
अब मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में भारतीय छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा मिलने लगेगी. यह घोषणा तब हुई जब पांच विदेशी यूनिवर्सिटीज़ को महाराष्ट्र के एजु-सिटी (Educity) में अपने कैंपस खोलने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) दिए गए. यह एजु-सिटी नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 250 एकड़ में बनाई जा रही है. यहां पर दुनिया की 10 बड़ी यूनिवर्सिटीज़ के लिए जगह तय की गई है.
यह घोषणा मुंबई के एक कार्यक्रम ‘Mumbai Rising: Creating an International Education City’ में की गई, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और UGC के अधिकारी भी मौजूद थे. धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि अभी तक 9 विदेशी यूनिवर्सिटीज़ को भारत में कैंपस खोलने की मंज़ूरी मिल चुकी है और 6 और यूनिवर्सिटीज़ जल्द ही जुड़ेंगी. उन्होंने कहा कि ज़्यादातर यूनिवर्सिटीज़ दुनिया की टॉप 100 रैंकिंग में आती हैं. यह सब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की वजह से मुमकिन हो पाया है.
सीएम फडणवीस ने कहा कि मुंबई को ग्लोबल एजुकेशन हब बनाने की तैयारी है. विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना जो बहुत से युवा नहीं पूरा कर पाते, अब वो मुंबई में ही कम खर्च में पूरा हो पाएगा. विदेश के मुकाबले यह पढ़ाई 23-30% तक सस्ती होगी. एजु-सिटी के पास एक इनोवेशन सिटी भी बनाई जाएगी, जिससे रिसर्च और इंडस्ट्री के बीच तालमेल बढ़ेगा.
इन 5 विदेशी यूनिवर्सिटीज़ को मंज़ूरी मिली:
1. यूनिवर्सिटी ऑफ एबरडीन, स्कॉटलैंड
2. यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया
3. यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क, यूनाइटेड किंगडम
4. इलिनोयस यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, अमेरिका
5. इंस्टीट्यूटो यूरोपियो दी डिसाइन, इटली
इन यूनिवर्सिटीज़ को मिलेगी पूरी आज़ादी:
गुजरात में भी है विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस
2023 में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने भारत में विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए नियमों का एक सेट- Foreign Higher Education Institutions in India Regulations जारी किया. इसके बाद कई विदेशी यूनिवर्सिटीज़ ने भारत में अपने कैंपस खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी. गुजरात के गांधीनगर स्थित GIFT सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी) में डिकिन यूनिवर्सिटी और वोलोंगोंग यूनिवर्सिटी (दोनों ऑस्ट्रेलिया की) पहले से अपने कैंपस स्थापित कर चुकी हैं. इसके अलावा, क्वीन्स यूनिवर्सिटी (बेलफास्ट) और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी (यूके) को भी GIFT सिटी में अपने कैंपस खोलने की मंज़ूरी दी जा चुकी है.
अब भारतीय छात्र बिना विदेश जाए, अपने देश में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा पा सकेंगे. यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में भारत को एक नया मुकाम दिला सकती है.