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स्कूल के बच्चे सीख रहे फिल्ममेंकिंग... सामाजिक मुद्दों पर बनाते हैं शॉर्ट फिल्म... अब इस टीचर को मिलेगा National Teacher's Award 2025

अब तक तरुण दास ने अपने छात्रों के साथ मिलकर सात शॉर्ट फिल्में बनाई हैं, जो सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित हैं. इनमें से तीन फिल्मों ने राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी जीते हैं.

National Teacher's Award 2025 National Teacher's Award 2025

ओडिशा के कोरापुट स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में कक्षाओं के बाद का नजारा बिल्कुल अलग होता है. यहां बच्चे पढ़ाई के बाद कैमरा उठाते हैं, शॉर्ट फिल्में शूट करते हैं, एडिटिंग करते हैं और पोस्ट-प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाते हैं. लेकिन ये फिल्में आम नाटकीय कहानियां नहीं होतीं, बल्कि समाज की समस्याओं पर आधारित होती हैं.

‘कथा चित्र’ प्रोजेक्ट से मिली नई दिशा
इस अनोखी पहल के पीछे हैं विद्यालय के प्राथमिक शिक्षक तरुण कुमार दास, जिन्होंने 2021 में एनसीईआरटी (NCERT) के तहत ‘कथा चित्र’ नामक प्रोजेक्ट की शुरुआत की.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है-

  • शिक्षा को नाटक और ड्रामा के माध्यम से रोचक बनाना
  • छात्रों में सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना
  • बच्चों को फिल्म निर्माण की नई तकनीकों से परिचित कराना

तरुण दास ने न्यू इडियन एक्सप्रेस से कहा, “शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए. बच्चों को ऐसे सीखना चाहिए कि वे समाज की समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम बन सकें.”

सात शॉर्ट फिल्में, तीन ने जीते बड़े पुरस्कार
अब तक तरुण दास ने अपने छात्रों के साथ मिलकर सात शॉर्ट फिल्में बनाई हैं, जो सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित हैं. इनमें से तीन फिल्मों ने राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी जीते हैं:

  • ‘पहिया कुर्सी’- समावेशी शिक्षा पर आधारित, एनसीईआरटी के ऑल इंडिया चिल्ड्रन ई-कंटेंट प्रतियोगिता में दो पुरस्कार
  • ‘दादाजी का ठेला’- सिंगल-यूज़ प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैलों के इस्तेमाल पर जागरूकता, एनसीईआरटी अवॉर्ड 2024
  • ‘सड़क’- सड़क सुरक्षा पर आधारित, नेशनल रोड सेफ्टी शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2021 में पुरस्कार विजेता
  • इनमें से ‘पहिया कुर्सी’ को यूट्यूब पर 7 लाख से ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.

बच्चों में जागरूकता और स्किल डेवलपमेंट
इस प्रोजेक्ट के जरिए बच्चे सिर्फ फिल्म निर्माण की तकनीक नहीं सीख रहे, बल्कि समाज की वास्तविकताओं को भी समझ रहे हैं.

  • छात्र खुद फिल्म के अभिनेता बनते हैं
  • शूटिंग उनके स्थानीय इलाकों में की जाती है
  • समुदायों में भी जागरूकता बढ़ती है
  • मिलेट्स को पॉपुलर बनाने की पहल

तरुण दास ने विद्यालय में ‘मंडिया डे’ (Mandia Day) की भी शुरुआत की है. हर सोमवार को बच्चे मिलेट्स (मंडिया) से बने अलग-अलग व्यंजन खाते हैं ताकि स्वस्थ आहार और पोषण के प्रति जागरूकता बढ़े.

पुरस्कार और योगदान
तरुण दास को इससे पहले भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं:

  • सीवी रमन साइंस टीचिंग अवॉर्ड
  • क्लासरूम इनोवेशन एंड एक्सपेरिमेंटेशन अवॉर्ड
  • राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिक शिक्षकों के मेंटर (NCTE)
  • ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में फ्री मेंटरशिप

शिक्षा के क्षेत्र में नई राह
तरुण दास की यह पहल शिक्षा के नए मॉडल की ओर इशारा करती है, जहां किताबों के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव, सामाजिक जागरूकता और तकनीकी कौशल को भी समान महत्व दिया जाता है. उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा.

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