
उत्तर प्रदेश के 54 लाख से ज्यादा छात्रों के लिए मंगलवार का दिन खास होने वाला है. 25 अप्रैल को 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया जाएगा. हाई स्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट दोपहर 1:30 बजे माध्यमिक शिक्षा परिषद के प्रयागराज स्थित मुख्यालय पर घोषित किया जाएगा. इसको लेकर छात्रों में काफी उत्साह है. बोर्ड परीक्षा 16 फरवरी को शुरू हुई थीं और से 4 मार्च तक चली थीं. माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छात्र अपना रिजल्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in और upresults.nic.in पर देख सकते हैं.
54 लाख से ज्यादा छात्रों ने दिया था एग्जाम
इस बार 54 लाख से ज्यादा छात्र यूपी बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित हुए हैं. यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 31 मार्च को ही पूरा हो गया था. उसके बाद से रिजल्ट घोषित करने को लेकर तैयारी की जा रही थी. गोपनीयता से डेटा फीडिंग (data feeding) के साथ सही समय रिजल्ट घोषित करने के लिए शिक्षा विभाग लगा था.
इस बार कॉपी का मूल्यांकन जल्दी पूरा होने का लाभ न सिर्फ उन छात्रों को मिलेगा जो 12वीं के बाद प्रतियोगी परीक्षा या दूसरे विश्वविद्यालयों में एडमिशन की परीक्षा में शामिल होते हैं, बल्कि यूपी बोर्ड के विद्यालयों में आगे का शैक्षिक कैलेंडर भी इससे नियमित हो सकेगा. अगर पूर्व के वर्षों से तुलना करें तो पिछले वर्ष 18 जून 2022 को रिजल्ट घोषित हुआ था जबकि 2021 में 31 जुलाई को रिजल्ट जारी हुआ था.
न कोई पेपर लीक और न कोई नकल
बोर्ड परीक्षा के लिए इस बार पहले के वर्षों से ज्यादा तैयारी की गई थी. 30 साल में ये पहला मौका होगा जब यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान किसी भी तरह के व्यवधान के बिना परीक्षा सम्पन्न हुई. न तो कोई पेपर लीक की घटना हुई न ही कोई प्रश्न पत्र कैंसिल करना पड़ा. दरअसल शुरू से ही माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ यूपी पुलिस की एसटीएफ ने मिलकर काम किया. तीन महीने पहले से ही संयुक्त बैठक कर शुचितापूर्ण परीक्षा के लिए तैयारी की गई. योगी सरकार ने पहले संगठित नकल कराने पर NSA के तहत कार्रवाई की घोषणा की थी.
इस बार यूपी बोर्ड ने परीक्षा और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की सख्त मॉनिटरिंग की. लखनऊ में दो कंट्रोल बनाए गए थे. पहली बार आंसर कॉपी में बार कोडिंग की गई थी. इसका नतीजा ये हुआ कि छोटी कुछ घटनाओं को छोड़कर नकल का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया. इस बार की परीक्षाओं में 58 लाख 85 हजार 745 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन नकलविहीन परीक्षा के लिए सख्ती को देखते हुए 4 लाख ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी.