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कुकिंग के तरीकों से सरकारी स्कूल के छात्रों को कोडिंग सिखा रहा है यह 17 साल का लड़का

दिसंबर 2023 में शुरू हुई उनकी पहल ‘स्मार्टभारत’ अब तक तेलंगाना के 21 सरकारी स्कूलों तक पहुंच चुकी है.

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हैदराबाद के 17 वर्षीय छात्र आर्यमन माहेश्वरी सरकारी स्कूलों के बच्चों को कोडिंग सिखाने का नया तरीका लेकर आए हैं. वे खाना बनाने के उदाहरणों (Cooking Metaphors) से बच्चों को पाइथन प्रोग्रामिंग सिखाते हैं. इससे कठिन लगने वाले कोडिंग के सिद्धांत बच्चों को आसानी से समझ में आते हैं.

स्मार्टभारत पहल की शुरुआत
दिसंबर 2023 में शुरू हुई उनकी पहल ‘स्मार्टभारत’ अब तक तेलंगाना के 21 सरकारी स्कूलों तक पहुंच चुकी है. यह प्रोग्राम एनजीओ और तेलंगाना शिक्षा विभाग के साथ मिलकर चलाया जा रहा है. इसमें एआई की मदद से स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई कराई जाती है, जिससे बच्चों को सीखना और भी आसान हो जाता है.

डिजिटल गैप पाटने की कोशिश
भारत में 10 लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल हैं, लेकिन सिर्फ 35.8% स्कूलों में ही सही तरीके से कंप्यूटर लैब चल रही हैं. कई ग्रामीण स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक भी नहीं मिलते और अंग्रेज़ी में पढ़ाई होने के कारण छात्र समझ नहीं पाते. स्मार्टभारत इस समस्या का हल देता है- गेम की तरह पढ़ाई, स्थानीय भाषा में वीडियो, क्विज़, प्रैक्टिकल और दोस्तों के साथ मिलकर सीखने की सुविधा.

सीखने का नया अनुभव
इस कोर्स में चार तरीकों पर ध्यान दिया जाता है- Step, Create, Research और Talk. ध्यान बनाए रखने के लिए बीच-बीच में पैटर्न ब्रेक रखे जाते हैं. “बडी सिस्टम” के ज़रिए छात्र एक-दूसरे की मदद करते हैं और ऑनलाइन डैशबोर्ड उनकी प्रगति दिखाता है. शिक्षक बताते हैं कि इससे बच्चों में तकनीक के प्रति उत्साह और भागीदारी दोनों बढ़े हैं.

आर्यमन की सोच
आर्यमन ने 7 साल की उम्र में कोडिंग शुरू की थी और बाद में BuilderGroop नाम से 6,000 से ज्यादा युवाओं का अंतरराष्ट्रीय उद्यमी समुदाय बनाया. उनका कहना है, “तकनीक सिर्फ कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए, यह हर बच्चे का अधिकार होना चाहिए.”

खाना बनाने जैसे रोज़मर्रा के उदाहरणों के ज़रिए पढ़ाई कराते हुए, स्मार्टभारत बच्चों में आत्मविश्वास जगा रहा है कि वे भी डिजिटल दुनिया के निर्माता बन सकते हैं.

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