हर साल पेपर लीक के चलते कई परीक्षाएं रद्द करनी पड़ती हैं. अब मोदी सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है. सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन रोकथाम विधेयक Public Examination (prevention of unfair mean) Bill-2024 पेश किया गया. इसमें छात्रों को बड़ी राहत देने का प्रावधान है तो वहीं परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की व्यवस्था की गई है.
अब राज्यसभा में किया जाएगा पेश
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस विधेयक को सबसे पहले निचले सदन लोकसभा में पेश किया. लोकसभा में पास होने के बाद इसे ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया जाएगा. दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा.
विधेयक का क्या है उद्देश्य
इस समय प्रतियोगी परीक्षाओं में गलत साधनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए खास कानून नहीं है. जैसे पेपर लीक या फिर परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी की जगह पर किसी दूसरे के एग्जाम में शामिल होने जैसे अपराध से निपटने के लिए स्पेशल लॉ या अधिनियम का अभाव है. ऐसे में सरकार ने विधेयक लाकर मेहनती छात्रों को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि उनका परिश्रम बेकार नहीं जाएगा. इसके लिए सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी, निष्पक्ष और विश्वसनीय बनाने के लिए ठोस तंत्र विकसित किया जाएगा.
स्टूडेंट्स को नहीं बनाया जाएगा निशाना
इस विधेयक में स्टूडेंट्स को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी.
बिना वारंट के पुलिस कर सकती है गिरफ्तार
इस विधेयक के तहत सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षा प्रश्न पत्र लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. इस विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे, जिसका अर्थ है कि पुलिस को खुद कार्रवाई करने ( बिना वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने) का अधिकार होगा. साथ ही आरोपी जमानत का हकदार नहीं होगा और कथित अपराधों को समझौते के माध्यम से नहीं सुलझाया जा सकता.
ये सब परीक्षाएं नए कानून के दायरे में आएंगी
लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक-2024 के दायरे में वे सभी प्रतियोगी परीक्षाएं आएंगी जिन्हें केंद्रीय एजेंसियां आयोजित करवाती हैं. जैसे UPSC द्वारा ली जाने वाली परीक्षाएं (सिविल सर्विसेज, सीडीएस, एनडीए आदि), SSC एग्जाम्स, NEET परीक्षाएं, CAT की परीक्षा, IIT-JEE, UGC NET, CSIR NET, NTA आएंगी. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी इसी के दायरे में आएंगी.
ऐसा करने पर मिलेगा दंड
प्रश्नपत्र या आंसर-की लीक करना, दूसरे के बदले परीक्षा देना, आंसर शीट के साथ छेड़छाड़, परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को जवाब उपलब्ध कराना, सीटिंग अरेंजमेंट में गड़बड़ी करना, शॉर्ट-लिस्टिंग प्रक्रिया में हेरफेर करना, आंसर शीट में हेरफेर करना और इस तरह की अन्य गतिविधियों नए विधेयक में पनिशेलब (दंड योग्य) होंगी.
विधेयक में सजा और जुर्माने के ये होंगे प्रावधान
1. विधेयक के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले दोषियों को न्यूनतम 3 से 5 साल तक की कैद और 10 लाख तक की पेनल्टी का प्रावधान है.
2. विधेयक में संगठित अपराध से जुड़े केस में 5 से 10 साल तक की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपए जुर्माना का प्रस्ताव है.
3. सर्विस प्रोवाइडर पर भी नियमों के उल्लंघन पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना और परीक्षा की आनुपातिक लागत की वसूली का प्रस्ताव शामिल है. साथ ही 4 सालों के लिए परीक्षा आयोजित कराने पर भी रोक लग सकती है.