
Comic Book, Let's Move Forward
Comic Book, Let's Move Forward पिछले कुछ सालों से भारत में शिक्षा संबंधी कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. प्राइमरी एजुकेशनल सिलेबस से लेकर कॉलेज-यूनिवर्सिटीज तक के सिलेबस में बदलवा किए जा रहे हैं. इस दिशा में UNESCO के सहयोग से NCERT ने एक और पहल की है. शिक्षा विभाग ने एक अनूठी कॉमिक बुक "Let's Move Forward" अपनी वेबसाइट पर अपलोड की है. इस कॉमिक कोस्कूली बच्चों के बीच कई स्टीरियोटाइप्स और मिथकों को तोड़ने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए NCERT और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से UNESCO दिल्ली ने जारी किया है.
कॉमिक बुक में शामिल हैं 11 विषय
रंगीन कॉमिक बुक में ग्यारह विषयों को शामिल किया गया है जिनमें हेल्दी पालन-पोषण, इमोशनल वेल-बींग और मानसिक हेल्थ, इंटरपर्सनल रिलेशनशिप, वैल्यूज, लैंगिक समानता, स्वास्थ्य और स्वच्छता, नशीली चीजों के सेवन की रोकथाम और प्रबंधन, रिप्रोडक्टिव हेल्थ और HIV की रोकथाम, मेन्सट्रुअल हाइजीन, यौन हिंसा से सुरक्षा, इंटरनेट सुरक्षा और जिम्मेदार सोशल मीडिया व्यवहार शामिल हैं.
भारत, भूटान, मालदीव और श्रीलंका के लिए यूनेस्को के निदेशक और प्रतिनिधि एरिक फाल्ट ने कहा कि सतत विकास (Sustainable Development) के लिए 2030 एजेंडा से पता चलता है कि “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण, लैंगिक समानता और मानवाधिकार आंतरिक रूप से आपस में जुड़े हुए हैं.” NCERT ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अन्य भागीदारों के साथ साझेदारी में टीनेजर्स के स्वास्थ्य और कल्याण पर स्कूल हेल्थ प्रोग्राम कर्रिकुलम और रिसोर्स मेटेरियल्स विकसित करने का बीड़ा उठाया है. इस कॉमिक बुक का उद्देश्य किशोरों के ज्ञान और जागरूकता को बढ़ाना है.

हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध
32 पेज की कॉमिक बुक को हाल ही में छात्रों के पढ़ने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. यह बुक बच्चों का मार्गदर्शन भी करती है कि उन्हें सौंदर्य उत्पादों या बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट्स के बारे में भ्रामक विज्ञापनों के झांसे में नहीं आना चाहिए, जिसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है.
कॉमिक बुक में स्कूल हेड्स और मैनेजमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण सबक भी है, कि उनके पास विकलांग बच्चों के लिए व्हीलचेयर-सुलभ रैंप और अन्य सुविधाएं होनी चाहिए. सेक्सुअल मिसकंडक्ट और सोशल मीडिया व्यवहार पर भी बात की गई है. इस विषय को काल्पनिक कहानी से माध्यम से समझाया गया है. इस कहानी का नैतिक संदेश यही कहता है, "छात्रों को हिंसा, दुर्व्यवहार और असुरक्षित स्थितियों की बुनियादी समझ होनी चाहिए और प्रतिक्रिया देने और मदद लेने के प्रभावी तरीके विकसित करने चाहिए."
जरूरी मुद्दों पर बात
कॉमिक बुक बच्चों को ट्रांसजेंडर और अन्य तीसरे लिंग के व्यक्तियों का सम्मान करने के लिए संवेदनशील बनाती है. साथ ही, कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी विषयों को भी छूती हैं जैसे गंदे सैनिटरी नैपकिन के उपयोग को रोकना, एचआईवी जागरूकता और ड्रग्स से संबंधित जागरूकता आदि. उदाहरण के लिए, किताब में एक फुटबॉल खिलाड़ी आनंद पर भी एक पाठ है, जो परीक्षा के तनाव से राहत पाने के लिए धूम्रपान और ड्रग्स लेना शुरू कर देता है. इसी तरह एक कहानी के साथ लिंग भेदभाव के मुद्दे को कुशलता से संबोधित किया गया है.