
सालों की कड़ी मेहनत के बाद जब उसका इनाम मिलता है तो खुशी के आंसू का छलकाना लाजिमी है, पर इस खुशी का अंदाजा लगाना तब और मुश्किल हो जाता है जब कोई ये कहे कि उसके सफलता ने गांव के विकास की नींव भी रख दी है. ऐसा कर दिखाया है यूपी के बाराबंकी के एक छात्र ने. इस छात्र ने 10वीं कक्षा की परीक्षा पास कर ली है. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें बड़ी बात क्या है तो आइए जानते हैं बात बहुत छोटी भी नहीं है.
गांव का नाम किया रोशन
बाराबंकी जिले के निजामपुर गांव के रहने वाले राम केवल ने हाईस्कूल की परीक्षा पास करके अपने गांव के लिए एक मिसाल पेश किया है. राम केवल का गांव निजामपुर में दलित रहते हैं. यहां करीब 200 लोग रहते हैं. इस गांव से आजादी के बाद से आज तक कोई भी हाईस्कूल की परीक्षा पास नहीं कर पाया था. ऐसे में अब एक मजदूर के बेटे ने 77 सालों के बाद हाईस्कूल की परीक्षा पास करके बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है.
रुकना मंजूर नहीं था
राम केवल के पिता शादियों में लाइट्स ढोने का काम करते हैं. राम केवल भी अपने पिता के काम में हांथ बंटाते हैं. वह भी बारात में लाइट्स ढोते हैं. ऐसे में रात-रात भर लाइट सिर पर ढोने के बाद अगली सुबह स्कूल जाकर पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन राम केवल को रुकना मंजूर नहीं था. मुफलसी में पढ़ाई के बाद जब गांव का नाम रोशन किया तो बाराबंकी के जिलाधिकारी ने खुद राम केवल से मुलाकात की.उन्होंने राम केवल को आगे पढ़ने के लिए हौसला बढ़ाया. नेताओं और मंत्रियों ने भी राम केवल को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. अपने गांव के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल कर चूके राम केवल का इरादा अब पीछे मुड़कर देखने का नहीं है.
(सैयद रेहान मुस्तफा की रिपोर्ट)