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अनोखा है पढ़ाने का अंदाज, साइंस को म्यूजिक से जोड़कर बनाया आसान, 10 से ज्यादा छात्रों को अब मिल रही है स्कॉलरशिप

तमिलनाडु की साइंस टीचर, मैथिली आज पूरे देश के टीचर्स के लिए एक प्रेरणा हैं. विज्ञान को छात्रों के लिए आसान बनाने के लिए वह बहुत ही अनोखे तरीके निकालते हैं.

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हाइलाइट्स
  • साइंस को म्यूजिक से जोड़ बनाया आसान 

  • छात्रों ने बनाए कई साइंस प्रोजेक्ट 

कहते हैं कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती है. क्योंकि वहां टीचर्स बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी टीचर की कहानी जो न सिर्फ छात्रों को पढ़ाती हैं बल्कि उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ाने के लिए दिन-रात एक कर रही हैं. 

पुदुक्कोट्टई जिले के रामचंद्रपुरम में शिक्षकों के परिवार में जन्मी, मैथिली अपने छात्रों को विज्ञान की दुनिया में जोड़ रही हैं और वह भी बहुत आसान तरीके से. रसायन विज्ञान में एमएड और मास्टर्स के साथ एम.फिल ग्रेजुएट, 36 वर्षीय मैथिली, 2014 से पुदुकोट्टई के कम्मांगडु गांव में पंचायत यूनियन मिडिल स्कूल (पीयूएमएस) में विज्ञान शिक्षक के रूप में काम कर रही हैं. 

साइंस को म्यूजिक से जोड़ बनाया आसान 
मैथिली विज्ञान और संगीत को एक असामान्य तरीके से जोड़ती हैं. सरकारी स्कूल में उनकी कक्षा में हमेशा चहकती रहती हैं क्योंकि वह सहजता से साइंस के मुश्किल कॉन्सेप्ट्स को आकर्षक फिल्मी गीतों में बदल देती है. उनकी कक्षा में साइंस के कॉन्सेप्ट्स पर गाने सुने जा सकते हैं. 

मैथिली का सबसे बड़ा सपना अपने छात्रों को महत्वाकांक्षी और विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक बनाना है. अन्य शिक्षकों के विपरीत, वह छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाने के लिए कई अलग-अलग तरीकों का उपयोग करती हैं. पढ़ाते समय, वह विभिन्न प्रकार की एप्लिकेशन्स जैसे ARloopa, FXguru, और साइंस से संबंधित मैटेरियल्स का उपयोग करती हैं. 

छात्रों ने बनाए कई साइंस प्रोजेक्ट 
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मैथिली ने कई छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए तैयार किया और पुरस्कार जीतें. उनके छात्रों ने कई प्रोजेक्ट किए हैं, जिनमें एक मूविंग सोलर पैनल, प्लास्टिक का उपयोग करके बनाया ब्लूटूथ स्पीकर, एक हार्टबीट मॉनिटरिंग सिस्टम, समुद्री लहरों से बिजली उत्पादन और एक पेपर रीसाइक्लिंग मशीन शामिल है. इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने वाले आठ छात्रों ने मैथिली को कई पुरस्कार दिलाए और उन्होंने 2018 से 2022 तक इंस्पायर अवार्ड्स जीते.

मैथिली ने कई अन्य प्रोजेक्ट्स को भी पूरा किया है, जैसे ईयरबड्स के साथ स्केलेटन मॉडल, चुंबक और लोहे के साथ पाचन तंत्र, और मर्ज क्यूब, जो सौर मंडल को एक साथ लाता है. इसके लिए उन्हें तमिलनाडु सरकार की ओर से 2019 में इनोवेटिव टीचर अवार्ड मिल चुका है. 2021 में, उन्हें तीन और पुरस्कार मिले - डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अवार्ड (ड्रीम टीचर), इनोवेटिव वुमन अचीवर अवार्ड और बेस्ट एक्ज़िबिटर अवार्ड. 

कई छात्रों को मिल रही है स्कॉलरशिप 
इसके अलावा, मैथिली ने अपने छात्रों को ट्रेन किया है और उन्हें राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति (एनएमएमएस) परीक्षा लिखने के लिए तैयार किया है. इस बात में कोई हैरानी नहीं है कि उनके 14 छात्रों को छात्रवृत्ति मिल रही हैय साथ ही, उन्होंने कई छात्रों से विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) की परीक्षा भी कराई. 

इनमें से 23 छात्रों को दिसंबर 2020 में ऑनलाइन इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) द्वारा आयोजित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड इवेंट में भाग लेने का मौका मिला. मैथिली ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वह अपने छात्रों को वैज्ञानिक बनने के लिए तैयार कर रही हैं.