Kautilya Pandit
Kautilya Pandit हरियाणा के करनाल के रहने वाले कौटिल्य पंडित को देशभर में “गूगल बॉय” के नाम से जाना जाता है. अब मात्र 17 साल की उम्र में कौटिल्य को इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में फिजिक्स की पढ़ाई के लिए एडमिशन मिला है. छोटी उम्र से ही अपनी अद्भुत प्रतिभा और ज्ञान के लिए पहचाने जाने वाले कौटिल्य की इस उपलब्धि से परिवार और शहरवासियों में खुशी का माहौल है.
टीवी से ऑक्सफोर्ड तक का सफर
कौटिल्य पंडित पहली बार उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने छोटी उम्र में देश के मशहूर टीवी शो में अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठकर कठिन सवालों के सटीक और तेज़ जवाब दिए थे. पांच साल की उम्र में ही उन्होंने दुनिया के देशों की राजधानी, करेंसी, जनसंख्या और भौगोलिक जानकारी याद कर सबको चौंका दिया था. अब एक नई उपलब्धि हासिल करते हुए वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए जा रहे हैं.
कौटिल्य की राय: हर बच्चा कर सकता है कमाल
कौटिल्य का कहना है, “हर बच्चे में समान क्षमता होती है, बस सही दिशा और ध्यान की जरूरत होती है. अगर कोई फोकस करे, तो अपनी मंज़िल जरूर पा सकता है.” कौटिल्य ने बताया कि उन्होंने हाल ही में 12वीं की परीक्षा पास की है और अब ऑक्सफोर्ड में फिजिक्स की पढ़ाई करेंगे. उनका कहना है, “भौतिक विज्ञान शुरू से ही मेरा पसंदीदा विषय रहा है. आगे चलकर मैं ब्रह्मांड विज्ञान (Cosmology), प्लाज्मा फिजिक्स, डार्क मैटर, पार्टिकल थ्योरी और AI for Humanity में रिसर्च करना चाहता हूं.”
ऑक्सफोर्ड तक का सफर नहीं था आसान
कौटिल्य ने बताया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाने के लिए उन्हें कई स्टेप्स से गुजरना पड़ा. जैसे,
पढ़ाई में गहरी रुचि
कौटिल्य पंडित अब तक 100 से ज्यादा किताबें पढ़ चुके हैं, जिनमें ग्रंथ, विज्ञान, इतिहास, समाज दर्शन और लोकप्रिय विज्ञान से जुड़ी किताबें शामिल हैं. उन्होंने जिन विश्वप्रसिद्ध पुस्तकों का अध्ययन किया है, उनमें शामिल हैं:
चाणक्य से प्रेरणा
परिवार की खुशी और उम्मीदें
कौटिल्य के पिता सतीश शर्मा का कहना है, “जब बच्चे अच्छा करते हैं तो माता-पिता से ज्यादा खुशी किसी को नहीं होती. कौटिल्य की इस सफलता में परिवार और कई लोगों का योगदान है. हम चाहते हैं कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह देश और मानवता की सेवा करें.”
करनाल का यह गूगल बॉय न सिर्फ़ अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन कर रहा है, बल्कि लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा भी बन गया है. कौटिल्य की इस उपलब्धि से यह साबित होता है कि समर्पण, जिज्ञासा और मेहनत के दम पर कोई भी बच्चा अपनी मंज़िल हासिल कर सकता है.
(कमलदीप की रिपोर्ट)
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