scorecardresearch

Students learning Indian Constitution: जिला परिषद के CEO ने शुरू किया चंद्र ज्योति अभियान, 50 हजार से ज्यादा छात्रों को दी जा रही संविधान की जानकारी

धौलपुर के CEO सोमनाथ का मानना है कि जब तक बच्चों की चेतना में संविधान की प्रस्तावना नहीं उतरेगी, तब तक उनकी शिक्षा अधूरी मानी जाएगी.

Dholpur's Chandra Jyoti Abhiyan Connects 50,000+ Students with Indian Constitution Dholpur's Chandra Jyoti Abhiyan Connects 50,000+ Students with Indian Constitution

राजस्थान में धौलपुर जिला परिषद के CEO ए.एन सोमनाथ ने संविधान की जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए चंद्र ज्योति अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांतों को चित्रों के माध्यम से उकेरा जा रहा है. 

सोमनाथ का मानना है कि जब तक बच्चों की चेतना में संविधान की प्रस्तावना नहीं उतरेगी, तब तक उनकी शिक्षा अधूरी मानी जाएगी. इस अभियान में 350 से अधिक स्कूल और 28 ग्राम पंचायत सक्रिय हैं और 50,000 से ज्यादा छात्र सीधे इस अभियान से जुड़े हुए हैं.

संविधान की जानकारी का प्रसार
संविधान की जानकारी को फैलाने के लिए दीवारों पर पेंटिंग, किताबों और अन्य माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है. सोमनाथ ने बताया, 'मैंने जब जिला जॉइन किया तब मैंने देखा कि किताब का पहला पन्ना, जो संविधान की उद्देशिका है, वह इग्नोर हो रहा है.' तब उन्होंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे संविधान बच्चों के रूटीन का हिस्सा बन जाए. 

सम्बंधित ख़बरें

सोमनाथ ने बताया, 'मैंने 1510 स्कूल विजिट करने के बाद सोचा क्यों न किताब के पहले पन्ने पर काम किया जाए. उसके लिए हमने स्मॉल मॉडल्स बनाए और सिम्पलिफाइड वर्शन भी बताया.'

बाल संसद और प्रतियोगिताएं
संविधान को लेकर स्कूलों में बाल संसद का आयोजन कराया जाता है, जिससे बच्चे देश के लोकतंत्र को अच्छी तरह से समझ सकें. इसके साथ ही समय-समय पर निबंध लेखन और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है. बच्चों को प्रेरित करने के लिए कक्षा 11 की छात्रा नेहा को एक दिन के लिए जिला परिषद का सीईओ बनाया गया, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास पैदा हो सके. 

अभियान का प्रभाव
सोमनाथ का यह अभियान कई लोगों के लिए प्रेरणा साबित हो रहा है. उन्होंने बताया, 'मुझे कहीं ना कहीं लगा कि रूट लर्निंग जरूर हो रही है, लेकिन उसका मतलब किसी को गहराई में पता नहीं. बच्चों को उस एंगल से बताया नहीं जा रहा था.' चंद्र ज्योति अभियान के माध्यम से संविधान की अलख जगाने का यह प्रयास सराहनीय है और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है.

(उमेश की रिपोर्ट)