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NCERT की किताबों से गांधी की हत्या, गोडसे, गोधरा दंगे और RSS से जुड़े तथ्यों को हटाया गया, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

एनसीईआरटी ने अपने सिलेबस में बदलाव करते हुए महात्मा गांधी की हत्या, आरएसएस, नाथूराम गोडसे और गोधरा दंगे जैसी घटनाओं से जुड़े कुछ तथ्यों को हटा दिया है. हटाए गए टॉपिक के बाद नई किताब बाजार में आ गई है. बता दें कि नई किताब को 2023-24 के एकेडमिक सेशन में पठाया जाएगा.

महात्मा गांधी की हत्या के तथ्यों को एनसीआरटीई की किताबों से हटाया. महात्मा गांधी की हत्या के तथ्यों को एनसीआरटीई की किताबों से हटाया.
हाइलाइट्स
  • एनसीईआरटी ने सिलेबस में किया बदलाव

  • गांधी की हत्या और आरएसएस के तथ्यों को अब NCERT में नहीं पढाया जाएगा

NCERT Syllabus Change : नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने पॉलिटिकल साइंस की 12वीं के सिलेबस में कुछ बदलाव किया है. बदले हुए सिलेबस की किताबें अब बाजार में आ गई है जिसमें महात्मा गांधी, नाथूराम गोडसे, RRS से जुड़े कुछ तथ्यों को हटाया गया है. एनसीईआरटी की नई किताब को इसी साल यानि 2023-24 के सेशन में लागू कर दिया जाएगा. हम आपको बताते हैं कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में क्या-क्या बदलाव किया गया है.

एनसीईआरटी की किताबों से क्या-क्या हटाया गया

एनसीईआरटी ने राजनीति विज्ञान की पुरानी किताब से उन लाइनों को हटा दिया गया है जिसमें कहा गया था कि "गांधी जी को वो लोग विशेष रूप से नापसंद करते थे जो चाहते थे कि हिंदू बदला लें या जो चाहते थे कि भारत हिंदुओं के लिए एक देश बन जाए जैसे कि पाकिस्तान मुसलमानों के लिए था. उन लोगों ने गांधी पर मुसलमानों और पाकिस्तान के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया."

12वीं की राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव

एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताबों से इन पंक्तियों को भी हटा दिया गया है. “हिंदू मुस्लिम एकता के गांधी के दृढ़ प्रयास ने हिंदू चरमपंथियों को इतना उकसाया कि उन्होंने गांधी जी की हत्या के कई प्रयास किए. इसके बावजूद उन्होंने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि मैं सुरक्षित हूं और अपनी प्रार्थना सभाओं के दौरान सभी के साथ मिलना जारी रखा. गांधी की मृत्यु का देश में सांप्रदायिक स्थिति पर लगभग जादुई प्रभाव पड़ा. देश के विभाजन से जुड़ा गुस्सा और हिंसा अचानक शांत हो गई. साम्प्रदायिक गर्मी फैलाने वाले संगठनों पर भारत सरकार की कड़ी कार्रवाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था. साम्प्रदायिक राजनीति अपना आकर्षण खोने लगती है”

नाथूराम गोडसे से जुड़े तथ्यों को हटाया

इसके अलावा एनसीईआरटी की कक्षा 12 वीं की इतिहास की किताब से उस हिस्से को भी हटाया गया है, जिसमें गांधी की हत्या और गांधी के हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को पुणे के एक ब्राह्मण के रूप में प्रस्तुत किया. साथ ही गोडसे को एक हिंदू अखबार के संपादक बताया, जिन्होंने गांधी को मुसलमानों के तुष्टिकरण के रूप में निंदा की थी.

गोधरा दंगे के तथ्यों को भी हटाया

आधिकारिक तौर पर एनसीईआरटी ने गोधरा दंगों के संदर्भों को भी हटा दिया है. कक्षा 6 से 12 तक की सभी एनसीईआरटी, सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में गोधरा दंगों के सभी संदर्भों को हटाते हुए देखा गया है. गोधरा दंगों का संदर्भ कक्षा 12 की समाजशास्त्र की किताब अंडरस्टैंडिंग सोसाइटी से हटा दिया गया है. ये हटाए गए पैराग्राफ वर्ग धर्म के बारे में हैं और जातीयता आवासीय क्षेत्रों के अलगाव की ओर ले जाती है और यह 2002 में गोधरा में सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देती है.