं है. रोजाना इसको जीना इसको पढ़ना, हिंदी साहित्य को आने वाली पीढ़ियों को बताना.. यही उनका मकसद है. जो पिछले 25 साल से हिंदी वाली दीदी के रूप में अर्चना कर रही हैं.