
एक तरफ जहां बहुत से सरकारी स्कूलों को उनकी जर्जर हालत और छात्रों की कमी के कारण बंद किया जा रहा है तो कुछ सरकारी स्कूल ऐसे हैं जो प्राइवेट स्कूलों के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं. और इन सरकारी स्कूलों को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय जाता है कुछ शिक्षकों को जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी से बढ़कर काम किया है.
इस Teacher's Day पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से नवाजेंगी. आज हम आपको बता रहे हैं राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुने गए पांच शिक्षकों के बारे में.
1. सुनीता ढुल, हरियाणा की शिक्षादूत
सोनीपत की पीएम श्री सरकारी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मुरथल अड्डा की शिक्षिका सुनीता धुल ने अपने 29 साल के करियर में हज़ारों छात्रों की ज़िंदगी बदल दी है. रेड क्रॉस की नेशनल मास्टर ट्रेनर के रूप में उन्होंने 14,000 से अधिक छात्रों को फर्स्ट एड और लाइफ-सेविंग स्किल्स सिखाई हैं. पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्होंने "वन ट्री फॉर मदर" अभियान शुरू किया, जिससे छात्रों में पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण की भावना विकसित हुई.
2. नरिंदर सिंह, पंजाब के इनोवेटिव टीचर
लुधियाना के सरकारी प्राथमिक विद्यालय, जंडियाली के हेड टीचर नरिंदर सिंह पंजाब के इकलौते शिक्षक हैं जिन्हें इस साल राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिला है. उन्होंने 2008 में पहली बार सरकारी स्कूल में समर कैंप और "ऑनेस्टी शॉप" की शुरुआत की, जहां कोई दुकानदार नहीं है. लेकिन बच्चे ईमानदारी से स्टेशनरी खरीदते हैं और पैसे रख जाते हैं. 174 छात्रों के तीन कमरों वाले स्कूल को 800 छात्रों और 15 स्मार्ट क्लासरूम्स वाले आधुनिक संस्थान में बदलना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.
3. परवीन कुमारी, चंडीगढ़ की डिजिटल गुरु
सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर 20-B, चंडीगढ़ की टीजीटी (सोशल स्टडीज) परवीन कुमारी अपने 100% बोर्ड रिजल्ट्स और अभिनव शिक्षण शैली के लिए मशहूर हैं. उन्होंने स्कूल में सोशल साइंस लैब, हर्बल नर्सरी और लिली पोंड की स्थापना की, साथ ही पपेट्री, रोल-प्ले, डांस और म्यूजिक जैसी तकनीकों से पढ़ाई को दिलचस्प बनाया. डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देते हुए वे दो पॉडकास्ट और एक यूट्यूब चैनल भी चलाती हैं.
4. अवधेश कुमार झा, दिल्ली के शिक्षा प्रेरक
सर्वोदय को-एड स्कूल, रोहिणी सेक्टर-8 के प्रिंसिपल अवधेश कुमार झा दिल्ली के एकमात्र शिक्षक हैं जिन्हें इस वर्ष यह सम्मान मिला है. 2015 से प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत झा ने स्कूल को शैक्षिक उत्कृष्टता का केंद्र बना दिया है. उन्होंने निःशुल्क उच्च-गुणवत्ता कोचिंग की शुरुआत की, जिसके तहत इस साल 18 छात्रों ने NEET और 13 छात्रों ने JEE Mains पास किया. साथ ही, स्कूल में फ्रीडम फाइटर पार्क, रीडिंग रूम और टेंशन-फ्री क्लासरूम जैसी अनूठी पहलें लागू कीं.
5. शशि पॉल, हिमाचल प्रदेश
सोलन जिले के शमरोर स्थित सरकारी मॉडल सेंटर प्राइमरी स्कूल के जेबीटी शिक्षक शशि पॉल हिमाचल के इकलौते शिक्षक हैं जिन्हें इस साल यह पुरस्कार मिला है. उन्होंने 250 से अधिक गरीब छात्रों को निशुल्क कोचिंग देकर जवाहर नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल और लॉरेंस स्कूल जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में दाखिला दिलवाया. पॉल ने 10 कंप्यूटरों वाली लैब सामुदायिक सहयोग से बनवाई और मल्टी-ग्रेड व मल्टी-लेवल टीचिंग की नई तकनीकें लागू कीं.
इन शिक्षकों के अलावा और भी बहुत से शिक्षक हैं जिन्हें देशभर से इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. ये टीचर साबित करते हैं कि एक शिक्षक की सोच, मेहनत और नवाचार हज़ारों बच्चों की जिंदगी बदल सकता है. ये शिक्षक सिर्फ शिक्षा नहीं दे रहे, बल्कि भविष्य गढ़ रहे हैं.
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