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Inspirational: प्रवासी मजदूरों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा और शेल्टर दे रही है यह महिला

गुजरात के वडोदरा में जुइन दत्ता अपने पाठशाला प्रोजेक्ट के जरिए सड़क पर, कंसट्रक्शन साइट्स और कच्ची बस्तियों से आने वाले 100 बच्चों को मुफ्त शिक्षा और शेल्टर दे रही है.

Free education and shelter to slum kids (Photo: Facebook/Pathshala and Pathbhavan, Srotoshwini Trust, Vadodara) Free education and shelter to slum kids (Photo: Facebook/Pathshala and Pathbhavan, Srotoshwini Trust, Vadodara)

गुजरात के वडोदरा में श्रोतोस्विनी ट्रस्ट के तहत पाठशाला परियोजना शुरू करके सैकड़ों गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा और शेल्टर दिया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को शुरू किया है जुइन दत्ता ने और इस परियोजना का उद्देश्य सड़क पर, कंसट्रक्शन साइट्स और कच्ची बस्तियों में रहने वाले बच्चों के जीवन को संवारना है. इस प्रोजेक्ट के तहत स्कूल शिक्षा के लिए एक लेवल-बेस्ड मॉडल का पालन किया जाता है. 

इस तरह कराई जाती है बच्चों को पढ़ाई 
इस प्रणाली में, उनके पास हर एक विषय के लिए पांच स्तर हैं. स्तर बच्चे की उम्र के बजाय उसके ज्ञान के आधार पर तय किए जाते हैं. अगर कोई बच्चा गणित में लेवल 2 पर है, तो वह गुजराती में लेवल 1 पर हो सकता है. इस तरह, यहां पर एक निर्धारित कक्षा प्रणाली का पालन नहीं किया जाता है और बच्चों को उनकी समझ के अनुसार विषयों को पढ़ने की छूट दी जाती है. बच्चे अलग-अलग विषयों पर चर्चा करते हैं, और प्रासंगिक फिल्में देखते हैं. इसके अतिरिक्त, अंग्रेजी, विज्ञान, हिंदी आदि जैसे मुख्यधारा के विषयों के अलावा, छात्र प्राकृतिक विज्ञान, आदिवासी अध्ययन, रामायण और महाभारत का भी अध्ययन करते हैं.

स्तर 5 के पूरा होने के बाद, छात्र कक्षा 8 के लिए पात्र हो जाते हैं। इसके लिए, छात्र राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) पाठ्यक्रम का पालन करते हैं जिसमें उन्हें पढ़ाई के लिए पांच विषयों का चयन करना होता है. ज्यादातर छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अपना करियर बनाने का लक्ष्य रखते हैं. लेकिन उनके पास अगर कोई बच्चा पढ़ने में ज्यादा अच्छा नहीं है, तो वे वेल्डिंग और कंप्यूटर एप्लिकेशन जैसे कमर्शियल कोर्स सीखने में उनकी मदद करते हैं, ताकि बच्चे के पास आगे चलकर आय का स्रोत हो सके. 

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100 बच्चों को मिल रही है शिक्षा 
अब तक, जुइन दत्ता के साथ स्कूल में शिक्षा के लिए 11 शिक्षक, एक्टिविटीज के लिए छह, खेल के लिए चार और बच्चों के साथ हॉस्टल में रहने वाले पांच शिक्षक हैं. वर्तमान में, स्कूल 100 बच्चों को सपोर्ट कर रहा है. स्कूल कला, नृत्य, नाटक और संगीत जैसी गतिविधियां भी कराता है. इसके अलावा, हॉस्टल के संचालन के लिए एक छात्र परिषद है. जुइन ने जब यह काम शुरू किया था तो उन्हें लोगों का ज्यादा साथ नहीं मिला. 

तब वह अपने कुछ दोस्तों के साथ पास के एक कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंची, जहां लगभग 200 मजदूर रहते थे, और उनके बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. इसके चलते उन्होंने गुजरात में वंचित वर्ग के लोगों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा की पेशकश करने वाली एक मोबाइल वैन शुरू की. कुछ ही महीनों में, उनका ग्रुप वडोदरा भर में सैकड़ों बच्चों को पढ़ा रहा था. लेकिन जैसे-जैसे ये मजदूर स्थान बदलते थे, कई छात्र पढ़ाई छोड़ देते थे. बहुत से बच्चों की मां ने जुइ से कहा कि वे उनके बच्चों को अपने साथ रखकर पढ़ाएं. तभी उन्होंने एक स्कूल बनाने और इन बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया. 

करती थीं लाइब्रेरियन की जॉब
जुइन दत्ता ने योरस्टोरी से बात करते हुए कहा कि समाज सेवा और शिक्षण के प्रति यह जुनून उनके माता-पिता से आया है. उनके पिता एक ट्रेड यूनियन नेता के रूप में काम करते थे और उन्होंने दूसरों के लिए बहुत कुछ किया, और उनकी मां एक शिक्षिका थीं और लोगों की मदद करती थीं. जुइन लाइब्रेरियन के रूप में काम करती थीं. कुछ वर्षों तक काम करने के बाद, उन्हें एहसास हुआ कि शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा अंतर मौजूद है. बहुत से बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं और वह इन वंचित बच्चों को बेहतर भविष्य बनाने में मदद करना चाहती थीं.