
ओडिशा के कोरापुट स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में कक्षाओं के बाद का नजारा बिल्कुल अलग होता है. यहां बच्चे पढ़ाई के बाद कैमरा उठाते हैं, शॉर्ट फिल्में शूट करते हैं, एडिटिंग करते हैं और पोस्ट-प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाते हैं. लेकिन ये फिल्में आम नाटकीय कहानियां नहीं होतीं, बल्कि समाज की समस्याओं पर आधारित होती हैं.
‘कथा चित्र’ प्रोजेक्ट से मिली नई दिशा
इस अनोखी पहल के पीछे हैं विद्यालय के प्राथमिक शिक्षक तरुण कुमार दास, जिन्होंने 2021 में एनसीईआरटी (NCERT) के तहत ‘कथा चित्र’ नामक प्रोजेक्ट की शुरुआत की.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है-
तरुण दास ने न्यू इडियन एक्सप्रेस से कहा, “शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए. बच्चों को ऐसे सीखना चाहिए कि वे समाज की समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम बन सकें.”
सात शॉर्ट फिल्में, तीन ने जीते बड़े पुरस्कार
अब तक तरुण दास ने अपने छात्रों के साथ मिलकर सात शॉर्ट फिल्में बनाई हैं, जो सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित हैं. इनमें से तीन फिल्मों ने राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी जीते हैं:
बच्चों में जागरूकता और स्किल डेवलपमेंट
इस प्रोजेक्ट के जरिए बच्चे सिर्फ फिल्म निर्माण की तकनीक नहीं सीख रहे, बल्कि समाज की वास्तविकताओं को भी समझ रहे हैं.
तरुण दास ने विद्यालय में ‘मंडिया डे’ (Mandia Day) की भी शुरुआत की है. हर सोमवार को बच्चे मिलेट्स (मंडिया) से बने अलग-अलग व्यंजन खाते हैं ताकि स्वस्थ आहार और पोषण के प्रति जागरूकता बढ़े.
पुरस्कार और योगदान
तरुण दास को इससे पहले भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं:
शिक्षा के क्षेत्र में नई राह
तरुण दास की यह पहल शिक्षा के नए मॉडल की ओर इशारा करती है, जहां किताबों के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव, सामाजिक जागरूकता और तकनीकी कौशल को भी समान महत्व दिया जाता है. उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा.
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