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राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज के इतिहास में पहली बार दो लड़कियों को मिला संस्थान में दाखिला, अगले साल से बढ़ेंगी छात्राओं की सीट

राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की स्थापना को 100 साल से ज्यादा समय हो चुका है और अब इतने सालों बाद, पहली बार यहां पर 2 छात्राओं का दाखिला हुआ है. यह अपने आप में ऐतिहासिक बात है.

RIMC RIMC
हाइलाइट्स
  • मार्च में की गई थी छात्राओं को शामिल करने की घोषणा

  • 586 लड़कियों ने दी थी प्रवेश परीक्षा

राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी) का इतिहास 100 साल से ज्यादा पुराना है. भारतीय सेना में शामिल होने की इच्छा रखने वाले छात्र यहां आते हैं. इस कॉलेज के इतिहास में पहली बार दो लड़कियों को दाखिला दिया गया. 

'2022 का जुलाई बैच' सोमवार को कक्षा 8 के छात्रों के साथ शुरू हुआ, जिसमें दो छात्राएं भी शामिल थीं. केंद्रीय कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह का कहना है कि यह "कॉलेज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण" है. उन्होंने कहा कि एक छात्रा हरियाणा की है और दूसरी डे स्कॉलर है. 

मार्च में की गई थी छात्राओं को शामिल करने की घोषणा
RIMC में लड़कियों को प्रवेश देने का निर्णय सरकार द्वारा महिलाओं के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के दरवाजे खोलने के बाद आया. RIMC कमांडेंट कर्नल अजय कुमार ने मार्च में संस्था के शताब्दी स्थापना दिवस के दौरान घोषणा की थी कि वे जल्द ही छात्राओं को भी शामिल करेंगे. 

संस्थान को छात्राओं के लिए उपयुक्त बनाने के लिए सैन्य कॉलेज ने अपने निर्णय को अंतिम रूप देने से पहले सभी आवश्यक कदमों का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया था. आरआईएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि इस बैच में लड़कियों के लिए पांच सीटें थीं, लेकिन केवल दो ही नामांकन की प्रक्रिया को पूरा कर सकीं.  

586 लड़कियों ने दी थी प्रवेश परीक्षा
बताया जा रहा है कि अगले साल जनवरी बैच से लड़कियों के लिए सीटें बढ़ायी जाएंगी. पांच सीटों के लिए देशभर से कुल 568 लड़कियों ने प्रवेश परीक्षा दी थी. आपको बता दें कि RIMC की स्थापना 13 मार्च, 1922 को भारतीय युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी ताकि बाद में उन्हें अधिकारियों के रूप में ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल किया जा सके.